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CM नीतीश का बड़ा ऐलान: बिहार में 15 फरवरी को मनेगा शहीद दिवस, बच्चे पढ़ेंगे तारापुर शहीद दिवस की गाथा

अब हर साल 15 फरवरी 2022 को तारापुर शहीद दिवस को राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाएगा. साथ ही तारापुर शहीद दिवस को शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम में भी शामिल करेगा. शहीद स्मारक एवं शहीद पार्क के लोकार्पण के मौके पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की.

Shahid Diwas Will Be Celebrated On February 15 In Bihar
Shahid Diwas Will Be Celebrated On February 15 In Bihar
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Published : Feb 15, 2022, 7:45 PM IST

मुंगेर: 15 फरवरी को अब बिहार सरकार शहीद दिवस ( Shahid Diwas Will Be Celebrated On February 15 In Bihar ) के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाएगी. इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने 15 फरवरी को तारापुर शहीद स्मारक एवं शहीद पार्क के लोकार्पण के अवसर पर बताया कि, तारापुर शहीद दिवस को राजकीय समारोह घोषित किया गया है. अब प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को प्रदेश में शहीद दिवस मनाया जाएगा. उन्होंने घोषणा किया कि, तारापुर थाना पर तिरंगा झंडा फहराने के दौरान शहीद हुए 34 क्रांतिकारियों की गाथा के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा.

पढ़ें- मुंगेर: तारापुर के शहीदों को किया गया याद, पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया था जिक्र

शहीद स्मारक एवं पार्क का शुभारंभ : मंगलवार को तारापुर थाना परिसर में शहीद पार्क (CM Nitish Inaugurated Shahid Park In Munger) एवं थाना के सामने शहीद स्मारक और पार्क का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने पटना से दोपहर 12:00 बजे वर्चुअल ऑनलाइन किया. पटना से रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारापुर थाना के सामने शहीद पार्क में स्थापित 13 क्रांतिकारियों के आदमकद प्रतिमा के साथ स्थापित शहीद स्मारक एवं शहीद पार्क का लोकार्पण किया.

उद्घाटन के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, बिहार के गौरवशाली गाथाओं को हमलोग हमेशा से संजोकर रखने का काम करते हैं. उसी कड़ी में स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे सशक्त आंदोलन तारापुर थाना पर तिरंगा फहराने वाली घटना है. पूरे देश विदेश में इसकी जानकारी हो इसलिए शहीदों के सम्मान में इस स्मारक और पार्क का निर्माण बिहार सरकार ने करवाया है.

पढ़ें- बांका: असम में शहीद हुए जवान सोनू का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, सम्मान में उमड़ पड़ा जनसैलाब

सीएम ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि, 1932 में अंग्रेज भारतवासियों पर बेइंतहा जुल्म करने लगे थे. उस दौरान बापू को गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही कांग्रेस पार्टी को अवैध संगठन करार करते हुए उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर उनके भवनों पर से कांग्रेस के झंडे उतारकर यूनियन जैक का झंडा लगा दिया गया था. तब तत्कालीन कांग्रेस के अध्यक्ष भारूल सिंह ने घोषणा की, सभी सरकारी भवनों पर यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा फहराया जाए.

पढ़ें- CM नीतीश के सामने आया 'कालापानी' का मामला, तुरंत गृह सचिव को मिलाया फोन, जानें पूरा मामला

इसी को लेकर क्रांतिकारियों ने तारापुर थाना भवन पर तिरंगा झंडा फहराया था. उस समय तत्कालीन अंग्रेज अफसर ने निहत्थे आजादी के दीवानों पर गोलियां बरसा दी थी. इस गोलीबारी मे 34 क्रांतिकारी शहीद हुए थे. उन्हीं की याद में यह स्मारक और पार्क बनाया गया है. सरकार तारापुर की गौरवशाली इतिहास की जानकारी आने वाली पीढ़ी को मिले इसलिए इसे पाठ्यक्रम (Tarapur shahid diwas will be included in curriculum) में शामिल करेगी और बच्चों को इतिहास की जानकारी दी जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग को भी निर्देशित किया जा रहा है.

बिहार में 15 फरवरी को मनेगा शहीद दिवस: साथ ही सीएम ने बताया कि, 15 फरवरी को बिहार सरकार शहीद दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाएगी और 15 फरवरी तारापुर शहीद दिवस को राजकीय समारोह में शामिल किया लिया गया है. एक साथ इतने लोगों के शहीद होने की घटना तो कहीं कहीं ही होती है. इसे सरकार राजकीय सम्मान के साथ मनाएगी. मौके पर स्थानीय विधायक एवं मंत्री सम्राट चौधरी ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट किया. समारोह को उपमुख्यमंत्री के अलावे सभी सांसद मंत्री एवं विधायकों ने भी संबोधित किया.

पढ़ें- पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी: शहीद हुए थे बिहार के दो लाल, जानिए देशभक्तों के गौरवगाथा की कहानी

बता दें कि, भारत में बहुत कम लोग जानते हैं कि 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग गोलीकांड की बर्बरता के बाद 15 फरवरी 1932 को भी अंग्रेजों ने मुंगेर जिले के तारापुर अनुमंडल के तारापुर थाना में सैकड़ों निहत्थे आजादी के दीवानों पर गोलियां चलवाई थी. 34 लोग इसमें शहीद हो गए थे. सैकड़ों लोगों को गोली लगी थी. जलियांवाला बाग के बाद मुंगेर के तारापुर में दूसरा सबसे बड़ा नरसंहार (Second biggest massacre in Tarapur) अंग्रेजों ने किया था.

2 जुलाई 1915 को अंग्रेजों द्वारा स्थापित तारापुर थाना के भवन को संरक्षित कर लिया गया है. तारापुर थाना में परिसर में ही बड़ा पार्क का निर्माण कराया गया है, जिसका सीएम ने वर्चअली शुभारंभ कर दिया है. तारापुर थाना के सामने ही शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया. जिसमें 13 अज्ञात क्रांतिकारियों की प्रतिमा लगाई गई है. तो स्मारक के चारों ओर 100 मीटर का क्षेत्रफल का शहीद पार्क भी बनवाया गया है. पार्क की दीवारों पर क्रांतिकारियों के इतिहास की जानकारी दी गई है.

मौके पर वर्चुअल के माध्यम से बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सह मुंगेर जिला प्रभारी तारकिशोर प्रसाद दिल्ली बिहार भवन से, एवं पटना से वर्चुअल माध्यम से बिहार सरकार के निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ,मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जुड़े थे.तारापुर लोकार्पण स्थल से बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, तारापुर के जदयू विधायक राजीव कुमार सिंह, सुल्तानगंज के विधायक ललित कुमार मंडल, पूर्व मंत्री बिहार सरकार शकुनी चौधरी, पूर्व विधायक गणेश पासवान के अलावे मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी संजय कुमार, डीएम नवीन कुमार, एसपी जैन आदि मौजूद थे.


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मुंगेर: 15 फरवरी को अब बिहार सरकार शहीद दिवस ( Shahid Diwas Will Be Celebrated On February 15 In Bihar ) के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाएगी. इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने 15 फरवरी को तारापुर शहीद स्मारक एवं शहीद पार्क के लोकार्पण के अवसर पर बताया कि, तारापुर शहीद दिवस को राजकीय समारोह घोषित किया गया है. अब प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को प्रदेश में शहीद दिवस मनाया जाएगा. उन्होंने घोषणा किया कि, तारापुर थाना पर तिरंगा झंडा फहराने के दौरान शहीद हुए 34 क्रांतिकारियों की गाथा के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा.

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शहीद स्मारक एवं पार्क का शुभारंभ : मंगलवार को तारापुर थाना परिसर में शहीद पार्क (CM Nitish Inaugurated Shahid Park In Munger) एवं थाना के सामने शहीद स्मारक और पार्क का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने पटना से दोपहर 12:00 बजे वर्चुअल ऑनलाइन किया. पटना से रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारापुर थाना के सामने शहीद पार्क में स्थापित 13 क्रांतिकारियों के आदमकद प्रतिमा के साथ स्थापित शहीद स्मारक एवं शहीद पार्क का लोकार्पण किया.

उद्घाटन के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, बिहार के गौरवशाली गाथाओं को हमलोग हमेशा से संजोकर रखने का काम करते हैं. उसी कड़ी में स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे सशक्त आंदोलन तारापुर थाना पर तिरंगा फहराने वाली घटना है. पूरे देश विदेश में इसकी जानकारी हो इसलिए शहीदों के सम्मान में इस स्मारक और पार्क का निर्माण बिहार सरकार ने करवाया है.

पढ़ें- बांका: असम में शहीद हुए जवान सोनू का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, सम्मान में उमड़ पड़ा जनसैलाब

सीएम ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि, 1932 में अंग्रेज भारतवासियों पर बेइंतहा जुल्म करने लगे थे. उस दौरान बापू को गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही कांग्रेस पार्टी को अवैध संगठन करार करते हुए उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर उनके भवनों पर से कांग्रेस के झंडे उतारकर यूनियन जैक का झंडा लगा दिया गया था. तब तत्कालीन कांग्रेस के अध्यक्ष भारूल सिंह ने घोषणा की, सभी सरकारी भवनों पर यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा फहराया जाए.

पढ़ें- CM नीतीश के सामने आया 'कालापानी' का मामला, तुरंत गृह सचिव को मिलाया फोन, जानें पूरा मामला

इसी को लेकर क्रांतिकारियों ने तारापुर थाना भवन पर तिरंगा झंडा फहराया था. उस समय तत्कालीन अंग्रेज अफसर ने निहत्थे आजादी के दीवानों पर गोलियां बरसा दी थी. इस गोलीबारी मे 34 क्रांतिकारी शहीद हुए थे. उन्हीं की याद में यह स्मारक और पार्क बनाया गया है. सरकार तारापुर की गौरवशाली इतिहास की जानकारी आने वाली पीढ़ी को मिले इसलिए इसे पाठ्यक्रम (Tarapur shahid diwas will be included in curriculum) में शामिल करेगी और बच्चों को इतिहास की जानकारी दी जाएगी. इसके लिए शिक्षा विभाग को भी निर्देशित किया जा रहा है.

बिहार में 15 फरवरी को मनेगा शहीद दिवस: साथ ही सीएम ने बताया कि, 15 फरवरी को बिहार सरकार शहीद दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाएगी और 15 फरवरी तारापुर शहीद दिवस को राजकीय समारोह में शामिल किया लिया गया है. एक साथ इतने लोगों के शहीद होने की घटना तो कहीं कहीं ही होती है. इसे सरकार राजकीय सम्मान के साथ मनाएगी. मौके पर स्थानीय विधायक एवं मंत्री सम्राट चौधरी ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट किया. समारोह को उपमुख्यमंत्री के अलावे सभी सांसद मंत्री एवं विधायकों ने भी संबोधित किया.

पढ़ें- पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी: शहीद हुए थे बिहार के दो लाल, जानिए देशभक्तों के गौरवगाथा की कहानी

बता दें कि, भारत में बहुत कम लोग जानते हैं कि 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग गोलीकांड की बर्बरता के बाद 15 फरवरी 1932 को भी अंग्रेजों ने मुंगेर जिले के तारापुर अनुमंडल के तारापुर थाना में सैकड़ों निहत्थे आजादी के दीवानों पर गोलियां चलवाई थी. 34 लोग इसमें शहीद हो गए थे. सैकड़ों लोगों को गोली लगी थी. जलियांवाला बाग के बाद मुंगेर के तारापुर में दूसरा सबसे बड़ा नरसंहार (Second biggest massacre in Tarapur) अंग्रेजों ने किया था.

2 जुलाई 1915 को अंग्रेजों द्वारा स्थापित तारापुर थाना के भवन को संरक्षित कर लिया गया है. तारापुर थाना में परिसर में ही बड़ा पार्क का निर्माण कराया गया है, जिसका सीएम ने वर्चअली शुभारंभ कर दिया है. तारापुर थाना के सामने ही शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया. जिसमें 13 अज्ञात क्रांतिकारियों की प्रतिमा लगाई गई है. तो स्मारक के चारों ओर 100 मीटर का क्षेत्रफल का शहीद पार्क भी बनवाया गया है. पार्क की दीवारों पर क्रांतिकारियों के इतिहास की जानकारी दी गई है.

मौके पर वर्चुअल के माध्यम से बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सह मुंगेर जिला प्रभारी तारकिशोर प्रसाद दिल्ली बिहार भवन से, एवं पटना से वर्चुअल माध्यम से बिहार सरकार के निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ,मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जुड़े थे.तारापुर लोकार्पण स्थल से बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, तारापुर के जदयू विधायक राजीव कुमार सिंह, सुल्तानगंज के विधायक ललित कुमार मंडल, पूर्व मंत्री बिहार सरकार शकुनी चौधरी, पूर्व विधायक गणेश पासवान के अलावे मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी संजय कुमार, डीएम नवीन कुमार, एसपी जैन आदि मौजूद थे.


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