मधुबनी: जिले के आईएसओ मान्यता प्राप्त अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. साथ ही इस अस्पताल में डॅाक्टरों और एम्बुलेंस की भी घोर कमी है. जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सुधार के लिए करोड़ों रुपए किए खर्च
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग के सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं. लेकिन, यह सब यहां पर बेकार साबित होता दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग में डॅाक्टरों और स्टाफ की भी घोर कमी है. साथ ही अस्पताल में एक ही एम्बुलेंस है, जिससे मरीजों को सुविधा दी जाती है. इसके चलते मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
नियत समय से नहीं खुलती ओपीडी
वहीं, इस अस्पताल में काफी अनियमितता देखने को मिल रही है. डॉक्टरों की लापरवाही भी सामने आ रही है. इस अस्पताल में ओपीडी भी नियत समय से नहीं खुलती है. एक हफ्ता पहले स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय निदेशक एएन झा ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. जिसमें कई डॉक्टर और कर्मी बिना सूचना के ही अनुपस्थिति पाए गए थे. इसके बाद उन्होंने डॉक्टर और कर्मियों के वेतन पर रोक लगाने के आदेश दे दिए.
अस्पताल में गंदगी का अंबार
अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक ने बताया कि एनजीओ के सही से काम नहीं करने के कारण अस्पताल में गंदगी लगी रहती है. इसकी सूचना जिला प्रशासन को भेज दी गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में दो एम्बुलेंस मुहैया कराई गई थी, लेकिन उसमें से एक एम्बुलेंस खराब पड़ी है और एक ही एम्बुलेंस से मरीजों को सुविधाएं दी जा रही है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानियां हो रही हैं.