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डेंगू का डंक: मुंगेर में दर्जनभर से ज्यादा लोग हुए शिकार, बढ़ रही है मरीजों की संख्या

मुंगेर में हड्डी तोड़ के नाम से प्रख्यात जानलेवा डेंगू बुखार तेजी से पांव पसार रहा है. जिले के आधे दर्जन लोग डेंगू के चपेट में हैं.

डेंगू से पीड़ित मरीज
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Published : Sep 18, 2019, 12:13 AM IST

मुंगेरः जिले में एक बार फिर डेंगू का डंक कहर बरपाने लगा है. मुंगेर सदर अस्पताल में डेंगू से पीड़ित दो बच्चों को भर्ती किया गया है. यहां उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं, जिले में अब तक पांच डेंगू पीड़ित मरीजों के मिलने से लोगों के बीच भय का माहौल है.

'जानलेवा है डेंगू बुखार'
हड्डी तोड़ के नाम से प्रख्यात जानलेवा डेंगू बुखार जिले में तेजी से पांव पसार रहा है. जिले में अब तक लगभग आधे दर्जन लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. चिकित्सकों के अनुसार दिल्ली से आने वाले प्रदेशवासी इस साल डेंगू के डेन-2 और डेन-4 वॉयरस साथ लेकर आ रहे हैं. वहीं, जांच और इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से डेंगू खतरनाक रुप ले रहा है. गौरतलब है कि पिछले पांच सालों से डेंगू जानलेवा बीमारी के रुप में सामने आई है.

munger
डेंगू से पीड़ित मरीज

'डेंगू से ग्रसित दो बच्चे भर्ती'
हेमजापुर निवासी अशोक महतो के 12 वर्षीय पुत्र नितिन कुमार को पिछले पांच दिन से तेज बुखार था. परिजनों ने पहले गांव के डॉक्टर के पास नितिन का इलाज कराया. लेकिन लगातार उसकी स्थिति बिगड़ने के बाद परिजनों से उसे शहर के ही एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान उसे डेंगू की पुष्टि की गई. इसके बाद परिजन उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक डॉ. रामप्रीत ने जांच रिपोर्ट देखकर बच्चे को डेंगू रोग से ग्रसित पाया. वहीं, नयारामनगर जमालपुर निवासी चंदन सिंह की 11 वर्षीय पुत्री शिखा कुमारी में भी डेंगू के लक्षण पाए गए हैं.

तेजी से पांव पसार रहा है डेंगू

'नहीं है मुकम्मल सुविधा'
मुगेंर के सदर अस्पताल में रैपिड डॉयग्नोस्टिक किट नहीं होने के साथ-साथ वायरल, टॉयफायड, मलेरिया, सहित अन्य बीमारियों का पता नहीं चलता. डॉक्टर की माने तो सामान्य डेंगू पांच से सात दिन में साधारण वॉयरल बुखार की तरह ठीक हो जाता है. लेकिन इन रोगियों को संक्रमित मच्छर काटने से यह घातक हो सकता है.

मुंगेरः जिले में एक बार फिर डेंगू का डंक कहर बरपाने लगा है. मुंगेर सदर अस्पताल में डेंगू से पीड़ित दो बच्चों को भर्ती किया गया है. यहां उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं, जिले में अब तक पांच डेंगू पीड़ित मरीजों के मिलने से लोगों के बीच भय का माहौल है.

'जानलेवा है डेंगू बुखार'
हड्डी तोड़ के नाम से प्रख्यात जानलेवा डेंगू बुखार जिले में तेजी से पांव पसार रहा है. जिले में अब तक लगभग आधे दर्जन लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. चिकित्सकों के अनुसार दिल्ली से आने वाले प्रदेशवासी इस साल डेंगू के डेन-2 और डेन-4 वॉयरस साथ लेकर आ रहे हैं. वहीं, जांच और इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से डेंगू खतरनाक रुप ले रहा है. गौरतलब है कि पिछले पांच सालों से डेंगू जानलेवा बीमारी के रुप में सामने आई है.

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डेंगू से पीड़ित मरीज

'डेंगू से ग्रसित दो बच्चे भर्ती'
हेमजापुर निवासी अशोक महतो के 12 वर्षीय पुत्र नितिन कुमार को पिछले पांच दिन से तेज बुखार था. परिजनों ने पहले गांव के डॉक्टर के पास नितिन का इलाज कराया. लेकिन लगातार उसकी स्थिति बिगड़ने के बाद परिजनों से उसे शहर के ही एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान उसे डेंगू की पुष्टि की गई. इसके बाद परिजन उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक डॉ. रामप्रीत ने जांच रिपोर्ट देखकर बच्चे को डेंगू रोग से ग्रसित पाया. वहीं, नयारामनगर जमालपुर निवासी चंदन सिंह की 11 वर्षीय पुत्री शिखा कुमारी में भी डेंगू के लक्षण पाए गए हैं.

तेजी से पांव पसार रहा है डेंगू

'नहीं है मुकम्मल सुविधा'
मुगेंर के सदर अस्पताल में रैपिड डॉयग्नोस्टिक किट नहीं होने के साथ-साथ वायरल, टॉयफायड, मलेरिया, सहित अन्य बीमारियों का पता नहीं चलता. डॉक्टर की माने तो सामान्य डेंगू पांच से सात दिन में साधारण वॉयरल बुखार की तरह ठीक हो जाता है. लेकिन इन रोगियों को संक्रमित मच्छर काटने से यह घातक हो सकता है.

Intro:मुगेंर - एक बार फिर मुगेंर शहर में डेंगु का असर दिखने लगा है. सदर अस्पताल मुगेंर में डेंगु से पीड़ित दो बच्चे एडमिट किये गये है. दोनों बच्चों में डेंगु का लक्षण मिलने के बाद उसका इलाज किया जा रहा है. वहीं जिले में अब तक पांच डेंगु से पीड़ित मरीजों के मिलने से लोगों के बीच भय का माहौल है. Body:हड्डी तोड़ के नाम से कुख्यात जानलेवा डेंगु बुखार जिले में तेजी से पांव पसारता जा रहा है. अब तक लगभग आधे दर्जन लोग इसकी चपेट में आ चुके है. वहीं मुगेंर के सदर अस्पताल में बचाव और इलाज की मुक्कमल व्यवस्था नही किये जाने से लोग भयाक्रांत है.
चिकित्सकों के मुताबिक दिल्ली से आने वाले प्रदेश के निवासी इस साल डेंगु के डेन-2 और डेन-4 वॉयरस साथ लेकर आ रहे है. वहीं जांच और इलाज की बेहतक व्यवस्था नही होने से डेंगु खतरनाक रुप ले सकता है. गौरतलब है कि हर चार-पांच वर्ष में डेंगु अत्यधिक खतरनाक रुप में सामने आ रहा है.
जानकारी के अनुसार हेमजापुर निवासी अशोक महतो के 12 वर्षीय पुत्र नितिन कुमार को पिछले पांच दिन से तेज बुखार था. जिसे परिजनों ने पहले गांव के डॉक्टर के यहां इलाज करवाया. लेकिन लगातार उसकी स्थिति बिगड़ने के बाद परिजनों से उसे शहर के ही एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान उसे डेंगु की पुष्टि हुई. इसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इमरजेंसी में मौजुद चिकित्सक डॉ0 रामप्रीत ने जांच रिपोर्ट देखकर बच्चे को डेंगु रोग से ग्रसित पाया.
वहीं नयारामनगर जमालपुर निवासी चंदन सिंह की 11 वर्षीय पुत्री शिखा कुमारी को भी डेंगु से पीड़ित होने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया. दोनो बच्चों की जांच के पश्चात डेंगु की पुष्टि होने के बात कही जा रही है.
मुगेंर के सदर अस्पताल में रैपिड डॉयग्नोस्टिक किट नही होने के साथ-साथ वायरल, टायफॉयड, मलेरिया आदि से मिलते जुलते लक्षणों के कारण उनका पता नही चलता. दरअसल, सामान्य डेंगु पांच से सात दिन में साधारण वॉयरल बुखार की तरह स्वत: ठीक हो जाता है. लेकिन इन रोगियों को काटने से संक्रमित मच्छर काटे तो यह घातक हो सकता है.
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डॉ0 पुरुषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन, मुगेंरConclusion:
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