मुंगेर: रेलवे ने प्रवासियों को वापस उनके प्रदेश भेजने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाओं के साथ कार्य आरंभ कर दिया है. लेकिन ट्रेन में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधा का अभाव है. दिल्ली से मुंगेर लौटे छात्रों ने बताया कि ट्रेन के अंदर न तो पंखे चलते हैं, ना लाइट जलती है. बोगियों में पानी खत्म हो जाता है और रास्ते में भोजन पानी ट्रेन के अंदर फेंक कर दे दिया जाता है.
छात्रों ने कहा कि जो ताकतवर है वो खाना पानी लूट लेते हैं. इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंस का भी पालन नहीं होता है. 3 सीट पर 5 लोग बैठते हैं और ट्रेन में न तो जीआरपी और न आरपीएफ रहते हैं. छात्रों ने बताया कि पहुत परेशानियों से गुजरकर मुंगेर पहुंचे हैं.
ट्रेन में सुविधाओं का घोर अभाव
छात्रों ने बताया कि ट्रेन के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ायी जा रही है. 3 सीट पर 4 से 5 लोग बैठे थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली से ट्रेन खुली तो कानपुर तक सब ठीक था. कानपुर में लाइट चली गई आगे जाकर पंखे भी बंद हो गए. उन्होंने बताया कि रेलवे को सूचना देने के बाद भी यह चालू नहीं हुआ. ऐसे में अंधेरे में ही यात्रा कर अपने घर पहुंचे हैं. नौवागढ़ी की छात्रा प्रियंका कुमारी ने बताया कि एस-12 में हम लोग यात्रा कर रहे थे. बोगी का पानी पटना में ही खत्म हो गया. पानी खत्म होने पर दोबारा पानी नहीं आया. जिसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
सोशल डिस्टेंस की उड़ायी गई धज्जियां
छात्र पुरषोत्तम कुमार ने बताया कि हम लोगों को दिल्ली में कुछ नहीं मिला. कानपुर आने पर ट्रेन के गेट पर खाना और वाटर बोतल रख दिया गया. जो ताकतवर थे वो खाना लूट लिए, जो नहीं थे वे भूखे ही रह गए. उन्होंने कहा कि ट्रेन की सुरक्षा भगवान भरोसे थी. ट्रेन के अंदर कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे. कुछ यात्री ट्रेन के गेट पर खड़े होकर यात्रा कर रहे थे. तो कुछ लोग ट्रेन के रुकने पर बाहर निकल कर नहा धोकर ट्रेन के अंदर आ रहे थे. कई बार रेलवे प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.