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कोरोना संक्रमण के मामले में मुंगेर आगे, अब प्रवासी बने प्रशासन के लिए चुनौती

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Published : May 13, 2020, 3:32 PM IST

मुंगेर पहले ही कोरोना संक्रमण के मामले में अन्य जिलों के मुकाबले आगे है. ऐसे में प्रवासी जिला प्रशासन और सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर रहे हैं. अब तक 18 प्रवासी कोरोना संक्रमित मिले हैं.

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मुंगेर: बिहार का मुंगेर जिला कोरोना संक्रमण के मामले में पहले से ही टॉप पर है. यहां अब तक 116 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में बाहर से आ रहे प्रवासी प्रशासन के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं. अब तक कुल 18 प्रवासी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और ये आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.

बिहार का पहला कोरोना संक्रमित मरीज मुंगेर के चोरंबा में ही मिला था. चोरंबा वाले कोरोना चेन को प्रशासन ने निष्क्रिय किया तो जमालपुर में एक जमाती ने नया चेन खड़ा कर दिया. यहां लगभग 75 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले. प्रशासन पूरी मुस्तैदी से से कोरोना संक्रमण का फैलाव ना हो इसके लिए दिन-रात जुटा हुआ रहा. चोरंबा और जमालपुर का जमाती चेन लगभग निष्क्रिय हो ही चुका था कि अब लॉकडाउन-3 में मिली ढील के बाद दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासियों ने कोरोना संक्रमण बढ़ा दिया.

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कंटेनमेंट जोन

अब तक 18 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव
3 मई के बाद से अभी तक मुंगेर पहुंचे 18 प्रवासी लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. टेटियाबम्बर, टीका रामपुर जगदीश टोला, जमालपुर धरहरा के सभी प्रवासी मजदूर है. ये सभी 5 दिन पहले ही मुंगेर आए थे. जिन्हें क्वॉरंटीन सेंटर में रखा गया. लगभग 1,200 से अधिक प्रभावित जिले में आए हैं. इन प्रवासियों से जिले में कोरोना की संख्या और बढ़ने की आशंका है. सीएस पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि प्रवासी के लिए 26 क्वॉरंटीन सेंटर में 1253 प्रवासी रह रहे हैं. इनमें से अब तक 199 लोगों का स्वाब का जांच किया गया है. जिसमें 18 प्रवासी कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं.

सभी को आइसोलेशन में रखा गया
सिविल सर्जन ने कहा कि संभावित खतरे से बचने के लिए जिला प्रशासन ने दूसरे प्रदेश के रेड जोन और ग्रीन जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए अलग-अलग क्वॉरंटीन की व्यवस्था की है. सिविल सर्जन ने आगे बताया कि क्वॉरंटीन में रह रहे सभी लोगों की नियमित जांच की जाती है. इनमें से किसी में कोरोना का सिंस्टम सर्दी-खांसी या बुखार का लक्षण पाया जाता है तो वैसे लोगों का स्वाब जांच किया जाता है. अब तक जिले में 18 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. सबसे पहले टेटिया बंबर प्रखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले 4 प्रवासी मजदूरों की जांच रिपोर्ट 3 मई को पॉजिटिव मिली. 9 मई को हवेली खरगपुर के 2 प्रवासी मजदूर मिले. इसके बाद 10 मई 11 प्रवासियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिले. 13 मई को धरहरा के जगदीशपुर में प्रवासी मजदूर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

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तैनात सुरक्षाकर्मी

साथ रहे प्रवासियों की भी होगी जांच
मुंगेर के सीएस ने बताया कि नए प्रवासी कोरोना संक्रमित मरीज प्रशासन के लिए चुनौती तो है लेकिन हम इस चुनौती का मुकाबला कर लेंगे. क्वॉरेंटाइन में रहे 18 मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. उनके रूम में रहने वाले और आसपास के लोगों के सैंपल कलेक्ट करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराने का निर्देश सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार ने दिया है.

जिले में 55 क्वारंटीन सेंटर्स
प्रवासी मजदूरों के लिए जिले में 55 क्वॉरेंटीन सेंटर है. जहां 5500 लोगों के रहने की व्यवस्था है. वर्तमान में 26 सेंटर एक्टिव हैं. जहां 1,253 प्रवासी रहे हैं. इनमें से महाराष्ट्र, दिल्ली व गुजरात के रेड जोन जिला से आने वाले 393 और अन्य प्रदेशों से आने वाले 861 प्रवासी शामिल हैं. जिला प्रशासन इन मजदूरों के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है.

मुंगेर: बिहार का मुंगेर जिला कोरोना संक्रमण के मामले में पहले से ही टॉप पर है. यहां अब तक 116 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में बाहर से आ रहे प्रवासी प्रशासन के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं. अब तक कुल 18 प्रवासी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और ये आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.

बिहार का पहला कोरोना संक्रमित मरीज मुंगेर के चोरंबा में ही मिला था. चोरंबा वाले कोरोना चेन को प्रशासन ने निष्क्रिय किया तो जमालपुर में एक जमाती ने नया चेन खड़ा कर दिया. यहां लगभग 75 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले. प्रशासन पूरी मुस्तैदी से से कोरोना संक्रमण का फैलाव ना हो इसके लिए दिन-रात जुटा हुआ रहा. चोरंबा और जमालपुर का जमाती चेन लगभग निष्क्रिय हो ही चुका था कि अब लॉकडाउन-3 में मिली ढील के बाद दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासियों ने कोरोना संक्रमण बढ़ा दिया.

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कंटेनमेंट जोन

अब तक 18 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव
3 मई के बाद से अभी तक मुंगेर पहुंचे 18 प्रवासी लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. टेटियाबम्बर, टीका रामपुर जगदीश टोला, जमालपुर धरहरा के सभी प्रवासी मजदूर है. ये सभी 5 दिन पहले ही मुंगेर आए थे. जिन्हें क्वॉरंटीन सेंटर में रखा गया. लगभग 1,200 से अधिक प्रभावित जिले में आए हैं. इन प्रवासियों से जिले में कोरोना की संख्या और बढ़ने की आशंका है. सीएस पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि प्रवासी के लिए 26 क्वॉरंटीन सेंटर में 1253 प्रवासी रह रहे हैं. इनमें से अब तक 199 लोगों का स्वाब का जांच किया गया है. जिसमें 18 प्रवासी कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं.

सभी को आइसोलेशन में रखा गया
सिविल सर्जन ने कहा कि संभावित खतरे से बचने के लिए जिला प्रशासन ने दूसरे प्रदेश के रेड जोन और ग्रीन जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए अलग-अलग क्वॉरंटीन की व्यवस्था की है. सिविल सर्जन ने आगे बताया कि क्वॉरंटीन में रह रहे सभी लोगों की नियमित जांच की जाती है. इनमें से किसी में कोरोना का सिंस्टम सर्दी-खांसी या बुखार का लक्षण पाया जाता है तो वैसे लोगों का स्वाब जांच किया जाता है. अब तक जिले में 18 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. सबसे पहले टेटिया बंबर प्रखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले 4 प्रवासी मजदूरों की जांच रिपोर्ट 3 मई को पॉजिटिव मिली. 9 मई को हवेली खरगपुर के 2 प्रवासी मजदूर मिले. इसके बाद 10 मई 11 प्रवासियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिले. 13 मई को धरहरा के जगदीशपुर में प्रवासी मजदूर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

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साथ रहे प्रवासियों की भी होगी जांच
मुंगेर के सीएस ने बताया कि नए प्रवासी कोरोना संक्रमित मरीज प्रशासन के लिए चुनौती तो है लेकिन हम इस चुनौती का मुकाबला कर लेंगे. क्वॉरेंटाइन में रहे 18 मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. उनके रूम में रहने वाले और आसपास के लोगों के सैंपल कलेक्ट करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराने का निर्देश सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार ने दिया है.

जिले में 55 क्वारंटीन सेंटर्स
प्रवासी मजदूरों के लिए जिले में 55 क्वॉरेंटीन सेंटर है. जहां 5500 लोगों के रहने की व्यवस्था है. वर्तमान में 26 सेंटर एक्टिव हैं. जहां 1,253 प्रवासी रहे हैं. इनमें से महाराष्ट्र, दिल्ली व गुजरात के रेड जोन जिला से आने वाले 393 और अन्य प्रदेशों से आने वाले 861 प्रवासी शामिल हैं. जिला प्रशासन इन मजदूरों के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है.

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