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मुंगेर: टेटिया पंचायत में 15 साल से एक ही परिवार के बीच घूम रहा मुखिया पद

मुंगेर जिले के टेटियाबम्बर प्रखंड के टेटिया पंचायत में मुखिया पद लगातार 15 साल एक ही परिवार के कब्जे में है. यहां से शारदा देवी को जीत मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

Sharda devi
शारदा देवी
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Published : Oct 3, 2021, 7:07 AM IST

मुंगेर: बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. परिणाम (Bihar Panchayat election Result) चौंकाने वाले भी आ रहे हैं. मुंगेर जिले के टेटियाबम्बर प्रखंड के टेटिया पंचायत में मुखिया का पद लगातार 15 साल एक ही परिवार के कब्जे में है.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव में बदलाव की बहार! 70 फीसदी पुराने मुखिया गए हार

2006 में संजय यादव मुखिया चुने गए थे. 2016 में जब यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हुई तो उन्होंने अपनी मां यशोदा देवी को चुनाव मैदान में उतारा. यशोदा देवी मुखिया का चुनाव जीत गईं. 2021 में जब चुनाव का समय आया तो मां की उम्र अधिक होने के कारण संजय ने अपने छोटे भाई की पत्नी शारदा देवी को प्रत्याशी बनाया. संजय यादव ने बताया कि वह अपनी पत्नी को प्रत्याशी बनाना चाहते थे. पत्नी सरकारी शिक्षक हैं, इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकतीं. इस कारण उन्होंने अपने छोटे भाई की पत्नी को मैदान में उतारा.

देखें वीडियो

शारदा देवी चुनाव जीत गईं हैं. संजय ने कहा कि जनता का प्यार मेरे साथ है. लोगों ने तीसरी बार मेरे परिवार के सदस्य को मुखिया बनाया है. नवनिर्वाचित मुखिया शारदा देवी ने कहा, 'हमारे परिवार से मैं तीसरी सदस्य हूं जो मुखिया बनी है. जनता का आशीर्वाद मुझे मिला है. मैं जनता की सेवा करूंगी. विकास के जो काम बचे हैं उन्हें पूरा करना है. चुनाव में जीत दिलाने के लिए मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं.'

यह भी पढ़ें- 66 लाख रुपए के गबन के आरोप में 4 साल से थी फरार, नामांकन करने आई तो पुलिस ने दबोचा

मुंगेर: बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. परिणाम (Bihar Panchayat election Result) चौंकाने वाले भी आ रहे हैं. मुंगेर जिले के टेटियाबम्बर प्रखंड के टेटिया पंचायत में मुखिया का पद लगातार 15 साल एक ही परिवार के कब्जे में है.

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2006 में संजय यादव मुखिया चुने गए थे. 2016 में जब यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हुई तो उन्होंने अपनी मां यशोदा देवी को चुनाव मैदान में उतारा. यशोदा देवी मुखिया का चुनाव जीत गईं. 2021 में जब चुनाव का समय आया तो मां की उम्र अधिक होने के कारण संजय ने अपने छोटे भाई की पत्नी शारदा देवी को प्रत्याशी बनाया. संजय यादव ने बताया कि वह अपनी पत्नी को प्रत्याशी बनाना चाहते थे. पत्नी सरकारी शिक्षक हैं, इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकतीं. इस कारण उन्होंने अपने छोटे भाई की पत्नी को मैदान में उतारा.

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शारदा देवी चुनाव जीत गईं हैं. संजय ने कहा कि जनता का प्यार मेरे साथ है. लोगों ने तीसरी बार मेरे परिवार के सदस्य को मुखिया बनाया है. नवनिर्वाचित मुखिया शारदा देवी ने कहा, 'हमारे परिवार से मैं तीसरी सदस्य हूं जो मुखिया बनी है. जनता का आशीर्वाद मुझे मिला है. मैं जनता की सेवा करूंगी. विकास के जो काम बचे हैं उन्हें पूरा करना है. चुनाव में जीत दिलाने के लिए मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं.'

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