मुंगेर: दुर्गा प्रतिमा विसर्जन गोलीकांड में हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि इसकी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीआईडी दो महीने के अंदर पूरा करे और जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में सौंपे. वर्तमान मुंगेर एसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों, कोतवाली थाना प्रभारी पंकज सिंह सहित 6 पुलिसकर्मियों को भी हटाने का आदेश सरकार को दिया. इसके अलावा कोर्ट ने बिहार सरकार को मृतक के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया.
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'आंशिक जीत से मिली संतुष्टि'
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मृतक के परिजन अगर जांच से संतुष्ट नहीं हो रहे हों या पुलिस गलत बिंदु पर जांच कर रही हो तो उसकी सूचना वे कोर्ट को देंगे कोर्ट उस पर अलग से निर्णय लेगी.
''ये आंशिक जीत है, मुझे संतुष्टि मिली है. मुंगेर पुलिस ने 6 माह में कुछ नहीं जांच किया. उल्टे हम लोगों को ही परेशान करने का काम किया. मैंने जवान बेटा खोया है, कुछ काम में मन नहीं लगता. पुलिस ने हम लोगों के साथ तो गलत किया ही सरकार ने भी हम लोगों पर ध्यान नहीं देकर बहुत गलती की है. हम लोगों को न्याय पर ही भरोसा है''-अमरनाथ पोद्दार, मृतक के पिता
मुंगेर हिंसा में हुई थी अनुराग पोद्दार की मौत
वहीं, चार बहनों में इकलौते भाई 18 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत के बाद आज जो फैसला आया है इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अनुराग पोद्दार की बहन आकृति पोद्दार ने कहा कि जवान भाई खोया है, आंख से आंसू नहीं रुकते.
''पुलिस ने इस केस को दबाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. मुंगेर के वर्तमान एसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों से जब हम लोग न्याय मांगने गए तो उन्होंने कहा कि माता रानी ही न्याय करेगी, हम कुछ नहीं कर सकते. अब ये फैसला आया है कि मानव जीत सिंह ढिल्लों को हटाया जाए ये अच्छी बात है. तत्कालीन एसपी लिपि सिंह पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, इसका हम सबको मलाल है''- आकृति पोद्दार, मृतक की बहन
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'लिपि सिंह पर कार्रवाई नहीं होने का मलाल'
उन्होंने कहा कि एसपी लिपि सिंह के कारण ही हमारा एकलौता भाई मारा गया. जिस एसपी को चुनाव आयोग ने हटा दिया था. वह अपने पिता के रसूख के कारण ही सहरसा की एसपी बना दी गई. उसे सजा नहीं बल्कि इनाम दिया गया. हम चार बहनों ने अपना एकलौता भाई खोया है. हम लोग दिन रात रोते हैं. हम लोग की आह उसे चैन से नहीं रहने देगी ऊपरवाला जरूर न्याय करेगा. हम लोगों की हाय उसे ले डूबेगी उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. अंत में सत्य की ही जीत होगी.
क्या था मामला?
28 अक्टूबर 2020 को मुंगेर में प्रथम चरण का मतदान होना था. ठीक उसके 2 दिन पहले दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा निकली थी. देर रात करीब 11 बजे के आसपास कोतवाली थाना क्षेत्र के बाटा चौक और दीनदयाल चौक के बीच श्रद्धालुओं पर गोलीबारी हुई. इस गोलीबारी में कोतवाली थाना क्षेत्र के लोहा पट्टी निवासी श्रद्धालु अनुराग पोद्दार की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वह घर का इकलौता चिराग था और चार बहनों में एकलौता भाई था.
आक्रोशित लोगों ने किया था हंगामा
घटना में इसके अलावा भी एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे. घटना के विरोध में 3 दिनों के बाद न्याय नहीं मिलने पर आक्रोशित लोगों ने एसपी ऑफिस, एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ कर पांच थानों को आग के हवाले कर दिया. शहर में जमकर तोड़फोड़ हुई थी. तत्कालीन डीएम और एसपी को चुनाव आयोग ने हटाया था.
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इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने तत्कालीन मुंगेर एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को यहां से हटाने का आदेश दिया. उसी शाम पटना से हेलीकॉप्टर से भेजकर मुंगेर की नई डीएम रचना पाटिल और एसपी मानव सिंह को जॉइनिंग करवाया गया. अब 6 माह के बाद ये फैसला आया है कि वर्तमान एसपी को भी बदला जाए.