ETV Bharat / state

Positive News : बेटे ने पूरी की पिता की आखिरी इच्छा, श्राद्ध के रुपये से गांव में बनाई पुलिया - पिता की इच्छा पूरी करने के लिए नदी में पुलिया का निर्माण

बिहार के मधुबनी जिले से समाज को दिशा देने वाली एक खबर आई है. अपने पिता की अंतिम इच्छा (Son fulfilled his father last wish) पूरा करते हुए बेटे ने गांव में पुलिया बनवाया है. पिता की ख्वाहिश थी कि उनकी मौत के बाद श्राद्ध के रुपए बचाकर गांव में पुलिया बनाया जाए. पढ़ें पूरी खबर

श्राद्ध के रुपये से गांव में बनाई पुलिया
श्राद्ध के रुपये से गांव में बनाई पुलिया
author img

By

Published : Jun 29, 2022, 10:35 AM IST

मधुबनी: इस दौर में जहां कई पुत्र अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करने से भी कतराते हैं, वहीं बिहार के मधुबनी जिले से एक ऐसी खबर आई है, जिसकी चर्चा इलाके में खूब हो रही. मधुबनी जिले के कलुआही थाना क्षेत्र के नरार पछवारी टोला में बेटों ने अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए नदी में पुलिया का निर्माण (Construction of Bridge to fulfill father wish in Madhubani) करा दिया, जिससे ग्रामीणों को भी बड़ी सुविधा मिली है. बेटे के इस पहल की इलाके में अब खूब चर्चा हो रही है.

ये भी पढ़ें: अनुठी पहल: पत्नी के श्राद्ध पर भोज नहीं कर पति ने की गरिबों की आर्थिक मदद

बेटे ने पूरी की पिता की आखिरी इच्छा: बताया जाता है कि बिहार के मधुबनी जिले के बनरार पछवारी टोला निवासी महादेव झा का 2020 में निधन हो गया. महादेव झा पेशे से शिक्षक थे. निधन के पूर्व उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों को डोकरा नदी पर पुलिया बना देने की इच्छा जतायी थी. निधन के बाद उनके पुत्रों ने गांव के डोकरा नदी पर पुलिया का निर्माण करा दिया. स्व. महादेव झा की पत्नी महेश्वरी देवी बताती हैं कि ''इसके लिये उनके पति ने पंचायत के मुखिया को कई बार कहा, पर किसी ने उनकी बातों को तरजीह नहीं दिया.''

'मेरी मौत के बाद डोकरा नदी पर एक पुल तैयार करा देना': पिता 2019 में बरसात के बाद बगीचा और खेत देखने जा रहे थे. पुल नहीं होने के कारण वह डोकरा नदी के कीचड़ से भरे पानी में फिसल कर गिर पड़े, जिससे काफी चोट आई थी. वहां से घर आने के बाद महादेव झा ने बेटों को बुला कर संकल्पित कराया की मौत के बाद भोज, श्राद्ध नहीं करना बल्कि कहा कि उस भोज के पैसों से लोगों के लिए डोकरा नदी पर एक पुल तैयार करा देना, जिससे लोगों को आवागमन में हो रही कठिनाई से निजात मिल सके. उनके बेटों ने पिता की इच्छा व आदेश का पालन करते हुए उनके मृत्यु के बाद श्राद्ध भोज और कर्मकांड में कटौती करते हुए आंशिक खर्च किया और बचे हुए रुपये से गांव वालों के लिए आरसीसी पुल बनवा दिया. इस पुलिया निर्माण में करीब पाँच लाख रुपये का खर्च किया गया.

''अंतिम समय पिता ने पुलिया का काम पूरा करने की इच्छा जताई थी. पिता जी ने कहा था कि मेरे श्राद्ध भोज और कर्मकांड पर खर्च करने की जरूरत नहीं है, जो पैसा बचे उससे पुलिया बनवा देना. पिता की इच्छा पूरी करने के लिए इस पुलिया का निर्माण करवाया'' - सुधीर झा, महादेव झा के बेटे

श्राद्ध के रुपये बचाकर गांव में बनाई पुलिया: कोरोना के कारण पुलिया के निर्माण में विलंब हुआ है. 72 वर्ष की उम्र में 16 मई 2020 को महादेव झा का निधन हो गया था. जय प्रकाश झा ने 5 लाख रुपये खर्च करके पुलिया को पिता महादेव झा की याद में उनके नाम का बोर्ड लगा गांव वालों को समर्पित कर दिया है. महादेव झा की याद में पुलिया बना कर समाज को समर्पित कर इस परिवार ने मिसाल कायम की है.

ये भी पढ़ें: 'माता-पिता की सेवा अनिवार्य' कानून का लोगों ने स्वागत किया, कुछ ने कहा- सरकार को बनानी चाहिए थी योजना

मधुबनी: इस दौर में जहां कई पुत्र अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करने से भी कतराते हैं, वहीं बिहार के मधुबनी जिले से एक ऐसी खबर आई है, जिसकी चर्चा इलाके में खूब हो रही. मधुबनी जिले के कलुआही थाना क्षेत्र के नरार पछवारी टोला में बेटों ने अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए नदी में पुलिया का निर्माण (Construction of Bridge to fulfill father wish in Madhubani) करा दिया, जिससे ग्रामीणों को भी बड़ी सुविधा मिली है. बेटे के इस पहल की इलाके में अब खूब चर्चा हो रही है.

ये भी पढ़ें: अनुठी पहल: पत्नी के श्राद्ध पर भोज नहीं कर पति ने की गरिबों की आर्थिक मदद

बेटे ने पूरी की पिता की आखिरी इच्छा: बताया जाता है कि बिहार के मधुबनी जिले के बनरार पछवारी टोला निवासी महादेव झा का 2020 में निधन हो गया. महादेव झा पेशे से शिक्षक थे. निधन के पूर्व उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों को डोकरा नदी पर पुलिया बना देने की इच्छा जतायी थी. निधन के बाद उनके पुत्रों ने गांव के डोकरा नदी पर पुलिया का निर्माण करा दिया. स्व. महादेव झा की पत्नी महेश्वरी देवी बताती हैं कि ''इसके लिये उनके पति ने पंचायत के मुखिया को कई बार कहा, पर किसी ने उनकी बातों को तरजीह नहीं दिया.''

'मेरी मौत के बाद डोकरा नदी पर एक पुल तैयार करा देना': पिता 2019 में बरसात के बाद बगीचा और खेत देखने जा रहे थे. पुल नहीं होने के कारण वह डोकरा नदी के कीचड़ से भरे पानी में फिसल कर गिर पड़े, जिससे काफी चोट आई थी. वहां से घर आने के बाद महादेव झा ने बेटों को बुला कर संकल्पित कराया की मौत के बाद भोज, श्राद्ध नहीं करना बल्कि कहा कि उस भोज के पैसों से लोगों के लिए डोकरा नदी पर एक पुल तैयार करा देना, जिससे लोगों को आवागमन में हो रही कठिनाई से निजात मिल सके. उनके बेटों ने पिता की इच्छा व आदेश का पालन करते हुए उनके मृत्यु के बाद श्राद्ध भोज और कर्मकांड में कटौती करते हुए आंशिक खर्च किया और बचे हुए रुपये से गांव वालों के लिए आरसीसी पुल बनवा दिया. इस पुलिया निर्माण में करीब पाँच लाख रुपये का खर्च किया गया.

''अंतिम समय पिता ने पुलिया का काम पूरा करने की इच्छा जताई थी. पिता जी ने कहा था कि मेरे श्राद्ध भोज और कर्मकांड पर खर्च करने की जरूरत नहीं है, जो पैसा बचे उससे पुलिया बनवा देना. पिता की इच्छा पूरी करने के लिए इस पुलिया का निर्माण करवाया'' - सुधीर झा, महादेव झा के बेटे

श्राद्ध के रुपये बचाकर गांव में बनाई पुलिया: कोरोना के कारण पुलिया के निर्माण में विलंब हुआ है. 72 वर्ष की उम्र में 16 मई 2020 को महादेव झा का निधन हो गया था. जय प्रकाश झा ने 5 लाख रुपये खर्च करके पुलिया को पिता महादेव झा की याद में उनके नाम का बोर्ड लगा गांव वालों को समर्पित कर दिया है. महादेव झा की याद में पुलिया बना कर समाज को समर्पित कर इस परिवार ने मिसाल कायम की है.

ये भी पढ़ें: 'माता-पिता की सेवा अनिवार्य' कानून का लोगों ने स्वागत किया, कुछ ने कहा- सरकार को बनानी चाहिए थी योजना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.