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SKMCH से ब्लैक फंगस के मरीजों को पटना रेफर करना उचित नहीं: अजय निषाद

SKMCH में ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज बंद होने पर सांसद अजय निषाद ने सवाल उठाया है. जिले के प्रभारी मंत्री और जिलाधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक में सांसद ने कहा कि यह उचित नहीं है.

एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज बंद
एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज बंद
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Published : Jun 5, 2021, 9:29 PM IST

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच (SKMCH) में ब्लैक फंगस (Black fungus) मरीजों का इलाज बंद करने और पटना रेफर करने पर सांसद अजय निषाद ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यहां से मरीजों को पटना रेफर करना कहीं से उचित नहीं है. अस्पताल में जल्द से जल्द ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज शुरू कर देना चाहिए.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: SKMCH में भर्ती दो और बच्चों में चमकी बुखार की पुष्टि, पीड़ितों की संख्या बढ़कर 25

दवा को आवंटन रोककर इलाज बंद
दरअसल, जिले के प्रभारी मंत्री मुकेश सहनी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर वर्चअल बैठक कर रहे थे. जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावे सांसद अजय निषाद भी जुडे हुए थे. वर्चुअल बैठक में सांसद निषाद ने कहा कि उत्तर बिहार का मुजफ्फरपुर मुख्यालय है. यहां पर ब्लैक फंगस का इलाज होने से गरीब व जरूरतमंद मरीज को राहत थी. एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस के मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा था. कई मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं. लेकिन अचानक ब्लैक फंगस के लिए अति महत्वपूर्ण दवा एम्फोटेरिसीन बी का आवंटन रोकते हुए यहां इलाज बंद कर दिया गया. जो सही नहीं है.

ये भी पढ़ें- ये हाल-ए-SKMCH है, 183 कोरोना मरीजों पर यहां हैं केवल चार डॉक्टर, डीएम के आदेश के बाद भी हालात जस के तस

सांसद निषाद ने कहा कि जिस तरह से पटना में इलाज के लिए दवा का कोटा प्रतिदिन 300 से 400 वायल तय हुआ है, उसी तरह से एसकेएमसीएच को प्रतिदिन 200 से 300 वायल दिया जाए.

डीएम ने दिया इलाज शुरू कराने का आश्वासन
मुजफ्फरपर व आसपास के जिलों के मरीजों को पटना जाने में ज्यादा खर्च होगा. सांसद ने बताया कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि दवा का इंतजाम प्राथमिकता के आधार पर कर यहां पर दोबारा से इलाज सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि रविवार तक इलाज सुनिश्चित नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगे.

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच (SKMCH) में ब्लैक फंगस (Black fungus) मरीजों का इलाज बंद करने और पटना रेफर करने पर सांसद अजय निषाद ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यहां से मरीजों को पटना रेफर करना कहीं से उचित नहीं है. अस्पताल में जल्द से जल्द ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज शुरू कर देना चाहिए.

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दवा को आवंटन रोककर इलाज बंद
दरअसल, जिले के प्रभारी मंत्री मुकेश सहनी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर वर्चअल बैठक कर रहे थे. जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावे सांसद अजय निषाद भी जुडे हुए थे. वर्चुअल बैठक में सांसद निषाद ने कहा कि उत्तर बिहार का मुजफ्फरपुर मुख्यालय है. यहां पर ब्लैक फंगस का इलाज होने से गरीब व जरूरतमंद मरीज को राहत थी. एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस के मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा था. कई मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं. लेकिन अचानक ब्लैक फंगस के लिए अति महत्वपूर्ण दवा एम्फोटेरिसीन बी का आवंटन रोकते हुए यहां इलाज बंद कर दिया गया. जो सही नहीं है.

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सांसद निषाद ने कहा कि जिस तरह से पटना में इलाज के लिए दवा का कोटा प्रतिदिन 300 से 400 वायल तय हुआ है, उसी तरह से एसकेएमसीएच को प्रतिदिन 200 से 300 वायल दिया जाए.

डीएम ने दिया इलाज शुरू कराने का आश्वासन
मुजफ्फरपर व आसपास के जिलों के मरीजों को पटना जाने में ज्यादा खर्च होगा. सांसद ने बताया कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि दवा का इंतजाम प्राथमिकता के आधार पर कर यहां पर दोबारा से इलाज सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि रविवार तक इलाज सुनिश्चित नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगे.

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