मुजफ्फरपुर: कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव (Kurhani By Election 2022) के लिए प्रचार का अंतिम दिन है. अंतिम दिन तमाम दलों की ओर से जोर-आजमाइश की जाएगी. अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए जोर लगाया जाएगा. कुढ़नी विधानसभा का उपचुनाव 5 दिसंबर को होना है. बीजेपी और जेडीयू उम्मीदवार के बीच ही मुख्य मुकाबला है. लेकिन, एआईएमआईएम और वीआईपी ने उम्मीदवार देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
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क्यों हुई सीट खालीः दरअसल अनिल साहनी का टिकट घोटाले में नाम आया है जिसमें दोषी करार होने के बाद उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया. वहीं पर पांच दिसंबर को अब चुनाव हो रहा है और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. महागठबंधन की तरफ से कुढ़नी विधानसभा की सीट जदयू के खाते में गई है और जदयू ने यहां से पूर्व मंत्री और 10 साल तक विधायक रहे मनोज कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है.
2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी विधानसभा सीट पर राजद की जीत हुई थी. यहां भाजपा के उम्मीदवार केदार गुप्ता महज 712 मतों से पीछे रह गये थे. 2020 के चुनाव में एनडीए के भीतर भाजपा को जदयू का भी समर्थन हासिल था. इस बार जदयू और राजद एक साथ हैं. उसके साथ कांग्रेस और वाम दल समेत सात दलों की ताकत भी शामिल है, जबकि भाजपा इस बार अकेले चुनाव मैदान में संघर्ष कर रही है.
क्या है जातिगत समीकरणः कुढ़नी में कुल मिलाकर 3 लाख 10 हजार 987 से ज्यादा मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति हैं. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनके मतदाताओं की संख्या तकरीबन 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हजार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हजार मतदाताओं के साथ यादव समाज के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के लोग भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी लगभग 22 हजार के आसपास है. अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता हैं.