मुजफ्फरपुर: जिले के बहुचर्चित नवरुणा हत्याकांड मामले में शनिवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों की अनुस्थिति पर नवरुणा के परिजनों और वकील ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है. लेकिन, कई तिथि बीत जाने के बावजूद रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई. उन्होंने सीबीआई पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
शनिवार को इस मामले पर सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को देना था. लेकिन, सीबीआई के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे. इससे नवरुणा के परिजनों और वकील में काफी रोष है.
क्या था मामला?
18 सितंबर 2012 की रात को मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित अपने घर में सो रही नवरुणा का अपहरण हुआ था. आरोपी खिड़की का ग्रिल तोड़कर कमरे में घुसे थे. अपहरण के ढ़ाई महीने बाद जब उसके घर के पास बने नाले की सफाई की गई तो नवरुणा का कंकाल मिला. जिसके बाद हुई डीएनए जांच से साबित हो गया कि यह नवरुणा का ही कंकाल था.
2013 में सीबीआई को सौंपा गया मामला
इस बहुचर्चित मामले की जांच पहले जिला पुलिस ने की. फिर मामला सीआईडी के पास चला गया. लेकिन, कोई इस केस को सुलझाने में सफल नहीं हुआ. अंत में मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग हर तरफ से उठने लगी. जिसके बाद बिहार सरकार ने सितंबर 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी.
सालों बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
नवरुणा के माता-पिता ने अपनी बेटी की हत्या का आरोप भूमाफियों पर लगाया है. उनका कहना है कि जमीन हड़पने की नीयत से उनकी बेटी को मारा गया. साल 2014 से सीबीआई मामले की जांच में लगी है. लेकिन, अब तक आरोपी को सजा नहीं हो पाई है.
बता दें कि कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आगामी 23 अगस्त की तिथि तय की है. बीते 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तीन महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था. लेकिन, जांच नहीं हो पाई. इससे पहले कई बार सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जांच के लिए छह-छह महीने का वक्त ले चुकी है.