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कोरोना का खौफ: 109 सालों में पहली बार भगवान राम के ससुराल में भी नहीं मनाई गई रामनवमी

कोरोना वायरस को लेकर लगे लॉकडाउन के कारण इस बार जनकपुर में रामनवमी नहीं मनाई गई. जनकपुर मंदिर के अंदर ही पूजा-पाठ की गई. श्रद्धालु ने अपने-अपने घरों से ही पूजा कर भगवान को याद किया.

Ram Navami
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Published : Apr 3, 2020, 9:52 PM IST

मधुबनी: लॉकडाउन का असर भगवान राम के ससुराल जनकपुर धाम में भी देखने को मिल रहा है. जनकपुर में 109 साल में पहली बार रामनवमी नहीं मनाई गई. कोरोना के कारण श्रद्धालु घरों से बाहर नहीं निकले.

Ram Navami
मंदिर में सन्नाटा

तीन दिन पहले ही मुख्य द्वार किया गया बंद
बता दें कि इस अवसर पर लाखों की संख्या श्रद्धालु पहुंचते थे. विशाल जुलूस का आयोजन किया जाता था, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर जनकपुर धाम में पहली बार राम नवमी त्योहार नहीं मनाया गया. मंदिर के सहायक महंथ रामरोशन दास ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन के आदेश पर रामनवमी से तीन दिन पहले ही मंदिर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया, ताकि मंदिर में भीड़-भाड़ न हो.

Ram Navami
खाली रहीं सड़कें

109 साल के इतिहास में पहली बार
109 साल के इतिहास में पहली बार जनक नंदनी का जानकी मंदिर का मुख्य द्वार बंद किया गया. उन्होंने बताया कि रामनवमी के अवसर पर मंदिर के अंदर ही विशेष पूजा-अर्चना की गई. वहीं, मंदिर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा. इधर, रामनवमी के अवसर पर भगवान के दर्शन नहीं होने से श्रदालुओं में मायूसी दिखी. लोग ने अपने-अपने घरों में ही भगवान की पूजा-अर्चना किया.

मधुबनी: लॉकडाउन का असर भगवान राम के ससुराल जनकपुर धाम में भी देखने को मिल रहा है. जनकपुर में 109 साल में पहली बार रामनवमी नहीं मनाई गई. कोरोना के कारण श्रद्धालु घरों से बाहर नहीं निकले.

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मंदिर में सन्नाटा

तीन दिन पहले ही मुख्य द्वार किया गया बंद
बता दें कि इस अवसर पर लाखों की संख्या श्रद्धालु पहुंचते थे. विशाल जुलूस का आयोजन किया जाता था, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर जनकपुर धाम में पहली बार राम नवमी त्योहार नहीं मनाया गया. मंदिर के सहायक महंथ रामरोशन दास ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन के आदेश पर रामनवमी से तीन दिन पहले ही मंदिर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया, ताकि मंदिर में भीड़-भाड़ न हो.

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खाली रहीं सड़कें

109 साल के इतिहास में पहली बार
109 साल के इतिहास में पहली बार जनक नंदनी का जानकी मंदिर का मुख्य द्वार बंद किया गया. उन्होंने बताया कि रामनवमी के अवसर पर मंदिर के अंदर ही विशेष पूजा-अर्चना की गई. वहीं, मंदिर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा. इधर, रामनवमी के अवसर पर भगवान के दर्शन नहीं होने से श्रदालुओं में मायूसी दिखी. लोग ने अपने-अपने घरों में ही भगवान की पूजा-अर्चना किया.

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