मुजफ्फरपुर: कोरोना संक्रमण जैसे गंभीर स्थिति में मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल के स्टोर से चार हजार एंटीजन किट गायब करने का मामला और तूल पकड़ने लगा है. सदर अस्पताल के स्टोर से मेडिकल उपकरण के गायब होने के मामले में अब सदर अस्पताल के कई वरीय अधिकारियों की भूमिका भी शक के दायरे में है. जिनके बगैर शह के इतने बड़े पैमाने पर स्टोर से मेडिकल किट का गायब नहीं हो सकता.
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अभी भी मुख्य आरोपी फरार
वहीं मामले के उजागर होने के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी इस मामले का मुख्य आरोपी सदर अस्पताल का प्रबंधक प्रवीण कुमार अभी भी फरार चल रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल के स्टोर से एंटीजन टूल गायब करने की डील करीब चालीस लाख में हुई थी. जिसका हिस्सा अस्पताल से जुड़े कई लोगोंं में बांटना था. लेकिन इससे पहले ही सदर अस्पताल के धंधेबाज मुजफ्फरपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गए.
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संदेह के घेरे में अस्पताल प्रबंधन की भूमिका
हालांकि इस मामले में पुलिस फरार चल रहे आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. वहीं, इस मामले में सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार और सरैया के लैब टेक्नीशियन अमितेश कुमार की तलाश पुलिस कर रही है. जबकि जिले के सिविल सर्जन खुद आरोपी अस्पताल प्रबंधक को बगैर जांच के क्लीन चिट दे रहे हैं. इससे अस्पताल प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं
वहीं मामले में अभी भी सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस मामले में संलिप्त किसी भी सदर अस्पताल के कर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसको लेकर जिले के सिविल सर्जन और अस्पताल से जुड़े वरीय अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी का कहना है कि पुलिस दूसरे आरोपी के बयान पर प्रबंधक पर मामला बना रही है. वहीं अस्पताल प्रबंधन इस सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी ने पुलिस के जांच में सभी तरह से सहयोग करने का दावा कर रहे हैं.