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नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, चमकी पीड़ित एक और की मौत

एईएस से पीड़ित एक और बच्चे ने अपनी जान गंवा दी है. वहीं, मुजफ्फरपुर में कई बच्चे इलाजरत हैं.

अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
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Published : Jun 30, 2019, 10:27 PM IST

मुजफ्फरपुर: एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की मौत अब तक थमी नहीं है. इस बीमारी के चपेट में आकर रविवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया है. इसके बाद मुजफ्फरपुर में AES से बच्चों की मौत का आंकड़ा 192 हो गई है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुछ दिनों पहले 132 बच्चों की मौत हुई थी. इसके बाद दो बच्चों की मौत हुई और रविवार को फिर से एक बच्चे की मौत हो गई है. वहीं, कई बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं.

अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)

बारिश से कम हुआ चमकी का असर
ऐसा माना जाता है कि बारिश आते ही इस बुखार का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो जाता है. वहीं, मुजफ्फरपुर में हुई बारिश के बाद से चमकी पीड़ितों की संख्या में गिरावट आई है.

अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)

जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
    अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.


इन बातों का रखें ध्यान :

  1. बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  2. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  3. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  4. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  5. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  6. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  7. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
  8. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  9. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

मुजफ्फरपुर: एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की मौत अब तक थमी नहीं है. इस बीमारी के चपेट में आकर रविवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया है. इसके बाद मुजफ्फरपुर में AES से बच्चों की मौत का आंकड़ा 192 हो गई है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुछ दिनों पहले 132 बच्चों की मौत हुई थी. इसके बाद दो बच्चों की मौत हुई और रविवार को फिर से एक बच्चे की मौत हो गई है. वहीं, कई बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं.

अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)

बारिश से कम हुआ चमकी का असर
ऐसा माना जाता है कि बारिश आते ही इस बुखार का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो जाता है. वहीं, मुजफ्फरपुर में हुई बारिश के बाद से चमकी पीड़ितों की संख्या में गिरावट आई है.

अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)

जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)
    अस्पताल में भर्ती बच्चे (फाइल फोटो)

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.


इन बातों का रखें ध्यान :

  1. बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  2. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  3. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  4. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  5. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  6. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  7. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
  8. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  9. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
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