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7 साल बाद भी नहीं सुलझी नवरुणा हत्याकांड की गुत्थी, परिजनों ने CBI पर लगाया लापरवाही का आरोप - etv bharat

बता दें कि शनिवार को इस मामले पर सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को देना था. लेकिन, सीबीआई के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे. इससे नवरुणा के परिजनों और वकील में काफी रोष है.

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Published : Jul 27, 2019, 5:25 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले के बहुचर्चित नवरुणा हत्याकांड मामले में शनिवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों की अनुस्थिति पर नवरुणा के परिजनों और वकील ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है. लेकिन, कई तिथि बीत जाने के बावजूद रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई. उन्होंने सीबीआई पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

शनिवार को इस मामले पर सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को देना था. लेकिन, सीबीआई के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे. इससे नवरुणा के परिजनों और वकील में काफी रोष है.

muzaffarpur
नवरुणा की फाइल फोटो

क्या था मामला?
18 सितंबर 2012 की रात को मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित अपने घर में सो रही नवरुणा का अपहरण हुआ था. आरोपी खिड़की का ग्रिल तोड़कर कमरे में घुसे थे. अपहरण के ढ़ाई महीने बाद जब उसके घर के पास बने नाले की सफाई की गई तो नवरुणा का कंकाल मिला. जिसके बाद हुई डीएनए जांच से साबित हो गया कि यह नवरुणा का ही कंकाल था.

muzaffarpur
प्रिय रंजन अन्नू, वरीय अधिवक्ता

2013 में सीबीआई को सौंपा गया मामला
इस बहुचर्चित मामले की जांच पहले जिला पुलिस ने की. फिर मामला सीआईडी के पास चला गया. लेकिन, कोई इस केस को सुलझाने में सफल नहीं हुआ. अंत में मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग हर तरफ से उठने लगी. जिसके बाद बिहार सरकार ने सितंबर 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी.

वकील का बयान

सालों बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
नवरुणा के माता-पिता ने अपनी बेटी की हत्या का आरोप भूमाफियों पर लगाया है. उनका कहना है कि जमीन हड़पने की नीयत से उनकी बेटी को मारा गया. साल 2014 से सीबीआई मामले की जांच में लगी है. लेकिन, अब तक आरोपी को सजा नहीं हो पाई है.

बता दें कि कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आगामी 23 अगस्त की तिथि तय की है. बीते 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तीन महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था. लेकिन, जांच नहीं हो पाई. इससे पहले कई बार सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जांच के लिए छह-छह महीने का वक्त ले चुकी है.

मुजफ्फरपुर: जिले के बहुचर्चित नवरुणा हत्याकांड मामले में शनिवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों की अनुस्थिति पर नवरुणा के परिजनों और वकील ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है. लेकिन, कई तिथि बीत जाने के बावजूद रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई. उन्होंने सीबीआई पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

शनिवार को इस मामले पर सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को देना था. लेकिन, सीबीआई के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे. इससे नवरुणा के परिजनों और वकील में काफी रोष है.

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नवरुणा की फाइल फोटो

क्या था मामला?
18 सितंबर 2012 की रात को मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित अपने घर में सो रही नवरुणा का अपहरण हुआ था. आरोपी खिड़की का ग्रिल तोड़कर कमरे में घुसे थे. अपहरण के ढ़ाई महीने बाद जब उसके घर के पास बने नाले की सफाई की गई तो नवरुणा का कंकाल मिला. जिसके बाद हुई डीएनए जांच से साबित हो गया कि यह नवरुणा का ही कंकाल था.

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प्रिय रंजन अन्नू, वरीय अधिवक्ता

2013 में सीबीआई को सौंपा गया मामला
इस बहुचर्चित मामले की जांच पहले जिला पुलिस ने की. फिर मामला सीआईडी के पास चला गया. लेकिन, कोई इस केस को सुलझाने में सफल नहीं हुआ. अंत में मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग हर तरफ से उठने लगी. जिसके बाद बिहार सरकार ने सितंबर 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी.

वकील का बयान

सालों बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
नवरुणा के माता-पिता ने अपनी बेटी की हत्या का आरोप भूमाफियों पर लगाया है. उनका कहना है कि जमीन हड़पने की नीयत से उनकी बेटी को मारा गया. साल 2014 से सीबीआई मामले की जांच में लगी है. लेकिन, अब तक आरोपी को सजा नहीं हो पाई है.

बता दें कि कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आगामी 23 अगस्त की तिथि तय की है. बीते 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तीन महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था. लेकिन, जांच नहीं हो पाई. इससे पहले कई बार सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जांच के लिए छह-छह महीने का वक्त ले चुकी है.

Intro:मुजफ्फरपुर के बहुचर्चित नवरुणा कांड में सीबीआई के विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई । इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों की अनुस्थिति पर नवरुणा के परिजन की अधिवक्ता ने सवाल उठाए । कहा कि कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है ,लेकिन कई तिथि बीत जाने के बावजूद रिपोर्ट दाखिल नही की गई ।


Body:18 सितंबर 2012 की रात मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित अपने घर में सो रही नवरुणा के कमरे की खिड़की के ग्रिल तोड़ कर अपहरण किया गया था । अपहरण के ढ़ाई महीने बाद उसके घर के पास के नाले की सफाई के दौरान एक मानव कंकाल मिला था । डीएनए जांच में इस कंकाल के नवरुणा के होने की पुष्टि हुई थी । इस बहुचर्चित मामले की सबसे पहले जिला पुलिस ने और फिर सीआईडी ने जांच की थी । लेकिन कोई इस केस को सुलझाने में सफल नहीं हुआ । मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग हर तरफ से उठने के बाद बिहार सरकार ने सितंबर 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दिया था । नवरुणा के माता पिता ने अपनी बेटी की हत्या भूमाफिया द्वारा उनकी जमीन हड़पने की नीयत से किए जाने का आरोप लगाया था । इस मामले की जांच फरवरी 2014 से सीबीआई द्वारा की जा रही थीं । जिसमे सीबीआई इस हत्या कांड के आरोपितों को सजा नही दिलवा सकी ।
बाइट प्रिय रंजन अन्नू वरीय अधिवक्ता व्यवहार न्यायालय मुजफ्फरपुर


Conclusion:कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आगमी 23 अगस्त की तिथि तय की है । बीते दस मई को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तीन माह में जांच पूरी करने का आदेश दिया था । सीबीआइ को तीन माह में जांच पूरी कर 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करनी है । सीबीआई के पास इसके लिए 25 दिन शेष है । इससे पहले आधा दर्जन बार सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जांच के लिए छह छह माह का वक्त ले चुकी है ।
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