मुंगेर: न्यायालय में केस डायरी वरीय अधिकारी के आदेश के बावजूद समर्पित नहीं करना कोतवाली थाना के तत्कालीन दारोगा शशिकांत झा को महंगा पड़ गया. डीआईजी सफीउल हक ने इस लापरवाही के लिए न सिर्फ उक्त दारोगा को निलंबित किया, बल्कि विभागीय कार्रवाई करने के लिए उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है.
ये भी पढ़ें- नालंदा: कोरोना के चलते 2 मई तक कोर्ट में नहीं करेंगे काम, अधिवक्ताओं ने की घोषणा
केस डायरी पेश नहीं करने का आरोप
न्यायालय में केस डायरी वरीय अधिकारी के आदेश के बावजूद समर्पित नहीं करने पर कोतवाली थाना के तत्कालीन दारोगा शशिकांत झा को निलंबित कर दिया. डीआईजी सफीउल हक ने इस लापरवाही के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.
बताया जाता है कि 27 मार्च को किला गेट के दक्षिणी द्वार के समीप हथियारबंद अपराधियों ने जमालपुर निवासी अधिवक्ता मो. अली उर्फ मंजर को गोली मार दी थी. इस मामले में चार लोगों को आरोपित बनाया गया था. सभी जेल में बंद हैं.
दारोगा को किया गया निलंबित
इस मामले में न्यायालय में कार्रवाई चल रही है. जेल में बंद अभियुक्तों ने न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल किया है. जिसके लिए न्यायालय ने डायरी मांगा. लेकिन कांड के अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी कोतवाली थाना के तत्कालीन दारोगा शशिकांत झा ने न्यायालय में डायरी समर्पित नहीं किया.
डीआईजी लगातार मुंगेर जिले में लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने से परहेज नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों ही उन्होंने कई थानेदारों पर गाज गिराई थी और अब शशिकांत झा पर कार्रवाई की गई है.