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लापरवाही ना पड़ जाए भारी! कंटेनमेंट जोन से बिना कोरोना जांच कराए बच्चों को पढ़ाने पहुंची आंगनबाड़ी सहायिका - Anganwadi sahayika Naina Devi of munger

बिहार के मुंगेर जिले से बड़ी लापरवाही की खबर सामने आने के बाद लोगों के बीच हड़कंप मच गया है. नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला कंटेनमेंट जोन से आई एक महिला आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 36 में बच्चों को पढ़ा रही है. सहायिक बिना कोरोना जांच (sahayika working without corona test in Munger) कराए ही इस आंगनबाड़ी केंद्र में योगदान दे रही हैं. पढ़ें पूरी खबर..

anganwadi sahayika working without corona test in Munger
anganwadi sahayika working without corona test in Munger
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Published : Jan 7, 2022, 5:36 PM IST

मुंगेर: बिहार में कोरोना (Corona In Bihar) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसको रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास में लगा है. लेकिन मुंगेर में तमाम कोशिशें फेल हो रही हैं. दरअसल नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला को कंटेनमेंट जोन ( Brahman Tola Containment Zone ) घोषित किया गया है. लेकिन यहां की एक सहायिका दूसरे गांव में बिना कोरोना जांच कराए ही बच्चों को पढ़ा रही है.

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कोरोना में सतर्क रहने की अपील लोगों से की जा रही है. ईटीवी भारत ने इस अपील का कितना असर हो रहा है जानने का प्रयास किया तो, कई लेवल पर लापरवाही देखने को मिली. कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद भी कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाकर घेराबंदी नहीं की गई है. वहीं कंटेनमेंट जोन से निकलकर लोग बाहर खुलेआम घूम रहे हैं.

ऐसी लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी

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दरअसल नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला में 13 संक्रमित मरीज पाए गए हैं. इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. कंटेनमेंट जोन से निकलने वाले हर व्यक्ति का कोरोना जांच अनिवार्य है. लेकिन बिना अपना कोरोना जांच कराए एक सहायिका दूसरे गांव में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर बच्चों को पढ़ा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस बाबत आंगनबाड़ी सहायिका नैना देवी (Anganwadi sahayika Naina Devi of munger) से बातचीत की. नैना देवी ने बताया कि, उन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं कराया है. वहीं सहायिका बिना मास्क के ही बच्चों को पढ़ाती दिखी. सहायिका नैना देवी केंद्र संख्या 36 पर बच्चों को पढ़ा रही थीं.

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सहायिका नैना देवी ने स्वीकार किया कि, उन्होंने अपना कोरोना जांच नहीं कराया है और वह कंटेनमेंट जोन से निकलकर प्रतिदिन यहां आ रही हैं. उन्होंने कहा कि, मैं कंटेनमेंट जोन से बाहर निकलकर आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने आना नहीं चाहती थी.

"मैं कंटेनमेंट जोन में रह रही हूं. इसकी जानकारी मैंने सीडीपीओ को भी दी थी. मैंने कहा था कि मैडम मेरे गांव में कोरोना निकला है. लेकिन सीडीपीओ ने कहा कि आप जाकर आंगनबाड़ी केंद्र चलाएं. मैंने अपना जांच नहीं कराया है. आज सैंपल दी हूं, 3 दिन बाद रिपोर्ट आएगी."- नैना देवी, आंगनबाड़ी सहायिका

बिंदु देवी सदर प्रखंड के नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी वार्ड नंबर 7 में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 36 संचालित है. जबकि सहायिका नैना देवी गढ़ी ब्राह्मण टोला वार्ड नंबर 6 की रहने वाली है. जहां 13 संक्रमित मरीज मिले हैं और उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है.ऐसे में बड़ा सवाल है कि, कंटेनमेंट जोन से निकलकर एक महिला कैसे बच्चों को पढ़ा रही है. ऐसे में संक्रमण बढ़ेगा तो यह किसकी जिम्मेदारी होगी?

स्थानीय ग्रामीण राकेश कुमार मण्डल ने कहा कि, मैंने पहले ही इस सहायिका को मना किया था. इसने अपना जांच भी नहीं कराया है. 2 जनवरी को उनके इलाके में संक्रमित मरीज मिले थे लेकिन यह प्रतिदिन इस केंद्र पर आ रही हैं.

"यहां 36 बच्चों को सहायिका पढ़ाती हैं. यह अगर पॉजिटिव रहीं तो कितने बच्चों को संक्रमित कर देंगी यह कोई नहीं जानता है. इस सेंटर को तुरंत बंद कर देना चाहिए."- राकेश कुमार मंडल,ग्रामीण

वहीं सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार आलोक (CS Dr Harendra Kumar Alok ) ने कहा कि, यह लापरवाही ठीक नहीं है. महिला को पहले अपना जांच करा लेना चाहिए. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. कड़ी पाबंदी लगाई जाएगी.

"कंटेनमेंट जोन से निकलकर बाहर आने से पहले अपना जांच कराना होगा. महिला का जांच कराया जाएगा और संबंधित पदाधिकारी से कारण पूछा जाएगा. कंटेनमेंट जोन से वैसे लोग ही निकल सकते हैं जिनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई हो. सहायिका कैसे बिना जांच कराए बच्चों को पढ़ा रही है इसकी जांच की जाएगी." - डॉक्टर हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन

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मुंगेर: बिहार में कोरोना (Corona In Bihar) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसको रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास में लगा है. लेकिन मुंगेर में तमाम कोशिशें फेल हो रही हैं. दरअसल नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला को कंटेनमेंट जोन ( Brahman Tola Containment Zone ) घोषित किया गया है. लेकिन यहां की एक सहायिका दूसरे गांव में बिना कोरोना जांच कराए ही बच्चों को पढ़ा रही है.

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कोरोना में सतर्क रहने की अपील लोगों से की जा रही है. ईटीवी भारत ने इस अपील का कितना असर हो रहा है जानने का प्रयास किया तो, कई लेवल पर लापरवाही देखने को मिली. कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद भी कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाकर घेराबंदी नहीं की गई है. वहीं कंटेनमेंट जोन से निकलकर लोग बाहर खुलेआम घूम रहे हैं.

ऐसी लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी

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दरअसल नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी ब्राह्मण टोला में 13 संक्रमित मरीज पाए गए हैं. इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. कंटेनमेंट जोन से निकलने वाले हर व्यक्ति का कोरोना जांच अनिवार्य है. लेकिन बिना अपना कोरोना जांच कराए एक सहायिका दूसरे गांव में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर बच्चों को पढ़ा रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस बाबत आंगनबाड़ी सहायिका नैना देवी (Anganwadi sahayika Naina Devi of munger) से बातचीत की. नैना देवी ने बताया कि, उन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं कराया है. वहीं सहायिका बिना मास्क के ही बच्चों को पढ़ाती दिखी. सहायिका नैना देवी केंद्र संख्या 36 पर बच्चों को पढ़ा रही थीं.

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सहायिका नैना देवी ने स्वीकार किया कि, उन्होंने अपना कोरोना जांच नहीं कराया है और वह कंटेनमेंट जोन से निकलकर प्रतिदिन यहां आ रही हैं. उन्होंने कहा कि, मैं कंटेनमेंट जोन से बाहर निकलकर आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने आना नहीं चाहती थी.

"मैं कंटेनमेंट जोन में रह रही हूं. इसकी जानकारी मैंने सीडीपीओ को भी दी थी. मैंने कहा था कि मैडम मेरे गांव में कोरोना निकला है. लेकिन सीडीपीओ ने कहा कि आप जाकर आंगनबाड़ी केंद्र चलाएं. मैंने अपना जांच नहीं कराया है. आज सैंपल दी हूं, 3 दिन बाद रिपोर्ट आएगी."- नैना देवी, आंगनबाड़ी सहायिका

बिंदु देवी सदर प्रखंड के नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत के गढ़ी वार्ड नंबर 7 में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 36 संचालित है. जबकि सहायिका नैना देवी गढ़ी ब्राह्मण टोला वार्ड नंबर 6 की रहने वाली है. जहां 13 संक्रमित मरीज मिले हैं और उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है.ऐसे में बड़ा सवाल है कि, कंटेनमेंट जोन से निकलकर एक महिला कैसे बच्चों को पढ़ा रही है. ऐसे में संक्रमण बढ़ेगा तो यह किसकी जिम्मेदारी होगी?

स्थानीय ग्रामीण राकेश कुमार मण्डल ने कहा कि, मैंने पहले ही इस सहायिका को मना किया था. इसने अपना जांच भी नहीं कराया है. 2 जनवरी को उनके इलाके में संक्रमित मरीज मिले थे लेकिन यह प्रतिदिन इस केंद्र पर आ रही हैं.

"यहां 36 बच्चों को सहायिका पढ़ाती हैं. यह अगर पॉजिटिव रहीं तो कितने बच्चों को संक्रमित कर देंगी यह कोई नहीं जानता है. इस सेंटर को तुरंत बंद कर देना चाहिए."- राकेश कुमार मंडल,ग्रामीण

वहीं सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार आलोक (CS Dr Harendra Kumar Alok ) ने कहा कि, यह लापरवाही ठीक नहीं है. महिला को पहले अपना जांच करा लेना चाहिए. पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. कड़ी पाबंदी लगाई जाएगी.

"कंटेनमेंट जोन से निकलकर बाहर आने से पहले अपना जांच कराना होगा. महिला का जांच कराया जाएगा और संबंधित पदाधिकारी से कारण पूछा जाएगा. कंटेनमेंट जोन से वैसे लोग ही निकल सकते हैं जिनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई हो. सहायिका कैसे बिना जांच कराए बच्चों को पढ़ा रही है इसकी जांच की जाएगी." - डॉक्टर हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन

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