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यास तूफान ने लीची की फसल को किया तबाह, किसान बोले- पहले लॉकडाउन की मार और अब पानी की बौछार

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Published : May 29, 2021, 6:11 PM IST

चक्रवाती तूफान यास ने लीची किसानों की कमर तोड़ दी है. लगातार हो रही बारिश और तेज हवा ने लीची को काफी नुकसान पहुंचाया है. अब किसान पेड़ में बचे लीची को किसी तरह बाजार पहुंचाने में जुटे हैं, ताकि कम से कम लागत भी निकल जाए.

muzaffarpur
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मुजफ्फरपुरः जिले के लीची उत्पादक किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. लॉकडाउन की वजह से बाजार की अनुपलब्धता से जूझ रहे लीची उत्पादकों की रही-सही कसर समुद्री तूफान यास ने पूरी कर दी है. तूफान की वजह से पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश और तेज हवा के थपेड़ों ने लीची की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है.

ये भी पढ़ेंः बड़ा सवाल: ओडिशा-बंगाल-झारखंड को PM मोदी ने दिए 1 हजार करोड़, बिहार से भेदभाव क्यों?

आंधी-पानी की वजह से पके लीची को तोड़ा नहीं जा सका. ऐसे में तूफान ने पेड़ों में लगी फसल को काफी हद तक बर्बाद कर दिया. अब किसान पेड़ों में बची फसल को किसी तरह तोड़कर बाजार तक पहुंचाने में जुटे हैं. ताकि उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल सके.

देखें वीडियो

'लॉकडाउन में लीची की बिक्री नहीं हो रही थी. अब यास तूफान ने पेड़ में लगी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. पेड़ में बची फसल को तोड़कर बाजार पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. अब ओर बारिश हुई तो लीची को तोड़ना मुश्किल हो जाएगा.' - सुरेंद्र प्रसाद, किसान

पेड़ से गिरी लीची को चुनते किसान
पेड़ से गिरी लीची को चुनते किसान

बता दें कि बिहार के सभी जिलों में चक्रवाती तूफान यास का असर दिखा गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित किसान हुए हैं. तूफान ने किसानों की कमर तोड़ दी है. ना सिर्फ लीची बल्कि अन्य फसलों को भी काफी नुकासन पहुंचा है.

मुजफ्फरपुरः जिले के लीची उत्पादक किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. लॉकडाउन की वजह से बाजार की अनुपलब्धता से जूझ रहे लीची उत्पादकों की रही-सही कसर समुद्री तूफान यास ने पूरी कर दी है. तूफान की वजह से पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश और तेज हवा के थपेड़ों ने लीची की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है.

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आंधी-पानी की वजह से पके लीची को तोड़ा नहीं जा सका. ऐसे में तूफान ने पेड़ों में लगी फसल को काफी हद तक बर्बाद कर दिया. अब किसान पेड़ों में बची फसल को किसी तरह तोड़कर बाजार तक पहुंचाने में जुटे हैं. ताकि उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल सके.

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'लॉकडाउन में लीची की बिक्री नहीं हो रही थी. अब यास तूफान ने पेड़ में लगी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. पेड़ में बची फसल को तोड़कर बाजार पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. अब ओर बारिश हुई तो लीची को तोड़ना मुश्किल हो जाएगा.' - सुरेंद्र प्रसाद, किसान

पेड़ से गिरी लीची को चुनते किसान
पेड़ से गिरी लीची को चुनते किसान

बता दें कि बिहार के सभी जिलों में चक्रवाती तूफान यास का असर दिखा गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित किसान हुए हैं. तूफान ने किसानों की कमर तोड़ दी है. ना सिर्फ लीची बल्कि अन्य फसलों को भी काफी नुकासन पहुंचा है.

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