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हाल-ए-मुंगेर रेलवे स्टेशन: नहीं है स्थाई TC, 5 साल में एक करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान

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Published : Dec 10, 2021, 8:32 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 9:05 PM IST

बिहार का मुंगेर रेलवे स्टेशन एक ऐसा रेलवे स्टेशन जहां 5 साल से एक भी टीसी नहीं है. 5 सालों में लगभग 1 करोड़ की राशि के राजस्व का नुकसान हुआ है. 2019 तक जमालपुर टीसी से आते थे लेकिन 2 साल से वह भी बंद है.

Munger railway station
Munger railway station

मुंगेर: मुंगेर रेलवे स्टेशन (Munger railway station) का अस्तित्व 2016 में आया. जब मुंगेर खगरिया रेल सह सड़क पुल बनकर तैयार हुआ. मुंगेर रेलवे स्टेशन का अस्तित्व तो 2016 में आ गया लेकिन इस स्टेशन पर स्थाई टीसी (टिकट कलेक्टर) की नियुक्ति (Deployment of TC at Munger Railway Station) नहीं हुई. 2016 से 2019 तक तो जमालपुर जंक्शन से एक या दो टीसी समय-समय पर आकर जांच करते थे लेकिन पिछले 2 वर्षों से वह भी बंद है.

ये भी पढ़ें: मुंगेर में CM नीतीश ने किया सिंचाई परियोजनाओं का निरीक्षण, कहा- 'क्षेत्र में और विकास करना ही हमारा लक्ष्य'

इस संबंध में मुंगेर के स्टेशन मास्टर आदित्य कुमार साहू ने बताया कि मुंगेर रेलवे स्टेशन मालदा रेल डिवीजन (Munger Railway Station in Malda Rail Division) के अंतर्गत आता है. यहां स्थाई टीसी नहीं रहने के कारण इस स्टेशन से प्लेटफार्म टिकट की बिक्री ना के बराबर होती है. इस कारण रेलवे को मुंगेर रेलवे स्टेशन से पिछले 5 सालों में राजस्व का नुकसान हो रहा है.

देखें विशेष रिपोर्ट

5 सालों में बिके महज एक 150 प्लेटफॉर्म टिकट
रेलवे स्टेशन पर कार्यरत काउंटर क्लर्क ने बताया कि औसतन यहां प्रतिदिन 13 सौ पैसेंजर सामान्य टिकट लेकर सफर करते हैं. उन्होंने कहा कि औसतन यहां 13 सौ सामान्य टिकट काउंटर से कटता है. इसमें प्रतिदिन रेलवे को लगभग 22 हजार रुपये की आय होती है. वहीं 150 यात्री रिजर्वेशन टिकट लेते हैं. इससे लगभग 50 हजार रुपये प्रतिदिन की आय होती है.

'2016 में बने मुंगेर रेलवे स्टेशन पर 2019 तक जमालपुर से टीटीई आते थे लेकिन पिछले 2 वर्षों से टीसी नहीं आ रहे. यहां अगर स्थाई टीसी मिल जाए तो टिकटों की बिक्री भी बढ़ेगी तथा यात्री के साथ वाले लोग प्लेटफार्म टिकट कटाकर आएंगे.' आदित्य कुमार साहू, स्टेशन मास्टर, मुंगेर रेलवे स्टेशन

औसतन प्रतिदिन 500 अतिरिक्त यात्री आते हैं प्लेटफार्म पर
मुंगेर स्टेशन के प्लेटफार्म पर प्रतिदिन 500 अतिरिक्त यात्री आते हैं. अगर ये यात्री 10 रुपये का प्लेटफार्म टिकट लेते तो प्रतिदिन हजार रुपये, डेढ़ लाख की मासिक आय होगी. अगर सालाना की बात करें तो यह राशि 18 लाख रुपये होगी. इस प्रकार रेलवे को 5 साल में लगभग नब्बे लाख रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है.

टिकट काउंटर 4 लेकिन ट्रेन आने के समय ही खुलता है
मुंगेर स्टेशन से ट्रेन में टिकट लेकर यात्रा करने के लिए चार टिकट काउंटर बनाए गए हैं लेकिन यह अधिकांश समय बंद ही रहते हैं. टिकट काउंटर बंद होने के कारण भी यात्री प्लेटफार्म टिकट खरीदकर कर प्लेटफार्म पर नहीं जा पाते. इसके अलावा टीसी के नहीं रहने के कारण यात्रियों में टिकट जांच का भय भी नहीं रहता. इस कारण मुंगेर रेलवे स्टेशन से सबदलपुर एवं उमेश नगर स्टेशन उतरने वाले यात्री टिकट ना के बराबर कटाते हैं क्योंकि इन दोनों स्टेशनों पर भी टीसी नहीं है.

ये भी पढ़ें: मुंगेर एएनएम स्कूल में रह रही 20 वर्षीय ड्रेसर अस्पताल से गायब

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मुंगेर: मुंगेर रेलवे स्टेशन (Munger railway station) का अस्तित्व 2016 में आया. जब मुंगेर खगरिया रेल सह सड़क पुल बनकर तैयार हुआ. मुंगेर रेलवे स्टेशन का अस्तित्व तो 2016 में आ गया लेकिन इस स्टेशन पर स्थाई टीसी (टिकट कलेक्टर) की नियुक्ति (Deployment of TC at Munger Railway Station) नहीं हुई. 2016 से 2019 तक तो जमालपुर जंक्शन से एक या दो टीसी समय-समय पर आकर जांच करते थे लेकिन पिछले 2 वर्षों से वह भी बंद है.

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इस संबंध में मुंगेर के स्टेशन मास्टर आदित्य कुमार साहू ने बताया कि मुंगेर रेलवे स्टेशन मालदा रेल डिवीजन (Munger Railway Station in Malda Rail Division) के अंतर्गत आता है. यहां स्थाई टीसी नहीं रहने के कारण इस स्टेशन से प्लेटफार्म टिकट की बिक्री ना के बराबर होती है. इस कारण रेलवे को मुंगेर रेलवे स्टेशन से पिछले 5 सालों में राजस्व का नुकसान हो रहा है.

देखें विशेष रिपोर्ट

5 सालों में बिके महज एक 150 प्लेटफॉर्म टिकट
रेलवे स्टेशन पर कार्यरत काउंटर क्लर्क ने बताया कि औसतन यहां प्रतिदिन 13 सौ पैसेंजर सामान्य टिकट लेकर सफर करते हैं. उन्होंने कहा कि औसतन यहां 13 सौ सामान्य टिकट काउंटर से कटता है. इसमें प्रतिदिन रेलवे को लगभग 22 हजार रुपये की आय होती है. वहीं 150 यात्री रिजर्वेशन टिकट लेते हैं. इससे लगभग 50 हजार रुपये प्रतिदिन की आय होती है.

'2016 में बने मुंगेर रेलवे स्टेशन पर 2019 तक जमालपुर से टीटीई आते थे लेकिन पिछले 2 वर्षों से टीसी नहीं आ रहे. यहां अगर स्थाई टीसी मिल जाए तो टिकटों की बिक्री भी बढ़ेगी तथा यात्री के साथ वाले लोग प्लेटफार्म टिकट कटाकर आएंगे.' आदित्य कुमार साहू, स्टेशन मास्टर, मुंगेर रेलवे स्टेशन

औसतन प्रतिदिन 500 अतिरिक्त यात्री आते हैं प्लेटफार्म पर
मुंगेर स्टेशन के प्लेटफार्म पर प्रतिदिन 500 अतिरिक्त यात्री आते हैं. अगर ये यात्री 10 रुपये का प्लेटफार्म टिकट लेते तो प्रतिदिन हजार रुपये, डेढ़ लाख की मासिक आय होगी. अगर सालाना की बात करें तो यह राशि 18 लाख रुपये होगी. इस प्रकार रेलवे को 5 साल में लगभग नब्बे लाख रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है.

टिकट काउंटर 4 लेकिन ट्रेन आने के समय ही खुलता है
मुंगेर स्टेशन से ट्रेन में टिकट लेकर यात्रा करने के लिए चार टिकट काउंटर बनाए गए हैं लेकिन यह अधिकांश समय बंद ही रहते हैं. टिकट काउंटर बंद होने के कारण भी यात्री प्लेटफार्म टिकट खरीदकर कर प्लेटफार्म पर नहीं जा पाते. इसके अलावा टीसी के नहीं रहने के कारण यात्रियों में टिकट जांच का भय भी नहीं रहता. इस कारण मुंगेर रेलवे स्टेशन से सबदलपुर एवं उमेश नगर स्टेशन उतरने वाले यात्री टिकट ना के बराबर कटाते हैं क्योंकि इन दोनों स्टेशनों पर भी टीसी नहीं है.

ये भी पढ़ें: मुंगेर एएनएम स्कूल में रह रही 20 वर्षीय ड्रेसर अस्पताल से गायब

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Last Updated : Dec 10, 2021, 9:05 PM IST
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