पटना: मुंगेर मूर्ति विसर्जन गोलीकांड को लेकर वहां चुनाव ड्यूटी में तैनात सीआईएसएफ जवानों को लेकर जो रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई है. उसमें बताया गया है कि भीड़ पर पहली गोली लोकल पुलिस ने चलाई थी. जिसके बाद वहां मौजूद सीआईएसएफ और सीआरपीएफ जवानों ने बचाव में फायरिंग की थी.
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इस बीच, मूर्ति विसर्जन में हुए गोलीकांड को लेकर सीआईएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 26 अक्टूबर की रात पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मुंगेर पुलिस से चूक हुई है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मुंगेर के पूर्व एसपी लिपि सिंह पर कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि घटना के बाद लिपि सिंह ने दावा किया था कि उपद्रव कर रहे लोगों की फायरिंग से युवक की मौत हुई थी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली गोली स्थानीय पुलिस ने चलाई थी. जबकि मुंगेर पुलिस का कहना है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई है. असामाजिक तत्वों की चलाई गई गोली में एक व्यक्ति की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं. इधर विवाद किस वजह से हुआ. घायलों और मृतकों को किसकी गोली लगी और घटना के लिए कौन जिम्मेदार है. इसलिए लिए चुनाव आयोग ने इसकी जांच मगध के डिविजनल कमिश्नर असगंबा चुबा को सौंपी है.
पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश
बीएमपी -15 के समादेष्टा संजय कुमार को विधि-व्यवस्था संधारण के लिये मुंगेर जिला में प्रतिनियुक्त किया गया है. संजय सिंह को अविलंब मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज को रिपोर्ट करने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया है.
क्या है पूरा मामला?
मूर्ति विसर्जन के दौरान मुंगेर में पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प हो गई. इस दौरान कई राउंड गोलियां भी चलीं, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई. करीब आधा दर्जन लोग इस झड़प में घायल हुए. वहीं इस घटना में कोतवाली प्रभारी समेत तीन जवान भी घायल हो गए.
पुलिस का बयान
मुंगेर की तात्कालिन पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के मुताबिक, इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए. उन्होंने कहा कि भीड़ ने पुलिस पर गोलियां चलाईं, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई. उन्होंने कहा था कि घटनास्थल से एक कट्टा बरामद किया है, जिससे गोली चली.