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मुंगेर गोलीकांड में पुलिस की 'हार', बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समिति के 3 सदस्यों को जमानत

पिछले साल मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोलीकांड में बिहार पुलिस की हार हुई है. मुंगेर व्यवहार न्यायालय से तीन लोगों को जमानत मिल गयी है.

मुंगेर व्यवहार न्यायालय
मुंगेर व्यवहार न्यायालय
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Published : Jun 16, 2021, 11:02 PM IST

मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोलीकांड में मुंगेर व्यवहार न्यायालय (Munger Civil Court) से बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समिति के 3 सदस्यों को जमानत मिल गई. प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश पांडेय (Akhilesh Pandey) ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत दी.

ये भी पढ़ें- मुंगेर गोलीकांडः राज्य सरकार की याचिका को SC ने किया खारिज, पीड़ित परिवार को देना है 10 लाख रुपये

अनुराग पोद्दार की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई झड़प में श्रद्धालु अनुराग पोद्दार (Anurag Poddar) की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी. परिजनों ने इंसाफ के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया हुआ है.

पुलिस ने भी इस मामले में बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समिति के सदस्य सहित शहर के तीन हजार से अधिक लोगों को अभियुक्त बनाया था.

पुलिस की लापरवाही!
डीएसपी सदर की निगरानी में गठित टीम थानों में आगजनी एवं लूटपाट के मामलों में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. वहीं, बुधवार को दुर्गा विर्सजन कांड में दुर्गा भक्त सह कोतवाली कांड 297/20 के अभियुक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया.

ये भी पढ़ें- मुंगेर फायरिंग में मारे गए युवक के पिता को सरकार दे 10 लाख मुआवजा: पटना हाईकोर्ट

क्या है मामला ?
गौरतलब हो कि मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विर्सजन गोलीकांड के दौरान तत्कालीन कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह (Santosh Kumar Singh) के बयान पर सर्वप्रथम कोतवाली थाना में प्राथमिकी कांड संख्या 297/20 दर्ज हुई थी. जिसमें उन्होंने 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया एवं 200 अज्ञात अभियुक्त की बात कहीं है.

दर्ज नामजद में बड़ी दुर्गा पुजा समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का नाम है. अभियुक्तों के द्वारा पुलिस पर जान मारने के नीयत से हमला करने का आरोप लगाया था एवं कई पुलिस कर्मी को जख्मी होने की बात कही थी. वहीं, दुर्गा विसर्जन गोली कांड प्रकरण में सीआइडी टीम के द्वारा जांच में लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह (Santosh Kumar Singh) का जिले से स्थानांतरण हो चुका है.

ये भी पढे़ं- मुंगेर गोलीकांड: हाईकोर्ट के आदेश पर बड़ा एक्शन, 13 पुलिस पदाधिकारियों का तबादला

जख्म रिपोर्ट ने खोला राज
अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय में दो सिपाही विक्रम कुमार एवं अमन कुमार के जख्मी होने की बात कही. वहीं , जख्म प्रतिवेदन पर चिकित्सा पदाधिकारी ने रिपोर्ट की थी. जिसमें कहा गया था कि दोनों सिपाही को ना तो उपरी जख्म है ना ही आंतरिक जख्म. वरीय अधिवक्ता रंजीत सिंह ने बताया की पुलिस ने दुर्गा भक्तों के विरुद्ध बेबुनियाद ढंग से प्राथमिकी दर्ज की है.

इन्हें मिली जमानत

  • बड़ी दुर्गा पुजा समिति के अध्यक्ष दीपक वर्मा
  • कोषाध्यक्ष- सुशील कुमार साह
  • उप मंत्री- रतन शर्मा

मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोलीकांड में मुंगेर व्यवहार न्यायालय (Munger Civil Court) से बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समिति के 3 सदस्यों को जमानत मिल गई. प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश पांडेय (Akhilesh Pandey) ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत दी.

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अनुराग पोद्दार की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई झड़प में श्रद्धालु अनुराग पोद्दार (Anurag Poddar) की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी. परिजनों ने इंसाफ के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया हुआ है.

पुलिस ने भी इस मामले में बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समिति के सदस्य सहित शहर के तीन हजार से अधिक लोगों को अभियुक्त बनाया था.

पुलिस की लापरवाही!
डीएसपी सदर की निगरानी में गठित टीम थानों में आगजनी एवं लूटपाट के मामलों में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. वहीं, बुधवार को दुर्गा विर्सजन कांड में दुर्गा भक्त सह कोतवाली कांड 297/20 के अभियुक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया.

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क्या है मामला ?
गौरतलब हो कि मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विर्सजन गोलीकांड के दौरान तत्कालीन कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह (Santosh Kumar Singh) के बयान पर सर्वप्रथम कोतवाली थाना में प्राथमिकी कांड संख्या 297/20 दर्ज हुई थी. जिसमें उन्होंने 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया एवं 200 अज्ञात अभियुक्त की बात कहीं है.

दर्ज नामजद में बड़ी दुर्गा पुजा समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का नाम है. अभियुक्तों के द्वारा पुलिस पर जान मारने के नीयत से हमला करने का आरोप लगाया था एवं कई पुलिस कर्मी को जख्मी होने की बात कही थी. वहीं, दुर्गा विसर्जन गोली कांड प्रकरण में सीआइडी टीम के द्वारा जांच में लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह (Santosh Kumar Singh) का जिले से स्थानांतरण हो चुका है.

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जख्म रिपोर्ट ने खोला राज
अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय में दो सिपाही विक्रम कुमार एवं अमन कुमार के जख्मी होने की बात कही. वहीं , जख्म प्रतिवेदन पर चिकित्सा पदाधिकारी ने रिपोर्ट की थी. जिसमें कहा गया था कि दोनों सिपाही को ना तो उपरी जख्म है ना ही आंतरिक जख्म. वरीय अधिवक्ता रंजीत सिंह ने बताया की पुलिस ने दुर्गा भक्तों के विरुद्ध बेबुनियाद ढंग से प्राथमिकी दर्ज की है.

इन्हें मिली जमानत

  • बड़ी दुर्गा पुजा समिति के अध्यक्ष दीपक वर्मा
  • कोषाध्यक्ष- सुशील कुमार साह
  • उप मंत्री- रतन शर्मा
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