मुंगेरः बिहार के मुंगेर में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भागकर एक युवक अपने घर पहुंच (Youth escaped from kidnapper in Munger ) गया. युवक के घर आने के बाद उसकी मां के आंख आंसुओं से भर गए. खुशी के इस पल को देखकर वहां मौजूद दूसरे लोगों की आंखे भी नम हो गई. बेटे को गले से लगाकर मां ने कहा अल्लाह का शुक्रिया, बेटा घर लौट आया. दरअसल, मुंगेर के तारापुर का औरंगजेब बकरी खरीदने के लिए गया था और उसका अपहरण हो गया था. किसी तरह वह वहां से जान बचाकर लौटा.
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अपहरणकर्ताओं के चंगुल से निकलकर थाना सीमा विवाद में फंस गयाः मोहम्मद औरंगजेब अपहर्ताओं के चंगुल से बचकर तो भाग निकला, लेकिन घर आने से पहले कई दो जिलों के सीमा विवाद के पचड़े में फंसना पड़ा. उसके बाद कई तरह की कानूनी प्रक्रियाओं से जूझने के बाद 6 दिन पर वह वापस अपने घर गाजीपुर पहुंच पाया. दरअसल, थाना सीमा क्षेत्र विवाद में औरंगजेब का मामला फंस गया था. चूंकि घटनास्थल बेलहर का होने के बाद भी लक्ष्मीपुर पुलिस ने सभी प्रकार से उसकी मदद की.
तीन लोग गए थे बकरी-खस्सी खरीदनेः औरंगजेब ने बताया कि वह अपने पिता मोहम्मद इलियास के साथ जमुई न्यायालय में बयान दर्ज कराने के बाद घर वापस आया है. इससे पहले उससे काफी परेशानियों से जूझना पड़ा. उसने बताया कि किस तरह वह अपने घर लौट पाया है इसे बयां करना काफी मुश्किल है. उसने बताया कि वह अपने मामा आमिर और एक दोस्त आकाश के साथ बकरी खस्सी खरीदने संग्रामपुर गया था. इसी दौरान वेलोग अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंस गए.
अपहरणकर्ताओं ने अलग-अलग जगह ले जाकर साथ रखाः औरंगजेब ने बताया कि वह और उसका दोस्त आकाश बकरी खरीदने के लिए पहाड़ के तरफ गांव की ओर जा रहे थे. इसी दौरान अपहरणकर्ताओं ने उसे और उसके दोस्त को पकड़ लिया. बदमाशों ने अलग-अलग जगह ले जाकर उन दोनों को रखा. इस दौरान मेरे पिता से भी बात कराई गई. फिर अपहरणकर्ताओं ने आपस में बातकर मेरे बारे में कहा कि इसे भगाना है तो भगा दो वरना कल इसे काट देंगे. इसके बाद मैं वहां से भाग निकला.
"अपने मामा आमिर और एक दोस्त आकाश के साथ बकरी खस्सी खरीदने संग्रामपुर गया था. इसी दौरान अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंस गया. बकरी खरीदने के लिए पहाड़ के तरफ गांव की ओर जा रहे थे. इसी दौरान अपहरणकर्ताओं ने उसे और उसके दोस्त को पकड़ लिया. बदमाशों ने अलग-अलग जगह ले जाकर उन दोनों को रखा. अपहरणकर्ताओं ने आपस में बातकर मेरे बारे में कहा कि इसे भगाना है तो भगा दो वरना कल इसे काट देंगे. इसके बाद मैं वहां से भाग निकला" - औरंगजेब, पीड़ित