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'जल जीवन हरियाली' से प्रभावित होकर रिटायर्ड जवान ने 'इंटीग्रेटेड फार्मिंग' अपनायी, सालाना 9 लाख की कमाई - रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन

सेना से रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन ने लॉकडाउन के दौरान अपनी सकारात्मक सोच को ऐसी दिशा कि अब वो मधुबनी के पहले ऐसे किसान बन गए हैं, जिसने इंटीग्रेटेड खेती शुरू की है.

डिजाइन फोटो
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Published : Jun 27, 2020, 4:09 PM IST

मधुबनीः बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत अब किसानों के घरों में खुशियाली होगी. भारतीय सेना से रिटायर एक जवान ने इस योजना के तहत समेकित खेती को मुख्य पेशा बनाया है. खेती की ये प्रेरणा रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन को लॉकडाउन के दौरान मिली और शुरू कर दी भविष्य को संवारने की तैयारी.

जिले के लखनौर प्रखंड के दीप पंचायत के रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन ने इंटीग्रेटेड खेती शुरू की है. जिले के ये पहले किसान बन गए हैं, जो समेकित कृषि प्रणाली के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक एकड़ में खेती शुरू की है. नीतीश रंजन कहते हैं कि उन्हें इस खेती की प्रेणा लॉक डाउन के दौरान मिली. जब आमदनी के रास्ते बंद हो चुके थे और लोग परेशान थे. ऐसे ही दौर में नीतीश रंजन ने अपनी सोच को एक सकारात्मक दिशा दी और अपने प्रोजेक्ट को शुरू किया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लगाए 607 विभिन्न प्रकार के पौधे
नीतीश के इस काम से बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली को बल मिल रहा है. नीतीश ने चार महीने में तकरीबन 607 विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए हैं. उन्होंने इस योजना के तहत एक एकड़ जमीन में 3600 स्क्वायर फीट का तालाब भी खुदवाया है. उन्होंने खाली जमीन पर इलाहाबादी सफेद अमरूद का 350 पौधा, 200 बनारसी कागजी नींबू , 53जी 09 केला का पौधा , 14 बारहमासी कटहल, 10 बारहमासी आम , 24 बारहमासी सहजन लगाया गया है.

पौधे लगाता किसान
पौधे लगाता किसान

योजना में खर्च हुए करीब 3 लाख रुपये
रिटायर्ड जवान ने बताया कि तालाब में जैविक तरीके से मछली पालन किया जाएगा. इस तालाब में 1000 मछली का बीज दिया जाएगा. जो 12 हजार के करीब तैयार होगा. जिससे 4 से 5 लाख रुपये की आमदनी आएगी. साथ ही वो मधुमक्खी पालन भी करेंगे और मधुमक्खी से खाद के रूप में भी जमीन को ऊर्जा मिलेगी. इस योजना में उन्होंने बताया कि करीब 3 लाख रुपये की लागत आई है. जिसमें सरकार के जरिए 75,500 रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी. नीतीश ने बताया कि लॉक डाउन की विकट परिस्थितियों में भी तीन सौ मजदूरों को रोजगार दिया गया और 3 मजदूर को प्रतिदिन काम दिया जा रहा है.

36 सौ स्क्वायर फीट का तालाब
36 सौ स्क्वायर फीट का तालाब

ये भी पढ़ेंः मोतिहारीः भारतीय क्षेत्र से नेपाल ने हटाया अस्थायी कैंप, 100 मीटर पीछे हटी नेपाल सशस्त्र बल

'एक साल के बाद होगा आठ से नौ लाख रुपये का मुनाफा'
रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन ने बताया कि खेती के जरिए अच्छी कमाई के साथ लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा सकता है. हमने एक एकड़ जमीन में 3 लाख की लागत से इंटीग्रेटेड तरीके से खेती शुरू की है. एक साल के बाद आठ से नौ लाख रुपये का मुनाफा होगा. हमने इसे पहले प्रोजेक्ट के रूप में लिया है. आगे चलकर मैन्युफैक्चरिंग का भी काम किया जाएगा. विद्यापति के नाम से प्रोडक्ट बनाकर बाजार में उत्पाद प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने बिहार के नौजवानों को खेती से जुड़ने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली की तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना से पर्यावरण को काफी बेहतर हालात में लाया जा सकता है. यही वजह है कि उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगा कर इंटीग्रेटेड खेती की शुरूआत की है.

नीतीश कुमार, सीएम
नीतीश कुमार, सीएम

क्या है सरकार की जल जीवन हरियाली योजना
बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो अक्टूबर 2019 को अपनी महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली की शुरूआत की थी. इस अभियान की शुरुआत पश्चिम चम्पारण के गांव चंपापुर से की गई. तीन साल के अंदर इस पूरे अभियान पर करीब 24 हज़ार करोड़ खर्च किया जाएगा. इसके तहत कई करोड़ पौधों का रोपण और पानी के परंपरागत स्रोत जैसे तालाब, पोखर, कुओं का जीर्णोद्धार किया जाना है. राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों का कहना है कि बिहार के सामने आज जलवायु परिवर्तन और हवा-पानी तक को जहरीला बनाने वाले प्रदूषण से निपटना सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए राज्य सरकार ने कारगर तरीके से इसका मुकाबला करने का फैसला लिया है.

मधुबनीः बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत अब किसानों के घरों में खुशियाली होगी. भारतीय सेना से रिटायर एक जवान ने इस योजना के तहत समेकित खेती को मुख्य पेशा बनाया है. खेती की ये प्रेरणा रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन को लॉकडाउन के दौरान मिली और शुरू कर दी भविष्य को संवारने की तैयारी.

जिले के लखनौर प्रखंड के दीप पंचायत के रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन ने इंटीग्रेटेड खेती शुरू की है. जिले के ये पहले किसान बन गए हैं, जो समेकित कृषि प्रणाली के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक एकड़ में खेती शुरू की है. नीतीश रंजन कहते हैं कि उन्हें इस खेती की प्रेणा लॉक डाउन के दौरान मिली. जब आमदनी के रास्ते बंद हो चुके थे और लोग परेशान थे. ऐसे ही दौर में नीतीश रंजन ने अपनी सोच को एक सकारात्मक दिशा दी और अपने प्रोजेक्ट को शुरू किया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लगाए 607 विभिन्न प्रकार के पौधे
नीतीश के इस काम से बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली को बल मिल रहा है. नीतीश ने चार महीने में तकरीबन 607 विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए हैं. उन्होंने इस योजना के तहत एक एकड़ जमीन में 3600 स्क्वायर फीट का तालाब भी खुदवाया है. उन्होंने खाली जमीन पर इलाहाबादी सफेद अमरूद का 350 पौधा, 200 बनारसी कागजी नींबू , 53जी 09 केला का पौधा , 14 बारहमासी कटहल, 10 बारहमासी आम , 24 बारहमासी सहजन लगाया गया है.

पौधे लगाता किसान
पौधे लगाता किसान

योजना में खर्च हुए करीब 3 लाख रुपये
रिटायर्ड जवान ने बताया कि तालाब में जैविक तरीके से मछली पालन किया जाएगा. इस तालाब में 1000 मछली का बीज दिया जाएगा. जो 12 हजार के करीब तैयार होगा. जिससे 4 से 5 लाख रुपये की आमदनी आएगी. साथ ही वो मधुमक्खी पालन भी करेंगे और मधुमक्खी से खाद के रूप में भी जमीन को ऊर्जा मिलेगी. इस योजना में उन्होंने बताया कि करीब 3 लाख रुपये की लागत आई है. जिसमें सरकार के जरिए 75,500 रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी. नीतीश ने बताया कि लॉक डाउन की विकट परिस्थितियों में भी तीन सौ मजदूरों को रोजगार दिया गया और 3 मजदूर को प्रतिदिन काम दिया जा रहा है.

36 सौ स्क्वायर फीट का तालाब
36 सौ स्क्वायर फीट का तालाब

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'एक साल के बाद होगा आठ से नौ लाख रुपये का मुनाफा'
रिटायर्ड जवान नीतीश रंजन ने बताया कि खेती के जरिए अच्छी कमाई के साथ लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा सकता है. हमने एक एकड़ जमीन में 3 लाख की लागत से इंटीग्रेटेड तरीके से खेती शुरू की है. एक साल के बाद आठ से नौ लाख रुपये का मुनाफा होगा. हमने इसे पहले प्रोजेक्ट के रूप में लिया है. आगे चलकर मैन्युफैक्चरिंग का भी काम किया जाएगा. विद्यापति के नाम से प्रोडक्ट बनाकर बाजार में उत्पाद प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने बिहार के नौजवानों को खेती से जुड़ने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली की तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना से पर्यावरण को काफी बेहतर हालात में लाया जा सकता है. यही वजह है कि उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगा कर इंटीग्रेटेड खेती की शुरूआत की है.

नीतीश कुमार, सीएम
नीतीश कुमार, सीएम

क्या है सरकार की जल जीवन हरियाली योजना
बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो अक्टूबर 2019 को अपनी महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली की शुरूआत की थी. इस अभियान की शुरुआत पश्चिम चम्पारण के गांव चंपापुर से की गई. तीन साल के अंदर इस पूरे अभियान पर करीब 24 हज़ार करोड़ खर्च किया जाएगा. इसके तहत कई करोड़ पौधों का रोपण और पानी के परंपरागत स्रोत जैसे तालाब, पोखर, कुओं का जीर्णोद्धार किया जाना है. राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों का कहना है कि बिहार के सामने आज जलवायु परिवर्तन और हवा-पानी तक को जहरीला बनाने वाले प्रदूषण से निपटना सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए राज्य सरकार ने कारगर तरीके से इसका मुकाबला करने का फैसला लिया है.

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