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मधुबनी: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी, मरीज का नहीं हो पाता सही से इलाज

सदर अस्पताल मधुबनी में चिकित्सा कर्मियों की भारी कमी है, अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफों की भारी कमी से अस्पताल प्रबंधन व मरीज परेशानियों से जूझ रहे है.

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Published : Aug 13, 2019, 12:01 AM IST

मधुबनी: सदर अस्पताल में चिकित्सा कर्मियों की भारी कमी



मधुबनी: सदर अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की भारी कमी है. अस्पताल चिकित्सा कर्मियों की घोर कमी से जूझ रहा है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पर 5 से 20 लाख की आबादी निर्भर है. इससे इलाज क्या होता होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

severe shortage of medical staff in sadar hospital
मधुबनी सदर अस्पताल

रिक्त पदों का आलम
अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 70 पद सृजित हैं. जबकि पहले मात्र 13 डॉक्टर ही कार्यरत थे, अब 8 डॉक्टर ही बचे है. वहीं एएनएम के 200 पद सृजित हैं जबकि मात्र 40 एएनएम ही कार्यरत हैं. यही हाल अस्पताल के लैब का भी है, लैब टेक्नीशियन के 12 पद सृजित हैं. उसकी एवज में मात्र तीन लैब टेक्नीशियन ही कार्यरत हैं. फार्मेसी विभाग का हाल भी कुछ ठीक नहीं है. अस्पताल में फार्मासिस्ट के 5 पद हैं, जबकि अस्पताल में एक भी फार्मासिस्ट नहीं हैं.
हैरानी की बात है कि अस्पताल में महिलाओं के लिए गायनोलॉजिस्ट तक की सुविधा नहीं है और ना ही इतने बड़े अस्पताल में चाइल्ड, ऑर्थो, और सर्जन जैसे स्पेशलिस्ट डॉक्टर ही मौजूद हैं.

सदर अस्पताल में चिकित्सा कर्मियों की भारी कमी

सिविल सर्जन ने बताया
सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश झा ने बताया पूरे जिले में 527 डॉक्टर के पद सृजित हैं. जबकि मात्र 46 डॉक्टर ही पूरे जिले में हैं. हमारे सदर अस्पताल में 70 डॉक्टर के बदले मात्र 8 डॉक्टर ही कार्यरत हैं, एएनएम की भी वही स्थिति है, हमने बिहार सरकार को संदेश भेज दिया है. संदेश भेजने के बाद सरकार द्वारा आश्वासन मिला है, आशा है अस्पताल को बहुत जल्द 10 से 12 डॉक्टर मिल जायेंगे. अब देखना है कब डॉक्टर का व्यवस्था किया जाता है डॉक्टरों की कमी से काफी परेशानी हो रही है डॉक्टर भी परेशान रहते हैं और मैं भी परेशान हूं. किसी तरह से अस्पताल को चलाया जा रहा है.



मधुबनी: सदर अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की भारी कमी है. अस्पताल चिकित्सा कर्मियों की घोर कमी से जूझ रहा है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पर 5 से 20 लाख की आबादी निर्भर है. इससे इलाज क्या होता होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

severe shortage of medical staff in sadar hospital
मधुबनी सदर अस्पताल

रिक्त पदों का आलम
अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 70 पद सृजित हैं. जबकि पहले मात्र 13 डॉक्टर ही कार्यरत थे, अब 8 डॉक्टर ही बचे है. वहीं एएनएम के 200 पद सृजित हैं जबकि मात्र 40 एएनएम ही कार्यरत हैं. यही हाल अस्पताल के लैब का भी है, लैब टेक्नीशियन के 12 पद सृजित हैं. उसकी एवज में मात्र तीन लैब टेक्नीशियन ही कार्यरत हैं. फार्मेसी विभाग का हाल भी कुछ ठीक नहीं है. अस्पताल में फार्मासिस्ट के 5 पद हैं, जबकि अस्पताल में एक भी फार्मासिस्ट नहीं हैं.
हैरानी की बात है कि अस्पताल में महिलाओं के लिए गायनोलॉजिस्ट तक की सुविधा नहीं है और ना ही इतने बड़े अस्पताल में चाइल्ड, ऑर्थो, और सर्जन जैसे स्पेशलिस्ट डॉक्टर ही मौजूद हैं.

सदर अस्पताल में चिकित्सा कर्मियों की भारी कमी

सिविल सर्जन ने बताया
सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश झा ने बताया पूरे जिले में 527 डॉक्टर के पद सृजित हैं. जबकि मात्र 46 डॉक्टर ही पूरे जिले में हैं. हमारे सदर अस्पताल में 70 डॉक्टर के बदले मात्र 8 डॉक्टर ही कार्यरत हैं, एएनएम की भी वही स्थिति है, हमने बिहार सरकार को संदेश भेज दिया है. संदेश भेजने के बाद सरकार द्वारा आश्वासन मिला है, आशा है अस्पताल को बहुत जल्द 10 से 12 डॉक्टर मिल जायेंगे. अब देखना है कब डॉक्टर का व्यवस्था किया जाता है डॉक्टरों की कमी से काफी परेशानी हो रही है डॉक्टर भी परेशान रहते हैं और मैं भी परेशान हूं. किसी तरह से अस्पताल को चलाया जा रहा है.

Intro:वीमार अस्पताल डॉक्टरों एबं स्टाफ की घोर कमी,मधुबनी


Body:मधुबनी
सदर अस्पताल मधुबनी में काफी कमिया नजर आ रही है।इस अस्पताल में डॉक्टरों स्टाफो की घोर कमी है । यह अस्पताल डॉक्टरों की घोर कमी से जूझ रहा है इस अस्पताल में डॉक्टर के कुल 70 पद सृजित हैं जबकि मात्र 13 डॉक्टर थे अब 8 डॉक्टर ही बचे है एएनएम के 200 पद सृजित हैं जबकि मात्र 40 एएनएम ही कार्यरत है ।लैब टेक्नीशियन के 12 पद सृजित है उसकी एवज में मात्र तीन लैब टेक्नीशियन ही कार्यरत हैफार्मासिस्ट के 5 पद है एक भी फार्मासिस्ट नही है। अस्पताल में एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है ना ही गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं ना ही सर्जन स्पेशलिस्ट है ।ऑथो स्पेसलिस्ट नही है।यहां तक कि चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी नहीं है जब इतने बड़े अस्पताल में एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है तो क्या इलाज होता होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस तरह से अस्पताल में डॉक्टर ,नर्स एबं स्टाफ की घोर कमी है जबकि इस अस्पताल से 15 से 20 लाख की आबादी इलाज के लिएनिर्भर है। सिविल सर्जन डॉ मिथिलेश झा ने बताया पूरे जिले में 527 डॉक्टर के पद सृजित हैं जबकि मात्र 46 डॉक्टर ही पूरे जिले में है । डॉक्टर की घोर कमी है हमारे सदर अस्पताल में 70 डॉक्टर के बदले मात्र 8 डॉक्टर ही कार्यरत है एएनएम का भी वही स्थिति है हमने बिहार सरकार को त्राहिमाम संदेश भेज दिया है प्राइमआन संदेश भेजने के बाद सरकार के द्वारा आश्वासन मिला है जो बहुत जल्द 10 से 12 डॉक्टर दी जाएगी अब देखना है जो कब डॉक्टर के व्यवस्था किया जाता है डॉक्टर की कमी को लेकर काफी परेशानी हो रही है डॉक्टर भी परेशान रहते हैं और मैं भी परेशान हूं।किसी तरह से अस्पताल को चलाया जा रहा है।
वाइट डॉक्टर मिथिलेश झा सिविल सर्जन, मधुबनी
राजकुमार झा ,मधुबनी


Conclusion:
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