मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार और नेपाल में हो रही बारिश के थमने के बाद भी बाढ़ (Flood) के हालात में बहुत सुधार नहीं हो पाया है. मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में अभी भी बूढ़ी गण्डक नदी (Budhi Gandak River) खतरे के निशान से ऊपर बनी हुई है. जिससे अभी भी मीनापुर प्रखंड (Minapur Block) के करीब एक दर्जन से अधिक पंचायत पूरी तरह बाढ़ के पानी मे डूबा हुआ है.
ये भी पढ़ें:Muzaffarpur Flood: बाढ़ ने उड़ाई ग्रामीणों की नींद, पूरी रात जगकर कर रहे बांध की पहरेदारी
सबसे खराब हालत ब्रजमुड़िया इलाके की है. बाढ़ की वजह से इन इलाकों में रहनेवाले लोगों की हालत पूरी तरह नरकीय हो गई है. ईटीवी भारत की टीम ने पानापुर पंचायत के वज्रमुड़िया गाँव मे जाकर ग्राउंड जीरो से हालात का जायजा लिया.
बूढ़ी गंडक नदी में आये सैलाब में प्रखंड के नंदना, घोसौत, हरशेर, बाड़ाभारती और पानापुर पंचायत के निचले इलाके में अब बाढ़ से हालात बिगड़ने लगी है. पिछले पांच दिनों से इन इलाकों के 30 से अधिक गांवो की आबादी बाढ़ में फंसी हुई है. वज्रमुड़िया गाँव के मुख्य सड़क पर अभी भी चार से छह फीट तक पानी बह रहा है. जिससे इस सड़क पर फिलहाल वाहनों का आवागमन बन्द हो चुका हैं.
ये भी पढ़ें:Flood in Muzaffarpur : बाढ़ के कारण कई गांव जलमग्न, ऊंची जगहों पर शरण लेने के लिए लोगों का पलायन
वहीं इस पंचायत में बाढ़ में फसें लोगों के लिए अभी तक मदद के नाम पर एक सरकारी नाव मिली हुई है. जिससे राहत एवं बचाव को लेकर स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी साफ दिख रही है. इस पंचायत में फंसे ग्रामीणों के लिए पानापुर के भष्मी देवी का मंदिर आश्रयस्थल बना हुआ है. प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिली है. लोग पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि जीवन पटरी पर लौट सके.