मुजफ्फरपुर: साइबर क्रिमनल एटीएम या क्रेडिट कार्ड का वन टाइम पासवर्ड (One Time Password for Credit Card) हासिल कर सेंध लगा रहे हैं. बैंकों में खाता खोलने के बाद दी जाने वाली वेलकम किट को भी साइबर अपराधी हथियार बना रहे हैं. वेलकम किट में दिए गए चेक बुक पर अकाउंट नंबर नहीं लिखा होता है, ऐसे में चेक की संख्या को खुरचकर विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए क्लोन तैयार कर लेते हैं. इसके बाद कस्टमर से किसी बहाने चेक के बारे में जानकारी हासिल कर क्लोन चेक से रकम पार कर देते हैं.
पढ़ें-साइबर ठगों पर लागू नहीं है लॉकडाउन का फरमान, आपकी ये गलती पहुंचा सकती है भारी नुकसान
ऐसे बन सकते हैं आप शिकार: वेबसाइट पर लिंक भेजकर सरकारी विभागों में नौकरी का विज्ञापन देखते ही, साइबर अपराधी वैसा ही फेक वेबसाइट तैयार कर लिंक के जरिए बेरोजगारों से रकम जमा करा रहे हैं. महज दस हजार रुपये और 6 से 7 घंटे में फेक वेबसाइट तैयार हो जाती है. इसके बाद लिंक में दिए गए अकाउंट नंबर में रकम जमा कर जालसाज चंपत हो जाते हैं. इतना ही नहीं नौकरी के नाम पर ठगी के लिए ट्विटर, फेसबुक, वाट्सएप का भी इस्तेमाल हो रहा है. मुजफ्फरपुर रेल एसपी कुमार आशीष (Muzaffarpur Rail SP Kumar Ashish) ने बताया कि साइबर क्रिमिनल कम ब्याज पर लोन का झांसा देकर भी खेल खेलते हैं. इन सभी से बचने के लिए जरुरी सावधानी अति आवश्यक है.
"क्रिमिनल कम ब्याज पर लोन का झांसा देकर भी खेल खेलते हैं. इन सभी से बचने के लिए जरुरी सावधानी अति आवश्यक है. पूरी जानकारी एवं पर्याप्त सतर्कता के अभाव मे अक्सर लोग इंटरनेट एवं ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते है."-कुमार आशीष, रेल एसपी
कैसे रखे खुद को सुरक्षित: एटीएम का इस्तेमाल करने से पहले आप यह देख लें कि एटीएम इंसर्शन पैनल पर किसी प्रकार की दूसरी वस्तु नहीं हो. ट्रांजैक्शन के समय एटीएम पिन नम्बर को हथेली से छुपा कर डालें और ट्रांजैक्शन रसीद वहां नहीं छोड़ें. अपने एटीएम पिन को हर तीन महीने पर बदल दें, यह बैंक द्वारा दी गई सलाह है. क्रेडिट कार्ड रसीद को सुरक्षित रखें ताकि ट्रांजैक्शन की जालसाजी का पता लगा सकें. अपने रसीदों का मासिक विवरण से मिलान कर लें. केवल ऐसे ही क्रेडिट कार्ड को साथ में रखें जिनकी आपको काफी आवश्यकता हो. ऐसे बिल जिन पर आपके क्रेडिट कार्ड का नम्बर दर्ज हो बारीक टुकड़ों में फाड़ दें. अपने घर को बदलने से पहले ही अपने कार्ड निर्गतकर्ता को पता बदलने की सूचना दे दें. अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड खो देते हैं, तो कृपया उसकी सूचना तुरंत दें. अपग्रेडेशन के समय कार्ड को नष्ट करें तो उसे फेंकने के पहले हमेशा उसे एक कोने से दूसरे तक पूरी तरह से काट या तोड़ दें.
भूल कर भी ना करें ऐसा: बैंक से भेजा गया कार्ड अगर क्षतिग्रस्त हो या सील खुली होने की स्थिति में आए तो उसे स्वीकार न करें. अपने क्रेडिट कार्ड पर पिन नम्बर नहीं लिखें. जिस क्रेडिट कार्ड का आप कम इस्तेमाल करते हैं उन्हें अपने साथ न रखें. अपना क्रेडिट कार्ड नम्बर, एटीएम पिन किसी को न बताएं. अपना कार्ड किसी को न दें, भले ही वह अपनी पहचान बैंक कर्मचारी के तौर पर क्यों ना बताएं. किसी अजनबी द्वारा एटीएम मशीन में आपको मदद करने की पेशकश के बहकावे में आने से बचें। किसी अज्ञात और अवैध स्रोत के साथ आप अपने खाते के विवरण को साझा न करें. किसी अनपेक्षित स्रोत से आए अजनबी ई-मेल एटेचमेंट को न खोलें या इन्स्टेंट मेसेज डाउनलोड लिंक पर क्लिक न करें. किसी भी संदेहास्पद ई-मेल को तुरंत डिलीट कर दें. अपने खाता संख्या की जानकारी किसी को फोन पर तब तक न दें, जब तक कि आप कॉल करके यह सुनिश्चित कर लें कि अमुक कंपनी प्रतिष्ठित है.
कभी शेयर ना करें यह जानकारी: जब आपको कोई फोन कॉल आए और क्रेडिट कार्ड का विवरण मांगा जाए तो आप उसे कोई जानकारी न दें. किसी असुरक्षित वेबसाइट पर आप कभी अपने क्रेडिट कार्ड का विवरण न दें. किसी भी ई-मेल में अपने खाते से संबंधित मांगी गई कोई भी गोपनीय सूचना जैसे कि पासवर्ड, कस्टमर आइडी, डेबिट कार्ड नम्बर, पिन, सीवीवी, डीओबी की जानकारी कभी न दें, भले ही वह ई-मेल किसी भी सरकारी प्राधिकारों जैसे कि आयकर विभाग, आरबीआइ या वीजा या मास्टर कार्ड से जुड़ी किसी कंपनी का ही क्यों न हो. अपने बैंक खाते से जुड़ी किसी समस्या या खाते के विवरण और पासवर्ड आदि किसी सोशल नेटवर्किंग साइट या ब्लॉग पर नहीं दें. अपने मोबाइल फोन में अपने एटीएम पिन नम्बर जैसे विवरण को सेव नहीं करें.