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सीएम के विवादित बयान के खिलाफ मुजफ्फरपुर में दर्ज परिवाद की सुनवाई टली, जानें कब मिली है तारीख?

बिहार में जनसंख्या नियंत्रण और प्रजनन दर को लेकर सीएम नीतीश ने सदन में जो विवादित बयान दिया उसको लेकर एक परिवाद मुजफ्फरपुर कोर्ट में दायर किया गया. इस मामले में 25 नवंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन ऐन वक्त पर टल गई.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 25, 2023, 7:54 PM IST

मुजफ्फरपुर : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीएम नीतीश के महिलाओं को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ आज सुनवाई होनी थी लेकिन ऐन वक्त पर सुनवाई टल गई. इस केस के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि महीने का आखिरी शनिवार होने की वजह से कोर्ट ने मामले की सुनवाई को टाल दिया.

इस केस में 1 दिसंबर को होगी सुनवाई : परिवादी एवं अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले की मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट आगामी 1 दिसंबर 2023 को सुनवाई करेगी. बता दें कि सदन में किसी भी विधायक या सांसद अपना वक्तव्य देते हैं या फिर विवादित टिप्पणी करते तो उसको लेकर मुकदमें का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन इस केस में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर याचिकाकर्ता ने परिवाद दायर करवाया है.

''सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि अगर किसी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को लेकर पार्टियों के बीच कोई विवादित टिप्पणी की गई है तो उसपर कोई केस नहीं कर सकता है. लेकिन 'मास' यानी 'जन' के खिलाफ की गई टिप्पणी दायरे में आती है.''- अनिल कुमार सिंह, परिवादी और अधिवक्ता

क्या था विवादित बयान : नीतीश कुमार ने शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों के अंदर जातीय गणना पर अपना पक्ष रखने के दौरान महिलाओं को लेकर जनसंख्या नियंत्रण के दौरान बोलते हुए उन्होंने विवादित बयान दिया था. उन्होंने जो बयान दिया उसे बाद में सेक्स एजुकेशन का रूप दिया जाने लगा. लेकिन भरे सदन में सीएम नीतीश द्वारा महिला विधायकों के बीच बयान देते रहे. इनके इस बयान का विपक्षी दलों की महिलाओं ने बाहर आकर विरोध भी जताया.

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मुजफ्फरपुर : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीएम नीतीश के महिलाओं को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ आज सुनवाई होनी थी लेकिन ऐन वक्त पर सुनवाई टल गई. इस केस के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि महीने का आखिरी शनिवार होने की वजह से कोर्ट ने मामले की सुनवाई को टाल दिया.

इस केस में 1 दिसंबर को होगी सुनवाई : परिवादी एवं अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले की मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट आगामी 1 दिसंबर 2023 को सुनवाई करेगी. बता दें कि सदन में किसी भी विधायक या सांसद अपना वक्तव्य देते हैं या फिर विवादित टिप्पणी करते तो उसको लेकर मुकदमें का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन इस केस में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर याचिकाकर्ता ने परिवाद दायर करवाया है.

''सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि अगर किसी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को लेकर पार्टियों के बीच कोई विवादित टिप्पणी की गई है तो उसपर कोई केस नहीं कर सकता है. लेकिन 'मास' यानी 'जन' के खिलाफ की गई टिप्पणी दायरे में आती है.''- अनिल कुमार सिंह, परिवादी और अधिवक्ता

क्या था विवादित बयान : नीतीश कुमार ने शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों के अंदर जातीय गणना पर अपना पक्ष रखने के दौरान महिलाओं को लेकर जनसंख्या नियंत्रण के दौरान बोलते हुए उन्होंने विवादित बयान दिया था. उन्होंने जो बयान दिया उसे बाद में सेक्स एजुकेशन का रूप दिया जाने लगा. लेकिन भरे सदन में सीएम नीतीश द्वारा महिला विधायकों के बीच बयान देते रहे. इनके इस बयान का विपक्षी दलों की महिलाओं ने बाहर आकर विरोध भी जताया.

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