मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में इन दिनों सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है. पुलिस और जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर से तीसरी नजर का पहरा हट चुका है. जन सहयोग से सुरक्षा के लिये शहर में लगे 32 सीसीटीवी कैमरा (CCTV Camera) में से 29 बंद पड़ा हुआ है. सवाल यह उठता है कि जब तीसरी आंख ही बंद है तो अपराध पर अंकुश कैसे लगेगा.
इसे भी पढ़ें: जल्द खुलेगी पटना पुलिस की 'तीसरी आंख'! खाकी को हाईटेक बनाने की कवायद
चार वर्ष पूर्व लगाया गया था कैमरा
मुंगेर शहर में लूट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चार वर्ष पूर्व जन सहयोग से कोतवाली थाना क्षेत्र समेत शहर में कुल विभिन्न चौक-चौराहों पर 32 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. इन सभी सीसीटीवी कैमरे (Closed Circuit Television) का कनेक्शन जिला नियंत्रण कक्ष दे दिया गया था. जहां पुलिस कर्मियों के माध्यम से निगरानी की जाती थी. जिससे किसी भी घटना के दौरान तुरंत एक्शन लिया जा सके.
बता दें कि रखरखाव के अभाव में सारे सीसीटीवी बंद हो गए हैं. इस मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश जैन ने बताया कि-
'जब मैं चेंबर ऑफ कॉमर्स का सदस्य था तो मैंने जन सहयोग के सदस्यों के सहयोग से 18 कैमरे के साथ एक सेटअप लगाया. बाद में सिस्टम जिला नियंत्रण कक्ष के अंतर्गत चला गया. जिसके बाद जिला प्रशासन ने उसमें और भी कैमरे जोड़ दिए. इन दिनों जितना हाइटेक अपराध हो रहा है. उसपर नियत्रंण भी हाइटेक होना चाहिए.' -राजेश जैन, भाजपा जिलाध्यक्ष
ये भी पढ़ें: बिहार के सभी थानों में जल्द लगेंगे सीसीटीवी कैमरे, कैबिनेट ने दी 282 करोड़ रुपये की मंजूरी
जिला नियंत्रण कक्ष की गई थी स्थापना
मुंगेर किला क्षेत्र में डीएसपी सदर कार्यालय के एक कमरे में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई थी. जिससे शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा सके. इसके लिये बाकायदा नियंत्रण कक्ष में पुलिस अधिकारी और दंडाधिकारी की नियुक्ति तक की गई थी. लेकिन आज नियंत्रण कक्ष में लगे मशीनों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है.
नियंत्रण कक्ष खुद असुरक्षित
बता दें कि नियंत्रण कक्ष मॉनिटर पर केवल तीन कैमरें से तस्वीरे आ रही थी. टेलीफोन बिल न जमा करने के कारण फोन वन वे हो गया है. नियंत्रण कक्ष में तैनात पुलिस अधिकारी और दंडाधिकारी ने बताया कि शहर में लगे 32 सीसीटीवी में से मात्र तीन चालू हैं. नियंत्रण कक्ष की हालत भी काफी खराब है. ऐसे में शहर को सुरक्षा प्रदान करने वाला नियंत्रण कक्ष आज खुद असुरक्षित है.
कोढ़ा गैंग को पकड़ने में मिली थी सफलता
शहर में लगे सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने कोढ़ा गैंग को पकड़ने में कामयाबी पाई थी. जो सड़क लूट के मास्टर माइंड थे. वहीं कैमरों के भय से अपराधी शहरी क्षेत्रों में अपराध की घटना को अंजाम देने में डरते थे. वहीं अब सीसीटीवी खराब हो जाने के कारण शहर की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है. इसकी सबसे बड़ी वजह रखरखवा कि व्यवस्था नहीं की गई.
'सीसीटीवी को ठीक करवाने के लिए कोई विशेष फंड नहीं रहने के कारण दिक्कत आई है. इस मामले को लेकर एसपी को निर्देश दिया गया है. जल्द से जल्द इसका निराकरण कर सभी सीसीटीवी को ठीक करवाया जाएगा.' -मो. शफीउल हक, डीआईजी, मुंगेर रेंज