मुंगेर: 21 जून को पूरी दुनिया छठा विश्व योग दिवस मना रही है. बिहार के मुंगेर को योग नगरी कहा जाता है. मुंगेर योग आश्रम को योग के प्रथम विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है. इस योग आश्रम से जुड़े स्वामी दयानंद सरस्वती योग केंद्र के प्रमुख गुरु चैतन्य ने योग के संबंध में ईटीवी भारत से विस्तार में बातचीत की. गुरु चैतन्य ने कहा कि 2015 में प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. लेकिन कोरोना संक्रमण काल में इस बार अलग तरीके से मना रहे हैं.
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम योगा एट होम विद फैमिली है. आयुष मंत्रालय के निर्देश पर लोग अपने-अपने घर पर परिवार के साथ मिलकर योग कर रहे हैं. गुरु चैतन्य ने कहा कि मुंगेर योग की नगरी है. योग को दिशा दिखाने वाली अग्रणी संस्था बिहार योग विद्यालय है. जिसे योग का प्रथम विश्वविद्यालय भी कहा जाता है. योग आश्रम से हजारों नहीं बल्कि लाखों साधक प्रशिक्षित होकर विभिन्न देशों में जाकर योग का प्रचार प्रसार कर रहे हैं.
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सोशल नहीं, फिजिकल डिस्टेंस अपनाएं
कोविड-19 को लेकर गुरु चैतन्य ने कहा कि आश्रम के परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती का मानना है कि कोविड-19 को हराने के लिए हर कोई सामाजिक दूरी की बात कर रहा है. लेकिन हमारे परम पूज्य गुरुदेव पद्म विभूषित परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती महाराज कहते हैं कि आज जरूरत है शारीरिक दूरी की. इसके अलावा सकारात्मक प्रगाढ़ सामाजिक संबंध की. ये तभी संभव है जब मन सकारात्मक रहे, मानसिक तनाव और उलझनों से खुद को उभारना होगा. सोशल डिस्टेंस नहीं फिजिकल डिस्टेंस को अपनाकर कोरोना को हरा सकते हैं.
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सैंकड़ों जगह पर प्रस्तुति दे चुके हैं बाल योगी
स्वामी जी के सानिध्य में बाल योग मित्र मंडल के बाल योगी हरि ओम सिंह ने संगीत की धुन पर योग के कठिन आसनों को सुलभ रूप से ईटीवी भारत के सामने प्रदर्शित किया. हरिओम सिंह ने कहा कि मुझे योग करने में आत्मिक खुशी होती है, साथ ही साथ शरीर भी ठीक रहता है. बता दें कि 16 साल की उम्र में अब तक 100 से अधिक स्थानों पर योग की प्रस्तुति देकर बच्चों को योग के प्रति आकर्षित और प्रेरित किया है.
योग गुरू की सलाह रोजाना करें योग
गुरु चैतन्य का मानना है कि योग संस्कृति भारत की ही देन है. पूरे 200 देशों ने योग को अपनाया ही नहीं, बल्कि कई देशों ने इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया है. उन्होंने कहा कि योग के आसनों से कोविड-19 पर विजय हासिल किया जा सकता है. शर्त बस इतनी है कि पूरी मनोयोग से योग करें. योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. उन्होंने कहा कि सभी लोग भागदौड़ की जिंदगी में योग के लिए निश्चित रूप से 15 मिनट से 30 मिनट का समय अपने जीवन के लिए अवश्य निकालें.