मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले (Munger Latest news) के सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर खुलने से गरीबों के साथ-साथ सभी तबके के मरीजों को राहत मिली है. किडनी रोग से संबंधित कई ऐसे मरीज हैं जो अपना डायलिसिस दिल्ली और चेन्नई में रहकर करा रहे थे. अब सदर अस्पताल में इसकी सुविधा शुरू होने के बाद ये मुंगेर में ही रहकर डायलिसिस करा रहे हैं. जिला अस्पताल (Dialysis Facility Started in Munger) में डायलिसिस सुविधा शुरू होने के बाद मुंगेर ही नहीं आसपास के आधा दर्जन से अधिक जिले के किडनी रोगियों को डायलिसिस (Relief To Kidney Patients) करने में सुविधा हो रही है.
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हालांकि पीएचएच कार्ड धारियों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा मिल रही है. साधारण रोगियों के लिए मात्र 1720 में यह सुविधा प्रदान की जा रही है. पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर किडनी रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. तीन माह में लगभग 22 मरीजों का निबंधन किया गया है. यहां हर दिन तीन से चार मरीज डायलिसिस कराने पहुंच रहे हैं. अभी तक एक-एक मरीज 40 से 50 बार डायलिसिस करा चुके हैं.
'निजी अस्पताल की तुलना में मुंगेर सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को आधी दर पर हो रहा है. इससे मरीजों को राहत मिली है. डायलिसिस सेंटर में अलग से चिकित्सक की तैनाती की गई है. निजी क्लीनिक में जहां 3500 रुपये लगते हैं, वहां सदर अस्पताल में 1720 रुपये लिए जा रहे हैं. डायलिसिस की सुविधा शुरू होने मरीजों को राहत मिली है.' :- डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन
'दो वर्षों से किडनी रोग से पीडि़त हूं. जनवरी में डायलिसिस के लिए भागलपुर गया, वहां से पटना गए. अब वह सदर अस्पताल में ही करा रहे हैं. इसके बाद चेन्नई डायलिसिस कराने में काफी पैसे लग रहा था. पीएचएच कार्ड पर निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिल रही है.' :- गुड्डू कुमार, हवेली खड़गपुर
बेकापुर के विक्की कुमार ने बताया कि तीन वर्षों से किडनी की समस्या है. इलाज के लिए पटना गए. डायलिसिस में ज्यादा पैसे लगते हैं, एक बार में तीन से साढ़े तीन हजार के बीच खर्च बैठता था. सदर अस्पताल में मात्र 1720 रुपये में बेहतर तरीके से डायलिसिस हो रही है. अगर( पीएचएच) राशन कार्ड में मरीज का नाम रहता है तो मरीज का डायलिसिस निशुल्क हो जाता है. दिल्ली और चेन्नई से यहां की सुविधा बेहतर है। 14 बार इनकी डायलिसिस हो चुकी है.
सदर अस्पताल परिसर में संचालित नेफ्रोप्लस सेंटर केयर के कोऑर्डिनेटर अभिनन्दन मिश्रा ने बताया कि मरीजों की देखरेख के लिए चार नर्सिंग स्टाफ, एक तकनीशियन और विशेषज्ञ हैं. मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. जो यहां के मरीज चेन्नई और दिल्ली में डायलिसिस कराते थे, अब यहां पहुंच रहे हैं. अब मरीजों को मुंगेर के निजी क्लीनिक के अलावा भागलपुर और पटना जाना नहीं पड़ रहा है. मरीज अपना निबंधन कराकर सदर अस्पताल में ही डायलिसिस कराने पहुंच रहे हैं.
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