मुंगेर: बिहार विधानसभा चुनाव के मतगणना के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर, सुपरवाइजर और मतगणना सहायकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया है. यह प्रशिक्षण 330 कर्मियों को दिया जा रहा है. जिले के जमालपुर, तारापुर और मुंगेर विधानसभा क्षेत्र की मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी. इस दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में गिनती के लिए 14-14 टेबल लगाए जाएंगे.
मतगणना की तैयारी
10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना होनी है. मुंगेर जिले में आरडी एंड डीजे कॉलेज को वज्रगृह सह मतगणना केंद्र बनाया गया है. जिसमें जमालपुर, तारापुर और मुंगेर विधानसभा क्षेत्र की गिनती होगी. इसके लिए मतगणना कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मतगणना की शुरुआत पोस्टल बैलट की गिनती से शुरू होगी. मतगणना को लेकर हर विधानसभा क्षेत्र के लिए दो-दो हॉल की पहचान की गई है. साथ ही सभी विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना के लिए 14 टेबल लगाए जाएंगे. जबकि मतगणना के बाद ईवीएम और कागजातों की सीलिंग की जाएगी. इस री सीलिंग के लिए विधानसभा वार अधिकारी और कर्मी को नियुक्त किया गया है. मतगणना केंद्र पर नियंत्रण कक्ष के पंडाल में मीडिया कोषांग संचालित किया जाएगा. हर हॉल में मतगणना अभिकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. जबकि मतगणना से पहले केंद्र को अच्छी तरह से सैनेटाइज किया जाएगा.
मतदान कर्मियों को दी जा रही ट्रेनिंग
मतगणना को स्वच्छ, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर डीएम रचना पाटिल के निर्देश पर प्रशिक्षण कोषांग की ओर शुक्रवार से संग्रहालय के सभागार में 2 दिनों का प्रशिक्षण शुरू हो गया. इस दो दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत नोडल अधिकारी दिनेश कुमार चौधरी और डीपीओ धनंजय पासवान की निगरानी में हुई. इस मौके पर मुख्य प्रशिक्षक अनिल कुमार पांडे ने मतगणना के समय बरती जाने वाली सावधानियों की चर्चा करते हुए कहा कि हम स्वयं कोई निर्णय नहीं लेंगे. कंट्रोल यूनिट और सभी पत्रों का मिलान करेंगे. कंट्रोल यूनिट के सील की जांच करेंगे. इससे पूरी तरह संतुष्ट होने कंट्रोल यूनिट के रिजल्ट को खोलकर रिजल्ट बटन दबाएंगे.
काउंटिंग एजेंट का हस्ताक्षर
वहीं, इसके बाद परिणाम का प्रदर्शन और निर्धारित फार्म में इसे अंकित करेंगे. इस पर सभी काउंटिंग एजेंट का हस्ताक्षर लिया जाएगा. हर-हर कुमार ने वीवीपैट मशीन के स्लिप की गिनती के बारे में जानकारी दी. मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार और ऋषि देव यादव ने कंट्रोल यूनिट के बारे में बताया. जबकि डीपीओ ने अन्य सावधानी के बारे में जानकारी और अपने अनुभव के बारे में बताया.