मुजफ्फरपुर: जीविका कार्यालय मधुबन में सतत जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 330 परिवारों को परिसंपत्ति का स्थानांतरण ग्राम संगठन के माध्यम से किया गया. इसके साथ ही उन्हें जीविकोपार्जन विकल्प से जोड़ा गया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उप विकास आयुक्त और जिला परियोजना प्रबंधक जीविका अनीशा ने की. कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त ने योजना की सफलता पर बधाई देते हुए भविष्य में भी इसी विश्वास के साथ काम करने की सलाह दी.
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सतत जीविकोपार्जन योजना
जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती अनीशा ने सतत जीविकोपार्जन योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए उपस्थित सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधक को बधाई दी. जिला स्तरीय एसजेवाई नोडल धीरज ने बताया कि शराबबंदी के बाद वैसे परिवार जो पारंपरिक रूप से देसी शराब और ताड़ी के व्यवसाय से जुड़े हुए थे. उन्हे ध्यान में रखकर राज्य सरकार की ओर से इनके लिए सतत जीविकोपार्जन योजना की शुरुआत हुई है. प्रखंड परियोजना प्रबंधक मड़वन आशुतोष कुमार ने बताया कि इस योजना के लाभुक अत्यंत गरीब परिवार से होते हैं और इनका चयन ग्राम संगठन के माध्यम से किया जाता है.
5 अगस्त 2018 में हुई योजना की शुरुआत
बता दें कि सतत जीविकोपार्जन योजना की शुरुआत मुजफ्फरपुर जिले में 5 अगस्त 2018 को हुई. शुरुआत दो प्रखंडों कुढ़नी और मीनापुर से की गई. योजना की सफलता को देखते हुए आज जिले के सभी 16 प्रखंडों में सतत जीविकोपार्जन योजना सुचारु रुप से चल रही है. अभी तक जिले में कुल 5909 परिवारों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है. कार्यक्रम के माध्यम से कुल 330 परिवारों को जीविकोपार्जन निवेश निधि और विशेष निवेश निधि के मद में कुल 1 करोड़ 13 लाख 15 हजार रुपये की परिसंपत्ति का हस्तांतरण किया गया है.