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मधुबनी: मानसून से बढ़ा कमला बलान नदी का जल स्तर, बाढ़ की डर से सहमे लोग - People fear of flood in madhbani

कमला बलान नदी का पानी बढ़ने से ग्रामीणों को बाढ़ का डर सता रहा है. लोगों का कहना है कि कभी भी पानी का दबाव बढ़ सकता है. बाढ़ अगर आ गयी तो पूरा गांव बह जाएगा.

नदी का पानी
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Published : Jul 12, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 12:07 PM IST

मधुबनी: मानसून के दस्तक देते ही लोगों को बाढ़ का खतरा डराने लगा है. यहां के कमला बलान नदी में पानी का स्तर बढ़ गया है. जिस कारण नदी किनारों का बांध टूटने लगा है. जिससे ग्रामीणों को बाढ़ का डर सता रहा है. वहीं, प्रशासन की ओर से अबतक कोई सुध लेने नहीं आया है.

पेश है रिपोर्ट

सुरंग होना हुआ शुरू
दरअसल, जिले में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश से परतापुर स्थित कमला बलान नदी में पानी का स्तर काफी बढ़ गया है. नदी के बांध पर सुरंग होना शुरू हो गया है. ग्रामीणों के मुताबिक लोगों को नदी के किनारे से गुजरने में काफी डर लग रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नदी में पानी काफी बढ़ गया है. जमीनों का कटाव होना शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि पानी का दबाव बढ़ने से नदी का पूर्वी तटबंध कभी भी टूट सकता है. जिसमें कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. प्रशासन ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया है. लोगों का कहना है कि बांध की कभी मरम्मत नहीं की गई.

पहले घट चुकी है घटना
बता दें कि इससे पहले 1987 और 2002 में भी इस प्रकार की घटना घट चुकी है. जिसमें कई गांव डूब गए थे. उसके बावजूद प्रशासन की ओर से इस मसले पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

madhubani
नदी के किनारे टूटा तटबंध

मधुबनी: मानसून के दस्तक देते ही लोगों को बाढ़ का खतरा डराने लगा है. यहां के कमला बलान नदी में पानी का स्तर बढ़ गया है. जिस कारण नदी किनारों का बांध टूटने लगा है. जिससे ग्रामीणों को बाढ़ का डर सता रहा है. वहीं, प्रशासन की ओर से अबतक कोई सुध लेने नहीं आया है.

पेश है रिपोर्ट

सुरंग होना हुआ शुरू
दरअसल, जिले में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश से परतापुर स्थित कमला बलान नदी में पानी का स्तर काफी बढ़ गया है. नदी के बांध पर सुरंग होना शुरू हो गया है. ग्रामीणों के मुताबिक लोगों को नदी के किनारे से गुजरने में काफी डर लग रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नदी में पानी काफी बढ़ गया है. जमीनों का कटाव होना शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि पानी का दबाव बढ़ने से नदी का पूर्वी तटबंध कभी भी टूट सकता है. जिसमें कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. प्रशासन ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया है. लोगों का कहना है कि बांध की कभी मरम्मत नहीं की गई.

पहले घट चुकी है घटना
बता दें कि इससे पहले 1987 और 2002 में भी इस प्रकार की घटना घट चुकी है. जिसमें कई गांव डूब गए थे. उसके बावजूद प्रशासन की ओर से इस मसले पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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नदी के किनारे टूटा तटबंध
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Body:मधुबनी
मानसून के दस्तक देते ही कमला बलान नदी तट पर बसे लोगों के ऊपर बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है।मूसलाधार बारिश होने के कारण कमला बलान के पूर्वी तटबंध काफी क्षतिग्रस्त हो गयी है तटबंध में बड़े-बड़े सुरंगे और दरारें हो चुके हैं लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण बांध का मरम्मत कार्य बाढ़ आने से पूर्ब नहीं किया गया । प्रशासन कुंभकरण निद्रा में सोई हुई थी बांध का मरम्मत का कार्य अभी तक नहीं किया गया है बांध के सुरंगे काफी गहरी हो चुकी है।मुसलाधार बारिश के कारण कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।पानी का दबाव बढ़ने से कमला बलान का पूर्वी तटबंध कभी भी टूट सकता है और दर्जनों गांवो को अपने आगोश में बाढ़ ले ले सकती हैं।यह बाढ़ प्रवाहित इलाका है। दो बर्ष पूर्ब भी परतापुर घाटके समीप बाँध टूटने के कगार पर थी बांध काफी कमजोर हो चुकी है।ग्रामीणों ने बताया किसी भी प्रकार का बांध पर मरम्मति कार्य नहीं किया गया है नदी में पानी आने के साथ ही डर हम लोगों को हो रहा है।बता दें कि इलाका बाढ़ प्रभावित इलाका है 2002 और 1987 ईस्वी में यह बांध क्षतिग्रस्त हुआ था। इस मामले पर कोई भी अधिकारी बोलने से परहेज करते नजर आए।
बाइट ग्रामीण परतापुर
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
Last Updated : Jul 12, 2019, 12:07 PM IST
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