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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के बढ़ने लगे मामले! जिला प्रशासन चला रहा जागरुकता अभियान

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Bukhar in Muzaffarpur) के सस्पेक्टेड दो बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ऐसे में गर्मी का मौसम शुरू होते ही चमकी बुखार ने फिर से दस्तक दी है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर लगातार जागरुकता अभियान चला रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
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Published : Apr 4, 2022, 9:49 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के मामले फिर से बढ़ने (AES Cases in muzaffarpur) लगे हैं. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. हाल ही में दो बच्चों को श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (SKMCH) के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. जिसमें एक बच्चा चमकी बुखार सस्पेक्टेड है. बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण मिले हैं. लेकिन डॉक्टरों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, लोगों से अपील- बच्चों का रखें विशेष ख्याल

जिले में चल रहा जागरुकता अभियान: जिला प्रशासन चमकी बुखार को लेकर जिले भर में जागरुकता अभियान चला रहा है. अभियान के माध्यम से बीमारी के बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. चमकी बुखार के नोडल अधिकारी डॉक्टर सतीश ने बताया कि अब तक के आंकड़ों के मुताबिक श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में 7 बच्चे भर्ती हुए थे. जिनमें से 5 बच्चे ठीक होकर घर जा चुके हैं. एक बच्चे का अभी इलाज चल रहा है. जबकि सीतामढ़ी के एक बच्चे की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जागरुकता अभियान चला रही है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि इस मौसम में अपने बच्चे का पूरा ख्याल रखे.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

जानिए क्या हैं इसके उपचार : पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

यह भी पढ़ें: बिहार में चमकी बुखार ने दी दस्तक, मुजफ्फरपुर में दो बच्चे अस्पताल में भर्ती

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मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के मामले फिर से बढ़ने (AES Cases in muzaffarpur) लगे हैं. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. हाल ही में दो बच्चों को श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (SKMCH) के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. जिसमें एक बच्चा चमकी बुखार सस्पेक्टेड है. बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण मिले हैं. लेकिन डॉक्टरों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, लोगों से अपील- बच्चों का रखें विशेष ख्याल

जिले में चल रहा जागरुकता अभियान: जिला प्रशासन चमकी बुखार को लेकर जिले भर में जागरुकता अभियान चला रहा है. अभियान के माध्यम से बीमारी के बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. चमकी बुखार के नोडल अधिकारी डॉक्टर सतीश ने बताया कि अब तक के आंकड़ों के मुताबिक श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में 7 बच्चे भर्ती हुए थे. जिनमें से 5 बच्चे ठीक होकर घर जा चुके हैं. एक बच्चे का अभी इलाज चल रहा है. जबकि सीतामढ़ी के एक बच्चे की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जागरुकता अभियान चला रही है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि इस मौसम में अपने बच्चे का पूरा ख्याल रखे.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

जानिए क्या हैं इसके उपचार : पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

यह भी पढ़ें: बिहार में चमकी बुखार ने दी दस्तक, मुजफ्फरपुर में दो बच्चे अस्पताल में भर्ती

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