मुंगेर: अपनी यात्रा 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' के तहत मुंगेर पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के काफिले को नियोजित शिक्षकों ने रोक लिया. इसके बाद काफिले से उतरे चिराग पासवान का घेराव करते हुए शिक्षकों ने अपने ऊपर की गई सरकारी कार्रवाई पर आक्रोश जाहिर किया. इस बाबत चिराग पासवान ने सभी को आश्वासन देते हुए नीतीश सरकार से बात करने की बात कही है. वहीं, प्रेस वार्ता के दौरान चिराग पासवान ने सरकार की कार्रवाई को गलत ठहरा दिया.
सर्किट हाउस पहुंचे चिराग पासवान का नियोजित शिक्षकों ने घेराव किया. इसके बाद उन्होंने नियोजित शिक्षकों की बात सुनी. शिक्षकों ने बताया कि समान काम के लिए समान वेतन के लिये हम सड़क पर उतरे लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया. सरकार हम पर प्राथमिकी दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई कर रही है. जिले में अभी तक 160 शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है. वहीं 100 से अधिक शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दे दिया है. क्या हम लोग अपनी मांग के लिए शांति से धरना प्रदर्शन भी नहीं कर सकते.
शिक्षकों के साथ हुआ अन्याय- चिराग पासवान
इतना सुनते ही चिराग पासवान अपने गठबंधन की सरकार पर बिफर पड़े.सरकार को ही कटघरे में खड़ा करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ गलत कर रही है. यह एकदम बेईमानी है. यह अन्याय है. मैं इसे उचित नहीं ठहरा सकता. आखिर एक ही स्कूल में 2 शिक्षक 8 घंटे कार्य करते हैं, फिर उनमें वेतन विसंगति क्यों? सरकार को इस पर तुरंत फैसला लेना चाहिए और इस विसंगति को दूर करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करना और निलंबन की कार्रवाई को सरासर गलत ठहराते हुए कहा कि इसका मैं विरोध करता हूं. मैं मुख्यमंत्री को इन सब बातों से अवगत कराऊंगा. कई जिलों से यह शिकायत मिल रही है. यह अन्याय है. जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि जिस शिक्षक को हम भगवान का दर्जा देते हैं. उनके साथ गलत हो रहा है. सरकार को शिक्षकों पर कार्रवाई न कर कम से कम वार्ता करनी चाहिए. सभी समस्याओं का हल वार्ता से हो जाता है.