मुंगेर: यूं तो नया साल हर एक के लिए कुछ खास होता है, लेकिन 2022 मुंगेर जिले के लिए बेहद खास है. नए साल में मुंगेर को सौगात (Gift to Munger in New Year) मिलने से उनका 18 सालों का सपना नए साल के जनवरी में पूरा हो जाएगा. जिले में लगभग 14.51 किलोमीटर लंबे डबल लेन पुल का निर्माण एनएचएआई द्वारा कराया जा रहा है, जिसका उद्घाटन इसी महीने होना है. इसके लिए मुंगेर वासियों को 18 साल का इंतजार करना पड़ा है.
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राजेन्द्र सेतु मोकामा और जेपी सेतु पटना के बाद यह बिहार में गंगा नदी पर तीसरा रेल सह सड़क पुल (Third Rail cum Road Bridge over Ganga River in Bihar) है. मुंगेर खगड़िया रेल-सह-सड़क पुल से सड़क पुल पर परिचालन संभव होने से मुंगेर से खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर की दूरी कम हो जाएगी. करीब 14.5 किलोमीटर लंबे इस सड़क पुल का शिलान्यास 2002 में भारत के तत्कालीन मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली से रिमोट कंट्रोल द्वारा किया था. गंगा नदी पर बने इस रेल-सह-सड़क पुल को बनने में लगभग 18 साल लग गए.
16 जनवरी को सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) मुंगेर के लाल दरवाजा आकर इस पुल का उद्घाटन फीता काटकर करेंगे. इस पर परिचालन आरंभ हो जाने से बिहार का कोसी इलाके और दक्षिण बिहार इलाके से आने जाने की दूरी कम हो जाएगी. अभी अगर किसी को कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज जाना है, तो वो भागलपुर होकर लगभग 100 किलोमीटर अधिक यात्रा करते हैं.
वहीं, हाजीपुर मुजफ्फरपुर जाना हो तो उन्हें अतिरिक्त 100 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ती है. पुल से परिचालन आरंभ हो जाने से लगभग दक्षिण बिहार पहुंचने के लिए 100 से 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. जनवरी में पुल का उद्घाटन होने के बाद मुंगेर के लोग दिन में होली तो रात में अपने-अपने घरों में दीप जलाकर दीपावली मनाएंगे. पुल को लेकर लोगों में इस कदर खुशी है कि अंडमान निकोबार से अपने घर पहुंचे सर्वेश्वर पुल को देखे बगैर नहीं रह पाए और इस पुल को देखने वो एप्रोच पथ पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि मैं मुंगेर का रहने वाला हूं, लेकिन वर्तमान में अंडमान निकोबार में रहता हूं, यह पुल मुंगेर के लिए विकास की गाथा लिखेगा.
बिहार की दूसरे रेल सुरंग जमालपुर का जनवरी में उद्घाटन होगा. इस सुरंग से राजधानी और तेजस जैसी ट्रेनें भी गुजरेगी. मालदा मंडल क्षेत्र के जमालपुर-रतनपुर रेल लाइन के बीच नयी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि बिहार के इस दूसरे 341 मीटर लंबी नई सुरंग का निर्माण ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी द्वारा "हॉर्स शू शेप" आकार का बनाया गया है, जिसमें पैदल चलने के लिए दोनों तरफ से फुटपाथ बनाया गया है. इसका ट्रायल रन पूरा हो चुका है. जनवरी में मालदा डिवीजन के डीआएम द्वारा इस सुरंग के रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन आरंभ हो जाएगा.
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उन्होंने बताया कि इस सुरंग से रेल परिचालन आरंभ हो जाने से भागलपुर से दिल्ली की जाने का सफर नाथ 13 से 14 घंटे में पूरा हो जाएगा. राजधानी और तेजस जैसी ट्रेन भी इस सुरंग से गुजरेगी. यात्रियों को नए सुरंग से बहुत फायदे होंगे. सुरंग के दोनों ओर मुंगेर के ऐतिहासिक धरोहरों की तस्वीर भी बनाई गयी हैं. इस सुरंग से गुजरने वाले यात्री मुंगेर के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की जानकारी ले सकेंगे. सुरंग के अंदर भी 24 घंटे लाइट जलती रहेगी.
मुंगेर भागलपुर सड़क मार्ग 2007 में ही बरियारपुर के घोरघट के पास घोरघट बेली ब्रिज पुल के अचानक क्षतिग्रस्त होने के बाद बड़े वाहनों का परिचालन इस पर बंद कर दिया गया था. 2009 में इस घोरघाट बेली ब्रिज के बगल में एक पुल बनाने का शिलान्यास किया गया. लगभग 12 सालों से बंद भागलपुर मुंगेर व्हाया बरियारपुर जो सीधा सड़क मार्ग था, वो नए साल में चालू हो जाएगा. पुल का निर्माण अंतिम चरण में है, युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं.
नए साल में नई सौगात मिलने के बारे में मुंगेर के व्यवसायी शशि शंकर पोद्दार उर्फ मुन्ना ने कहा कि मुंगेर में आधा दर्जन से अधिक कार्य का उद्घाटन नए वर्ष में होना है. यह मुंगेर के लिए बेहतर वर्ष रहेगा. मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल, जमालपुर नई रेल सुरंग, घोरघट पुल के चालू हो जाने से इंजीनियरिंग कॉलेज में भी पठन पाठन आरंभ हो जाने जैसे कई योजनाएं है, जो इस साल पूरी हो रहे हैं. इससे मुंगेर का विकास बढ़ेगा, व्यवसाय के अवसर भी बनेंगे, रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
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