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लॉकडाउन से प्रभावित हुआ शाही लीची का व्यापार, अब चाइनीज लीची से आस - Chinese litchi

लॉकडाउन के कारण मुजफ्फरपुर के शाही लीची का व्यापार काफी प्रभावित हुआ है. ऐसे में अब किसान व कारोबारियों की उम्मीदें चाइनीज लीची से लगी हैं. अगर इसके सहारे किसानों के नुकसान की भरपाई हो गई तो ठीक, नहीं तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.

Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर
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Published : Jun 6, 2020, 9:22 PM IST

मुजफ्फरपुर: लॉकडाउन की वजह से इस बार मुजफ्फरपुर की शाही लीची का व्यापार काफी प्रभावित हुआ है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के असर के कारण शाही लीची को अपने फलन के अंतिम चरण में बाजार नहीं मिल पाया. इस वजह से लीची व्यापारियों को उचित दाम नहीं मिला और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.

इन सबके बीच बाजार से शाही लीची गायब भी हो रही है. ऐसे में अब किसान व कारोबारियों की उम्मीदें चाइनीज लीची से लगी हैं. इसकी तुड़ाई 10 जून से होनी है. लीची उत्पादक किसानों की मानें तो पिछले साल शाही लीची ने बहुत ही अच्छा कारोबार किया था लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल गई हैं. अब चाइनीज लीची ही किसानों व कारोबारियों के नुकसान को कम कर सकती है.

देखें विशेष रिपोर्ट

किसान और व्यापारी दोनों मायूस
लीची व्यवसायियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण लीची की सप्लाई खुदरा व्यपारियों को सही समय पर नहीं हो पाई, जिस कारण से शाही लीची का उचित दाम नहीं मिला. हालात ऐसे हुये कि पिछले साल तक 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाली शाही लीची इस बार महज 22 से 25 रुपये प्रति किलो तक ही बिक पा रही है. लिहाजा इस बार बेहद कम कीमत मिलने से व्यापारी और किसान दोनों मायूस हैं.

Muzaffarpur
शाही लीची

चाइनीज लीची है उम्मीद की आखिरी किरण
वहीं मुजफ्फरपुर के लीची किसानों की समस्या को लेकर सरकार की उदासीनता भी किसानों की तकलीफ को और बढ़ा रही है. ऐसी स्थिति में लीची उत्पादक किसानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में अब किसानों के लिए चाइनीज लीची ही उम्मीद की आखिरी किरण है. अगर इसके सहारे किसानों के नुकसान की भरपाई हो गई तो ठीक, नहीं तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.

मुजफ्फरपुर: लॉकडाउन की वजह से इस बार मुजफ्फरपुर की शाही लीची का व्यापार काफी प्रभावित हुआ है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के असर के कारण शाही लीची को अपने फलन के अंतिम चरण में बाजार नहीं मिल पाया. इस वजह से लीची व्यापारियों को उचित दाम नहीं मिला और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.

इन सबके बीच बाजार से शाही लीची गायब भी हो रही है. ऐसे में अब किसान व कारोबारियों की उम्मीदें चाइनीज लीची से लगी हैं. इसकी तुड़ाई 10 जून से होनी है. लीची उत्पादक किसानों की मानें तो पिछले साल शाही लीची ने बहुत ही अच्छा कारोबार किया था लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल गई हैं. अब चाइनीज लीची ही किसानों व कारोबारियों के नुकसान को कम कर सकती है.

देखें विशेष रिपोर्ट

किसान और व्यापारी दोनों मायूस
लीची व्यवसायियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण लीची की सप्लाई खुदरा व्यपारियों को सही समय पर नहीं हो पाई, जिस कारण से शाही लीची का उचित दाम नहीं मिला. हालात ऐसे हुये कि पिछले साल तक 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाली शाही लीची इस बार महज 22 से 25 रुपये प्रति किलो तक ही बिक पा रही है. लिहाजा इस बार बेहद कम कीमत मिलने से व्यापारी और किसान दोनों मायूस हैं.

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शाही लीची

चाइनीज लीची है उम्मीद की आखिरी किरण
वहीं मुजफ्फरपुर के लीची किसानों की समस्या को लेकर सरकार की उदासीनता भी किसानों की तकलीफ को और बढ़ा रही है. ऐसी स्थिति में लीची उत्पादक किसानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में अब किसानों के लिए चाइनीज लीची ही उम्मीद की आखिरी किरण है. अगर इसके सहारे किसानों के नुकसान की भरपाई हो गई तो ठीक, नहीं तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.

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