मुजफ्फरपुर: कहते हैं कि प्यार अंधा होता है, कब किससे और कहां हो जाए यह किसी को नहीं पता होता. मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में भी कुछ ऐसा ही मामला हुआ. जहां रांग नंबर पर प्यार हुआ और जब प्यार परवान चढ़ा तो प्रेमी गुजरात से प्रेमिका (Boyfriend and Girlfriend Caught) को लेने बिहार पहुंच गया. दोनों ने भागने की नीयत से ट्रेन भी पकड़ लिया, लेकिन शक के आधार पर रेल पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की तो दोनों अपनी कहानी बतायी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों के परिजनों को बुलाकर उन्हें सौप दिया.
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पुलिस की पूछताछ में प्रेमी जोड़ों ने कबूल किया कि वे दोनों एक दूसरे से करीब 5 वर्षो से प्यार करते है. रांग नंबर के जरिए दोनों की बातचीत शुरू हुई थी. पहले लड़की ने बात करने से इंकार कर दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों में बात होने लगी. जिसके बाद धीरे-धीरे बात आगे बढ़ गयी. दोनों 5 वर्षों से फोन से बात करते थे, कभी एक दूसरे से नहीं मिले थे. बाद में सोशल मीडिया के जरिये दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगी और दोनों एकदूसरे को अपनी-अपनी फोटो भेजने लगे. इसके बाद वीडियो कॉल पर बात शुरू हो गई और दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खा ली.
बता दें कि 5 वर्षों के प्यार में पहली बार प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने बिहार पहुंचा था. दोनों ने कहा कि मिलने के बाद वह लोग गुजरात जाकर शादी करने वाले थे, लेकिन जैसे ही ट्रेन पकड़े. पुलिस ने दोनों को पकड़े लिया. वहीं, प्रेमी ने बताया कि वह मूल रूप से बरौनी का रहने वाला है. गुजरात में वह साड़ी बेचने और सेंपल खरीदारों को दिखाने का काम करता है. जबकि युवती बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली है.
दोनों ने पुलिस को बताया कि वह बालिग हैं और एक दूसरे से प्यार करते हैं. 5 वर्षो में पहली बार वे दोनों एक दूसरे से मिले थे. और बरौनी-अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन में टिकट करवाया था ताकि दोनों गुजरात जा सके. युवती ने बताया कि वह रात को छिपकर घर से भाग गए थे. ट्रेन में चेकिंग के दौरान मुजफ्फरपुर में रेल पुलिस को को शक हुआ तो दोनों को मुजफ्फरपुर जीआरपी थाने लाया गया.
इस मामले में जीआरपी थानेदार दिनेश कुमार साहू ने बताया कि दोनों के परिजनों को सूचित किया गया था. दोनों खुद को बालिग बता रहे थे, लेकिन कोई वैध कागजात दोनों में से किसी के पास नहीं होने के कारण उम्र का सत्यापन नहीं हो पाया. परिजनों के आने के बाद दोनों ने अपने-अपने घर जाने की इच्छा जताई. जिसके बाद बॉन्ड बनवाकर दोनों को उनके परिजनों को सौप दिया गया.
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