मधुबनी: जिले के उच्चैठ में शुक्रवार को उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. इस दौरान लोगों ने जबरदस्त विरोध किया और अतिक्रमण हटवाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस जवानों अंधाधुंध रोड़ेबाजी की. लोगों के विरोध के कारण इस काम को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा. लोगों की ओर से विरोध इतना जबरदस्त था कि पुलिस को अतिक्रमण हटाने में शाम हो गई.
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लोगों ने पुलिस पर की रोड़ेबाजी
दरअसल बेनीपट्टी सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता, प्रभारी एसएचओ रवींद्र प्रसाद व थाना पुलिस के अधिकारी व कर्मियों सहित काफी संख्या में पुलिस जवानों की टोली उच्चैठ थुम्हानी नदी स्थित पुल के समीप अतिक्रमण खाली कराने पहुंची थी. यहां दस डिसमिल सार्वजनिक जमीन पर बनाई गई मछली हाट के समीप पान व अन्य दुकानों व घरों को हटाकर जमीन को अतिक्रमणमुक्त किया जाना था. लेकिन जैसे ही प्रशासन की ओर से एक दुकान की जाफरी व खूंटा हटाया गया स्थानीय लोग पुलिस टीम के सामने आकर विरोध करने लगे. देखते ही देखते ये नोकझोंक पथराव तक पहुंच गया.
पुलिस को हटना पड़ा पीछे
मौके पर मौजूद सैंकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष, युवा व बच्चों ने अंधाधुंध रोड़ेबाजी पुलिस की टीम पर करनी शुरू कर दी. ये रोड़ेबाजी जो करीब आधे घंटे तक जारी रही. इस दौरान लोगों के द्वारा जेसीबी मशीन के शीशे को भी चकनाचूर कर दिया गया. इस रोड़ेबाजी में आधे दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गये. ऐसे में ग्रामीणों के तेबर देख पुलिस के अपने पांव पीछे करने पड़े. हालांकि लोग यहीं नहीं माने पुलिस के पीड़े हटते ही लोगों ने पूल के समीप मुख्य सड़क को जाम कर आवाजाही ठप करा दी.
खाली करा ली गई अतिक्रमित जमीन
गौरतलब हो कि 13 मार्च 2020 को भी लोक शिकायत निवारण कार्यालय के निर्देश पर अतिक्रमण खाली कराने पहुंची थाना पुलिस को लोगों के भारी विरोध के कारण बिना अतिक्रमण खाली कराये बैरंग वापस लौटना पड़ा था. वहीं रोड़ेबाजी के बाद प्रशासन ने साहरघाट, खिरहर और अरेर थाना व अन्य पुलिस को भी मौके पर बुलाना पड़ा. देर शाम अतिक्रमण खाली कराने का अभियान पुलिस छावनी के बीच शुरू किया गया जिसे शाम तक पूरा कर लिया गया.