मधुबनी: सदर अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की भारी कमी है. अस्पताल चिकित्सा कर्मियों की घोर कमी से जूझ रहा है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इलाज के लिए अस्पताल पर 5 से 20 लाख की आबादी निर्भर है. इससे इलाज क्या होता होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
रिक्त पदों का आलम
अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 70 पद सृजित हैं. जबकि पहले मात्र 13 डॉक्टर ही कार्यरत थे, अब 8 डॉक्टर ही बचे है. वहीं एएनएम के 200 पद सृजित हैं जबकि मात्र 40 एएनएम ही कार्यरत हैं. यही हाल अस्पताल के लैब का भी है, लैब टेक्नीशियन के 12 पद सृजित हैं. उसकी एवज में मात्र तीन लैब टेक्नीशियन ही कार्यरत हैं. फार्मेसी विभाग का हाल भी कुछ ठीक नहीं है. अस्पताल में फार्मासिस्ट के 5 पद हैं, जबकि अस्पताल में एक भी फार्मासिस्ट नहीं हैं.
हैरानी की बात है कि अस्पताल में महिलाओं के लिए गायनोलॉजिस्ट तक की सुविधा नहीं है और ना ही इतने बड़े अस्पताल में चाइल्ड, ऑर्थो, और सर्जन जैसे स्पेशलिस्ट डॉक्टर ही मौजूद हैं.
सिविल सर्जन ने बताया
सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश झा ने बताया पूरे जिले में 527 डॉक्टर के पद सृजित हैं. जबकि मात्र 46 डॉक्टर ही पूरे जिले में हैं. हमारे सदर अस्पताल में 70 डॉक्टर के बदले मात्र 8 डॉक्टर ही कार्यरत हैं, एएनएम की भी वही स्थिति है, हमने बिहार सरकार को संदेश भेज दिया है. संदेश भेजने के बाद सरकार द्वारा आश्वासन मिला है, आशा है अस्पताल को बहुत जल्द 10 से 12 डॉक्टर मिल जायेंगे. अब देखना है कब डॉक्टर का व्यवस्था किया जाता है डॉक्टरों की कमी से काफी परेशानी हो रही है डॉक्टर भी परेशान रहते हैं और मैं भी परेशान हूं. किसी तरह से अस्पताल को चलाया जा रहा है.