मुंगेर: ठंड के मौसम में चोरी और छिनतई कि घटना बढ़ जाती है. वर्तमान में लगातार बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री भी इससे चिंतित है. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर एक माह में तीन बार समीक्षा बैठक की है. सीएम ने पुलिस को पैदल गस्ती करने की बात कही. इसको लेकर मुंगेर पुलिस ने जमालपुर में 'पुलिस-पब्लिक मित्र' कार्यक्रम फिर से शुरू किया.
जमालपुर शहर में अपराध को रोकने के लिए पिछले 5 वर्षों से 'पुलिस-पब्लिक मित्र' समूह संचालित हो रहा है. देर रात 12:00 बजे इसका विधिवत शुरुआत सदर एसडीपीओ नंद जी ने लिट्टी चोखा और चाय के साथ जुबली बेल चौक से किया.
जमालपुर में 'पुलिस-पब्लिक मित्र' कार्यक्रम
इस मौके पर जमालपुर शहर के लोगों ने पुलिस के स्वागत के लिए लिट्टी चोखा का इंतजाम किया. साथ ही गरम चाय भी लोगों को सर्व किया. लिट्टी-चोखा खाते हुए पुलिस पब्लिक मित्र आज से रात 11 बजे से लेकर सुबह 4:00 बजे तक जमालपुर के विभिन्न इलाके में पैदल घूम कर असामाजिक तत्वों पर निगाह रखेगी. इलाके में गश्त कर रहे पुलिस अधिकारी भी समय-समय पर उनसे मिलकर इलाके का समाचार लेगी. यह प्रयोग पिछले 5 वर्षों से जमालपुर में किया जा रहा है, जो काफी कारगर साबित हुआ है.
'जमालपुर के लोग काफी एक्टिव'
लिट्टी चोखा और चाय पीने के बाद सदर एसडीपीओ नंद जी ने कहा कि जमालपुर के लोग काफी एक्टिव है. पुलिस की हमेशा मदद करते हैं. यहां के बुजुर्ग, युवा और अन्य क्षेत्र के लोग पुलिस मित्र बनकर इलाके में निरंतर पहरा देते हैं, जिससे क्राइम कंट्रोल करने में पुलिस को मदद मिलती है.
व्यंजन का लुत्फ उठाते है प्रहरी
अलग अलग इलाके के लोग प्रतिदिन कुछ व्यंजन बनाते हैं तो पहरा देने वाले प्रहरी भी उस व्यंजन का लुत्फ भी उठाते हैं. साथ ही पहरा भी देते हैं. पुलिस मित्र बादल सिंह ने कहा कि 2005 से ही हम लोग पुलिस मित्र के रूप में सक्रिय हैं. लगभग 100 से अधिक सदस्य इस समूह में है. प्रतिदिन 20 लोगों का ग्रुप इलाके में एक्टिव रहता है. हम लोग दिन के अनुसार पालीवार रतजगा करते हैं. सोमवार को पहले ग्रुप और दूसरे दिन अगले 20 लोगों का ग्रुप कार्यरत रहता है. निरंतर यह कार्यक्रम ठंड के मौसम में चलता रहता है. हम लोग विभिन्न व्यंजनों का लुत्फ भी उठाते हैं साथ ही पहरा भी देते हैं. इससे क्राइम कंट्रोल भी हो जाता है.
तत्काल शंका का होता है समाधान
पुलिस मित्र को जिला प्रशासन द्वारा आई कार्ड भी जारी किया जाता है. सभी पुलिस मित्र को सीटी दी जाती है. पुलिस मित्र राजीव नायक ने कहा कि रात 11:00 बजे से 4:00 बजे तक सड़कों पर समूह बनाकर पैदल चलते है. किसी भी तरह का आशंका होने पर यह सीटी बजा कर लोगों को और अपने ग्रुप को अलर्ट करते हैं. साथ ही गश्ती दल को भी फोन मिलाते हैं. तत्काल ही शंका का समाधान होता है और अपराधी भी पकड़े जाते हैं.