मुंगेर: बिहार विधानसभा की कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट (Bihar Assembly By Election) पर होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) लंबे अंतराल के बाद बिहार लौटे हैं. लालू न केवल बिहार लौटे हैं बल्कि सियासी रूप से भी काफी सक्रिय भी दिख रहे हैं. लालू की इस सक्रियता का बिहार की इन दोनों सीटों और बिहार की मौजूदा सरकार पर बड़ा असर होने के रूप में देखा जा रहा है.
इसे भी पढ़ें- लालू यादव ने कहा- 'कांग्रेस ही देश का विकल्प, नीतीश खेमे में छटपटी... बिहार में हम बनाएंगे सरकार'
बता दें कि लालू प्रसाद यादव 41 महीने बाद बिहार लौटे हैं. यहां आने के बाद 27 अक्टूबर को तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में उनकी चुनावी रैली भी प्रस्तावित है. जहां जेडीयू के लिए यह दोनों सीटें नाक बचाने जैसा है, वहीं आरजेडी इस बाजी को पलट देना चाहती है.
लालू के आगमन और राजनीति में उनकी सक्रियता से बिहार की सियासत नई मोड़ ले सकती है, इसमें कोई दो राय नहीं है. कांग्रेस के नेता सुबोध कांत सहाय ने खुलकर तो नहीं लेकिन दबी जुबान कहा कि वे पुराने चेहरे हैं. दबाव की राजनीति के तहत वे चुनावी प्रचार में भाग ले रहे हैं. लालू यादव के लौटने का कितना फायदा होगा, आरजेडी के लोगों को ही मूल्यांकन करना होगा.
इसे भी पढ़ें-तारापुर में राजद पर बरसे नीतीश, लालू और राबड़ी के शासनकाल को बताया जंगलराज
वहीं, तारापुर विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी अरुण कुमार साह ने कहा कि लालू यादव 3 साल के बाद बिहार आए हैं. लालू समर्थकों में काफी उत्साह है. तारापुर विधानसभा सीट पर महागठबंधन के वोटर एकजुट होकर हमें वोट कर रहे हैं. लालू यादव के आने से सभी उत्साहित हैं. लालू की लहर चल गई है और हम निश्चित रूप से विजयी होंगे.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने कहा कि बिहार की सियासत को बदलने का नाम ही लालू यादव है. उनके आगमन से बिहार की जनता में काफी खुशी है. वहीं, दोनों सीटों पर असर के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव तो हम ही जीत रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- ऐसी क्या मजबूरी है, जिससे बीमार लालू यादव को उपचुनाव के प्रचार में उतरना पड़ा ?
बता दें कि लालू यादव को दिसंबर 2017 में चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने जेल भेज दिया था. उसके बाद से वे अप्रैल 2021 तक जेल में ही रहे. फिर आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल गई. बता दें कि इस बीच वे साल 2018 में 10 मई को अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की शादी में शामिल होने पैरोल पर पटना आये थे. इसी साल 30 अप्रैल को उन्हें चारा घोटाले मामले में जमानत मिली थी. जमानत मिलने के बाद से वे दिल्ली में अपनी बेटी मीसा भारती के यहां रह रहे थे. पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के साथ वे रविवार को पटना लौट आए हैं.