मुंगेरः शहर में आधा दर्जन से अधिक इलाकों के लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया. मुंगेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेकापुर, लोहा पट्टी, किराना पट्टी, शादीपुर के लोगों ने वोट नहीं किया. कुछ युवकों ने बातचीत में कहा कि वोट नहीं करने जाएंगे.
लोगों ने जताई नाराजगी
मृतक अनुराग के परिजन और उनके दोस्त उनके घर के नीचे कुर्सी लगाकर बैठे नजर आए. उन्होंने कहा हम लोग वोट नहीं डालेंगे. लोहा पट्टी निवासी नरेश गुप्ता ने कहा कि प्रशासन ने श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध गोलियां चलाई. जिसमें हमारा भतीजा अनुराग मारा गया. अभी तक स्थानीय प्रशासन हम लोगों को देखने तक नहीं आया है. हम कैसे मतदान करें. अनुराग के 26 वर्षीय चचेरे भाई गौतम ने बताया कि मातम के माहौल में लोकतंत्र के महापर्व में कैसे भाग लूं. उन्होंने कहा कि इलाके के कई दर्जन लोग अभी भी लापता हैं. लापता लोगों के बारे में प्रशासन भी कुछ नहीं बता रहा है.
'चुनाव नहीं होता तो बेटा जिंदा होता'
अनुराग के पिता ने कहा चुनाव नहीं होता तो मेरा बेटा जिंदा होता. यह कहते हुए उनकी आंखें छलक गई. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को प्रशासन ने बेरहमी से मार दिया और अभी तक कोई पूछने तक नहीं आया.
'सरकार नाम की कोई चीज नहीं'
स्थानीय अविनाश कुमार ने कहा कि तकलीफ तो जरूर है कि वोट नहीं कर रहा हूं, लेकिन वोट नहीं कर प्रशासन को यह बताना चाह रहा हूं कि श्रद्धालुओं पर गोलीबारी और लाठीचार्ज करना गलत था. वैसे प्रशासन के अधिकारियों पर सरकार की ओर से कार्यवाई नहीं करना यह बताता है कि यहां प्रशासन और शासन नाम की कोई चीज नहीं है. इसलिए हम लोग मतदान में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
स्थानीय नरेश गुप्ता उन्होंने कहा कि अच्छे लोकतंत्र के लिए वोट देना जरूरी है, लेकिन यहां तो लोकतंत्र खत्म हो गया है, यहां तो हिटलर शाही और राजतंत्र जैसी व्यवस्था कायम हो गई है.