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42 वर्षों से मुंगेर में निकाली जा रही शिव की बारात, धार्मिक झांकियां रहती हैं आकर्षण का केंद्र

मुंगेर में मनसकामना नाथ मंदिर सांस्कृतिक महोत्सव की ओर से 42 वर्षों से भगवान शिव की बारात निकाली जा रही है. इस शिव बारात में सबसे अधिक धार्मिक झांकियां आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं.

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Published : Feb 22, 2020, 10:53 AM IST

मुंगेरः जिले में पिछले 42 वर्षों से बाबा मनसकामना नाथ मंदिर सांस्कृतिक महोत्सव की ओर से महाशिवरात्रि के मौके पर शिव बारात शोभायात्रा निकाली जाती है. वर्ष 2020 का यह शोभायात्रा 43 वां शोभायात्रा है.

शिव बारात
जिले के तमाम सांस्कृतिक राजनीतिक और सामाजिक संस्था की ओर से शोभायात्रा में अलग-अलग विषयों पर आधरित झांकी निकाली जाती है. इस शोभायात्रा में सबसे अधिक धार्मिक झांकी आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

43 वां शोभायात्रा
भगवान भोले के शिव बारात में ब्रह्मा ,विष्णु ,राधा कृष्ण, राम लक्ष्मण, कृष्ण सुदामा ,सहित अन्य देवी-देवताओं के अलावा रावण भूत पिशाच भी बारात में शामिल होते हैं. शिव बारात पूरबसराय परमेश्वर नाथ मंदिर से निकलकर मुर्गियाचक, गांधी चौक ,दीनदयाल चौक, राजीव गांधी चौक ,पटेल चौक ,भगत सिंह चौक, कोड़ा मैदान होते हुए वापस शादीपुर से बाबा मनोकामना नाथ मंदिर आकर द्वार लगती है. जहां पूरे रीति-रिवाज से भगवान शंकर की आरती उतारी जाती है और रात में शंकर और पार्वती के शादी की रस्म भी पूरी की जाती है.

धार्मिक झांकियां आकर्षण का केंद्र
वहीं, इस शोभा यात्रा का उद्घाटन भाजपा के वरिष्ठ नेता संजीव मंडल ने गांधी चौक पर फीता काटकर किया. तत्पश्चात झांकी शहर के प्रमुख मार्गों से गुजर कर वापस मंदिर आई. झांकी देखने के लिए सड़क के दोनों और 20 हजार से अधिक लोग कतार बद्ध होकर खड़े रहे.

पुरस्कार वितरण
बाबा मनोकामना नाथ सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा शोभायात्रा में शामिल झांकियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से भी नवाजा जाता है. पुरस्कार वितरण महाशिवरात्रि के दूसरे दिन टाउन हॉल के प्रांगण में किया जाता है. मौके पर समाजसेवी कंचन गुप्ता ने बताया कि यह शोभायात्रा इस वर्ष 43 वर्ष में प्रवेश किया है. शोभायात्रा का इंतजार मुंगेर के लोगों को पूरे साल रहता है.

मुंगेरः जिले में पिछले 42 वर्षों से बाबा मनसकामना नाथ मंदिर सांस्कृतिक महोत्सव की ओर से महाशिवरात्रि के मौके पर शिव बारात शोभायात्रा निकाली जाती है. वर्ष 2020 का यह शोभायात्रा 43 वां शोभायात्रा है.

शिव बारात
जिले के तमाम सांस्कृतिक राजनीतिक और सामाजिक संस्था की ओर से शोभायात्रा में अलग-अलग विषयों पर आधरित झांकी निकाली जाती है. इस शोभायात्रा में सबसे अधिक धार्मिक झांकी आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

43 वां शोभायात्रा
भगवान भोले के शिव बारात में ब्रह्मा ,विष्णु ,राधा कृष्ण, राम लक्ष्मण, कृष्ण सुदामा ,सहित अन्य देवी-देवताओं के अलावा रावण भूत पिशाच भी बारात में शामिल होते हैं. शिव बारात पूरबसराय परमेश्वर नाथ मंदिर से निकलकर मुर्गियाचक, गांधी चौक ,दीनदयाल चौक, राजीव गांधी चौक ,पटेल चौक ,भगत सिंह चौक, कोड़ा मैदान होते हुए वापस शादीपुर से बाबा मनोकामना नाथ मंदिर आकर द्वार लगती है. जहां पूरे रीति-रिवाज से भगवान शंकर की आरती उतारी जाती है और रात में शंकर और पार्वती के शादी की रस्म भी पूरी की जाती है.

धार्मिक झांकियां आकर्षण का केंद्र
वहीं, इस शोभा यात्रा का उद्घाटन भाजपा के वरिष्ठ नेता संजीव मंडल ने गांधी चौक पर फीता काटकर किया. तत्पश्चात झांकी शहर के प्रमुख मार्गों से गुजर कर वापस मंदिर आई. झांकी देखने के लिए सड़क के दोनों और 20 हजार से अधिक लोग कतार बद्ध होकर खड़े रहे.

पुरस्कार वितरण
बाबा मनोकामना नाथ सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा शोभायात्रा में शामिल झांकियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से भी नवाजा जाता है. पुरस्कार वितरण महाशिवरात्रि के दूसरे दिन टाउन हॉल के प्रांगण में किया जाता है. मौके पर समाजसेवी कंचन गुप्ता ने बताया कि यह शोभायात्रा इस वर्ष 43 वर्ष में प्रवेश किया है. शोभायात्रा का इंतजार मुंगेर के लोगों को पूरे साल रहता है.

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