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AES से मुजफ्फरपुर के SKMCH में 1 बच्चे की मौत, इस साल 8 गवां चुके हैं जान - SKMCH, MUZAFFARPUR

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (AES) का कहर लगातार जारी है. सोमवार की रात एसकेएमसीएच में एक बच्चे की मौत हो गई. एईएस के अबतक 32 मामले आ चुके हैं.

एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर
एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर
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Published : Jun 29, 2021, 3:18 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले में चमकी बुखार (AES) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. एसकेएमसीएच (SKMCH) में चमकी बुखार से पीड़ित एक और बच्चे की मौत हो गई है. इस साल अब तक 8 बच्चों की मौत चमकी बुखार से हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें:मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार: 4 साल के बच्चे में AES की पुष्टि, आंकड़ा बढ़कर हुआ 31

एक और बच्चे ने तोड़ा दम
सोमवार की देर रात पारु के अखिलेश राय के दो वर्षीय पुत्र सुभाष की एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. वह कुछ दिन पहले चमकी बुखार से पीड़ित होने के बाद गंभीर हालत में एसकेएमसीएच में भर्ती थी.

इसे भी पढ़ें:चमकी बुखार का कहर जारी, सीतामढ़ी की 3 साल की मासूम की मौत

अबतक 32 मामले आए हैं सामने
गौरतलब है कि एईएस (AES) के अब तक कुल 32 मामले सामने आए हैं. जिसमें से 8 बच्चों की मौत हुई है. वहीं बाकी बच्चे ठीक हो कर घर जा चुके हैं.

इसे भी पढ़ें:मुजफ्फरपुर के SKMCH में चमकी बुखार से एक और बच्चे ने तोड़ा दम, अब तक 6 की मौत

जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर
    एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.


इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

मुजफ्फरपुर: जिले में चमकी बुखार (AES) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. एसकेएमसीएच (SKMCH) में चमकी बुखार से पीड़ित एक और बच्चे की मौत हो गई है. इस साल अब तक 8 बच्चों की मौत चमकी बुखार से हो चुकी है.

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एक और बच्चे ने तोड़ा दम
सोमवार की देर रात पारु के अखिलेश राय के दो वर्षीय पुत्र सुभाष की एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. वह कुछ दिन पहले चमकी बुखार से पीड़ित होने के बाद गंभीर हालत में एसकेएमसीएच में भर्ती थी.

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अबतक 32 मामले आए हैं सामने
गौरतलब है कि एईएस (AES) के अब तक कुल 32 मामले सामने आए हैं. जिसमें से 8 बच्चों की मौत हुई है. वहीं बाकी बच्चे ठीक हो कर घर जा चुके हैं.

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जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
    एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर
    एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.


इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
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