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मुजफ्फरपुर में वायरल फीवर के बीच AES की दस्तक, एक बच्चे की मौत

मुजफ्फरपुर में जापानी इंसेफलाइटिस से एक बच्चे की मौत हो गई है. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) को अलर्ट कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

One child dies of Japanese encephalitis in Muzaffarpur
One child dies of Japanese encephalitis in Muzaffarpur
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Published : Sep 11, 2021, 10:24 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जारी वायरल फीवर (Viral Fever) के बीच जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) बीमारी ने भी दस्तक दे दी है. इससे पीड़ित एक इलाजरत बच्चे की मौत हो गई है.

यह भी पढ़ें - वायरल फीवर का कहर: SKMCH और केजरीवाल के बाद अब सदर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं पीड़ित बच्चे

जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी प्रभारी को अलर्ट कर दिया है. वहीं अब जिले में जेई टीकाकरण में तेजी लाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है.

देखें वीडियो

बात दें कि श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के PICU पीकू वार्ड में भर्ती एक बच्चे की जापानी इंसेफलिट्स (JE) से आज मौत हो गई है. मृत बच्चा चंपारण जिला के रामनगर क्षेत्र का रहने वाला था. इस मौत के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) को अलर्ट कर दिया है.

सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया कि SKMCH में पूर्वी चंपारण का एक बच्चा भर्ती था. जिसमें जापानी इंसेफलाइटिस (JE) की पुष्टि हुई थी. वहीं, शनिवार को सदर अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित 6 नए बच्चे भर्ती हुए है.

यह भी पढ़ें - SKMCH का PICU वार्ड फुल, केजरीवाल अस्पताल में भर्ती हुए वायरल फीवर के शिकार 150 बच्चे

आम भाषा में इस बीमारी को चमकी बुखार कहा जाता है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. इंसेफेलाइटिस शब्द 2017 में भी बहुत चर्चा में रहा था जब गोरखपुर के बाबा राघवदास अस्पताल में 40 से ज्यादा बच्चों की मौत इस बीमारी से हो गई थी. इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है.

इससे बचाव का कोई सटीक उपाय भी नहीं है. हालांकि, कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. धूप से बच्चों को दूर रखें. पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनाएं. बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें. रात को मच्छरदानी लगाएं. बच्चों को हल्का साधारण खाना खिलाएं और जंक फूड से दूर रखें. सड़े-गले फल न खिलाएं. घर के आसपास गंदगी न होने दें. बच्चे को खाली पेट न रहने दें, खाना खिलाकर ही सुलाएं. कच्चे मांस का सेवन न करें. किसी भी तरह के बुखार या अन्य बीमारी को नजरअंदाज न करें. बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जारी वायरल फीवर (Viral Fever) के बीच जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) बीमारी ने भी दस्तक दे दी है. इससे पीड़ित एक इलाजरत बच्चे की मौत हो गई है.

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जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी प्रभारी को अलर्ट कर दिया है. वहीं अब जिले में जेई टीकाकरण में तेजी लाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है.

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बात दें कि श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के PICU पीकू वार्ड में भर्ती एक बच्चे की जापानी इंसेफलिट्स (JE) से आज मौत हो गई है. मृत बच्चा चंपारण जिला के रामनगर क्षेत्र का रहने वाला था. इस मौत के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) को अलर्ट कर दिया है.

सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया कि SKMCH में पूर्वी चंपारण का एक बच्चा भर्ती था. जिसमें जापानी इंसेफलाइटिस (JE) की पुष्टि हुई थी. वहीं, शनिवार को सदर अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित 6 नए बच्चे भर्ती हुए है.

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आम भाषा में इस बीमारी को चमकी बुखार कहा जाता है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. इंसेफेलाइटिस शब्द 2017 में भी बहुत चर्चा में रहा था जब गोरखपुर के बाबा राघवदास अस्पताल में 40 से ज्यादा बच्चों की मौत इस बीमारी से हो गई थी. इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है.

इससे बचाव का कोई सटीक उपाय भी नहीं है. हालांकि, कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए. धूप से बच्चों को दूर रखें. पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनाएं. बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें. रात को मच्छरदानी लगाएं. बच्चों को हल्का साधारण खाना खिलाएं और जंक फूड से दूर रखें. सड़े-गले फल न खिलाएं. घर के आसपास गंदगी न होने दें. बच्चे को खाली पेट न रहने दें, खाना खिलाकर ही सुलाएं. कच्चे मांस का सेवन न करें. किसी भी तरह के बुखार या अन्य बीमारी को नजरअंदाज न करें. बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

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