मुजफ्फरपुर: नेपाल के तराई और बिहार में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Rain In Bihar) के कारण कई जिलों में नदियां उफान पर हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में इन दिनों लखनदेई नदी और बूढ़ी गंडक नदी समेत कई नदियां उफान पर हैं. अभी भी बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बना हुआ है. हालात इतने खराब हो गये हैं कि शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया.
शहर के निचले इलाकों में पानी घुसने से स्थिति भयावह हो गई है. ऐसे में ईटीवी भारत ने एसडीआरएफ की टीम (SDRF) के साथ शहर के निचले इलाके में बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा किया. जहां से बूढ़ी गंडक नदी के पानी से हुई तबाही का खौफनाक मंजर साफ नजर आ रहा है. इलाके में रहनेवालों लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है.
बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट नहीं आने से शहर के निचले इलाके अखाड़ाघाट, सिकंदरपुर कुंडल, शेखपुर ढ़ाब, झील नगर, कर्पूरी नगर, आश्रम घाट समेत आसपास के दो हजार से अधिक घर में बाढ़ का पानी 5 से 6 फीट तक लगा हुआ है. इन इलाकों में बाढ़ से प्रभावित लोग फोरलेन और बांध पर शरण लिए हुए हैं.
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बता दें कि जिले के सात प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं. मीनापुर प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी से आ रहे पानी के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं. नदी के बढ़े जलस्तर की वजह से मुख्य बांध पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. कांटी के कोठिया मन (Kothiya Man) के पास बने मुख्य सुरक्षा बांध (Main Safety Dam) से पानी का रिसाव शुरू हो गया था. जिसके बाद बांध को टूटने से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर इंतजाम किए गए. जिले के मीनापुर, साहेबगंज, पारू, औराई, कटरा, गायघाट, बांद्रा और कांटी प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं.
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