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मुंगेर: सदर अस्पताल में दवाओं की भारी कमी, महंगे दामों पर बाहर से खरीदने को मजबूर हैं मरीज

सदर अस्पताल में कई रोगों से संबंधित दवाइयां उपलब्ध नहीं है. मरीजों को बाहर से इन्हें महंगे दामों पर खरीद कर लाना पड़ रहा है.

मुंगेर सदर अस्पताल
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Published : Sep 20, 2019, 8:17 AM IST

मुंगेर: जिले के सदर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. सुई और दवाओं के साथ-साथ संसाधनों की कमी के कारण यह अस्पताल रेफर अस्पताल के रुप में तब्दील होता जा रहा है. खुद बीमार बन रहे सदर अस्पताल की सेहत सुधारने की दिशा में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है. जिससे मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए बाहर से सुई और दवाईयां खरीदनी पड़ रही हैं.

मुंगेर सदर अस्पताल में दवाओं की कमी

मरीजों को झेलनी पड़ रही परेशानी
सरकार स्वास्थय विकास के लिए कई तरह की योजानाएं चला रखी है. साथ ही इन योजनाओं के क्रियान्यवन के लिए पर्याप्त फंड भी उपलब्ध कराया हुआ है. इसके बावजूद विभाग की लापरवाही के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. जबकि इस समय अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिले का एक मात्र सदर अस्पताल आज दवाओं की कमी से जूझ रहा है. जबकि जिले के वरीय अधिकारियों का सख्त निर्देश है कि पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता हमेशा अस्पताल में बनी रहनी चाहिए.

shortage of medicines in munger Sadar Hospital
सुमित कुमार, मरीज

महंगे दामों पर बाहर से खरीद रहे दवा
सदर अस्पताल में कई रोगों से संबंधित दवाइयां उपलब्ध नहीं है. मरीजों को बाहर से इन्हें महंगे दामों पर खरीद कर लाना पड़ रहा है. इसके बावजूद दवा की किल्लत दूर नहीं की जा रही है. वहीं अस्पताल में तैनात चिकित्सक धड़ल्ले से बाहर की दवा अस्पताल की पर्ची पर लिख रहे हैं.

shortage of medicines in munger Sadar Hospital
डॉ. पुरुषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन

कौन-कौन सी दवाएं नहीं हैं अस्पताल में
स्लाईन, आरएल, एनएस, टेटनेस, डेक्सोना, पारासीटामोल, ऐल्पराजोलम, डायक्लोफेनिक, जायलोकेन, एमिकासिन, ऐटिनोल, ऐमपीलोक्स टेबलेट, ऐमाक्सीलीन, लोपेज, डोक्सीयाक्लिन, सिफेक्सिन सिरप, एनारपिल जैसी जीवनरक्षक सहित 45 प्रकार की दवाइयां सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.

मुंगेर: जिले के सदर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. सुई और दवाओं के साथ-साथ संसाधनों की कमी के कारण यह अस्पताल रेफर अस्पताल के रुप में तब्दील होता जा रहा है. खुद बीमार बन रहे सदर अस्पताल की सेहत सुधारने की दिशा में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है. जिससे मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए बाहर से सुई और दवाईयां खरीदनी पड़ रही हैं.

मुंगेर सदर अस्पताल में दवाओं की कमी

मरीजों को झेलनी पड़ रही परेशानी
सरकार स्वास्थय विकास के लिए कई तरह की योजानाएं चला रखी है. साथ ही इन योजनाओं के क्रियान्यवन के लिए पर्याप्त फंड भी उपलब्ध कराया हुआ है. इसके बावजूद विभाग की लापरवाही के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. जबकि इस समय अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिले का एक मात्र सदर अस्पताल आज दवाओं की कमी से जूझ रहा है. जबकि जिले के वरीय अधिकारियों का सख्त निर्देश है कि पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता हमेशा अस्पताल में बनी रहनी चाहिए.

shortage of medicines in munger Sadar Hospital
सुमित कुमार, मरीज

महंगे दामों पर बाहर से खरीद रहे दवा
सदर अस्पताल में कई रोगों से संबंधित दवाइयां उपलब्ध नहीं है. मरीजों को बाहर से इन्हें महंगे दामों पर खरीद कर लाना पड़ रहा है. इसके बावजूद दवा की किल्लत दूर नहीं की जा रही है. वहीं अस्पताल में तैनात चिकित्सक धड़ल्ले से बाहर की दवा अस्पताल की पर्ची पर लिख रहे हैं.

shortage of medicines in munger Sadar Hospital
डॉ. पुरुषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन

कौन-कौन सी दवाएं नहीं हैं अस्पताल में
स्लाईन, आरएल, एनएस, टेटनेस, डेक्सोना, पारासीटामोल, ऐल्पराजोलम, डायक्लोफेनिक, जायलोकेन, एमिकासिन, ऐटिनोल, ऐमपीलोक्स टेबलेट, ऐमाक्सीलीन, लोपेज, डोक्सीयाक्लिन, सिफेक्सिन सिरप, एनारपिल जैसी जीवनरक्षक सहित 45 प्रकार की दवाइयां सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.

Intro:मुगेंर - जिले के सदर अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. सुई और दवाओं के साथ-साथ संसाधनों की कमी के कारण यह अस्पताल रेफर अस्पताल के रुप में तब्दील होता जा रहा है. खुद बीमार बन रहे सदर अस्पताल की सेहत सुधारने की दिशा में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई सार्थक पहल नही की गयी है. जिससे मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए बाहर से सुई और दवाईयों को खरीदना पड़ रहा है.Body:सरकार ने स्वास्थय विकास के लिए कई तरह की योजानायें चला रखी है. साथ ही इन योजनाओं के क्रियान्यवन के लिए पर्याप्त फंड भी उपलब्ध कराया हुआ है. बाबजूद इसके विभाग की लापरवाही के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. जिले का एक मात्र सदर अस्पताल आज दवाओं की कमी से जुझ रहा है. जबकि जिले के वरीय अधिकारियों का सख्त निर्देश है कि पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता हमेशा अस्पताल में बनी रहनी चाहिए.
मुगेंर का सदर अस्पताल इन दिनों खुद ही बीमार पड़ गया है. अस्पताल में जरुरी दवाईयां और सुई नही होने से मरीजों को दवा का समुचित लाभ नही मिल रहा है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. जबकि इस समय अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मौसम के करवट लेने के कारण दर्जनों लोग तरह-तरह की बीमारी से पीड़ित हो रहे है.
सदर अस्पताल में कई रोगों से संबंधित दवाइयां उपलब्ध नही है. मरीजों को बाहर से इन्हें मंहगे दामों पर खरीद कर लाना पड़ रहा है. इसके बाबजूद दवा की किल्लत दुर नही की जा रही है. वहीं अस्पताल में तैनात चिकित्सक धड़ल्ले से बाहर की दवा अस्पताल की पर्ची पर लिख रहे है.
कौन-कौन सी दवाइयां नही है अस्पताल में -
स्लाईन, आरएल, एनएस, टेटनेस, डेक्सोना, पारासीटामोल, ऐल्पराजोलम, डायक्लोफेनिक, जायलोकेन, एमिकासिन, ऐटिनोल, ऐमपीलोक्स टेबलेट, ऐमाक्सीलीन, लोपेज, डोक्सीयाक्लिन, सिफेक्सिन सिरप, एनारपिल जैसी जीवनरक्षक सहित 45 प्रकार की दवाइया सदर अस्पताल में उपलब्ध नही है.
बाईट -
नुरजहां , मरीज की परिजन.
शंकुतला देवी , मरीज
सुमित कुमार , मरीज
डॉ पुरुषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन, मुगेंरConclusion:
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