मुंगेरः जिले में एक बार फिर डेंगू का डंक कहर बरपाने लगा है. मुंगेर सदर अस्पताल में डेंगू से पीड़ित दो बच्चों को भर्ती किया गया है. यहां उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं, जिले में अब तक पांच डेंगू पीड़ित मरीजों के मिलने से लोगों के बीच भय का माहौल है.
'जानलेवा है डेंगू बुखार'
हड्डी तोड़ के नाम से प्रख्यात जानलेवा डेंगू बुखार जिले में तेजी से पांव पसार रहा है. जिले में अब तक लगभग आधे दर्जन लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. चिकित्सकों के अनुसार दिल्ली से आने वाले प्रदेशवासी इस साल डेंगू के डेन-2 और डेन-4 वॉयरस साथ लेकर आ रहे हैं. वहीं, जांच और इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से डेंगू खतरनाक रुप ले रहा है. गौरतलब है कि पिछले पांच सालों से डेंगू जानलेवा बीमारी के रुप में सामने आई है.
'डेंगू से ग्रसित दो बच्चे भर्ती'
हेमजापुर निवासी अशोक महतो के 12 वर्षीय पुत्र नितिन कुमार को पिछले पांच दिन से तेज बुखार था. परिजनों ने पहले गांव के डॉक्टर के पास नितिन का इलाज कराया. लेकिन लगातार उसकी स्थिति बिगड़ने के बाद परिजनों से उसे शहर के ही एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान उसे डेंगू की पुष्टि की गई. इसके बाद परिजन उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक डॉ. रामप्रीत ने जांच रिपोर्ट देखकर बच्चे को डेंगू रोग से ग्रसित पाया. वहीं, नयारामनगर जमालपुर निवासी चंदन सिंह की 11 वर्षीय पुत्री शिखा कुमारी में भी डेंगू के लक्षण पाए गए हैं.
'नहीं है मुकम्मल सुविधा'
मुगेंर के सदर अस्पताल में रैपिड डॉयग्नोस्टिक किट नहीं होने के साथ-साथ वायरल, टॉयफायड, मलेरिया, सहित अन्य बीमारियों का पता नहीं चलता. डॉक्टर की माने तो सामान्य डेंगू पांच से सात दिन में साधारण वॉयरल बुखार की तरह ठीक हो जाता है. लेकिन इन रोगियों को संक्रमित मच्छर काटने से यह घातक हो सकता है.