मधुबनीः बिहार के मधुबनी में पुलिस को शराब की बड़ी खेप हासिल हुई है. यहां एक पेट्रोल पम्प पर खड़े दस चक्का ट्रक से भारी मात्रा में शराब के साथ पुलिस ने कई सारे लोगों को गिरफ्तार (Many people arrested with liquor in Madhubani) किया है. बिस्फी थाना पुलिस को शराब मामले में बड़ी सफलता मिली है. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एचपी पैट्रोल पम्प पर खड़े दस चक्का ट्रक में भारी मात्रा में शराब है. इस सूचना पर ही पुलिस ने वहां छापा मारा.
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कपड़ों के बीच रखी थी शराबः पुलिस दल बल के साथ तलाशी लेने के लिए वहां पहुंची. तलाशी लेने के दौरान पुलिस को कपड़े के बीच में भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है. बिस्फी थाना अध्यक्ष राज कुमार राय ने बताया गुप्त सूचना के आधार पर पेट्रोल पंप पर खड़ी ट्रक की तलाशी ली गई. इसमें भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है. शराब के साथ-साथ ट्रक चालक, खलासी और कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस उन तस्करों से पूछताछ कर रही है. शराब तस्कर कपड़े के बीच में शराब को ले जाने की कोशिश में थे. इसे पुलिस ने नाकाम कर दिया है.
"गुप्त सूचना के आधार पर पेट्रोल पंप पर खड़ी ट्रक की तलाशी ली गई. इसमें भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है. शराब के साथ-साथ ट्रक चालक, खलासी और कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है" - राज कुमार राय, थाना अध्यक्ष, बिस्फी
बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी : गौरतलब है कि अप्रैल में पहली बार शराब पीने के अपराध में 3075 अभियुक्तों को पकड़ा गया. जिनसे करीब 52 लाख 26 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया. वहीं, मई में 5887 लोगो की गिरफ्तारी की गई है. और 1.39 करोड़ की वसूली की गई है. वहीं, जून में 8651 गिरफ्तसरी, 2.06 करोड़ वसूली, जुलाई में 11,557 गिरफ्तारी, 2.90 करोड़ वसूली, अगस्त में 18,757 गिरफ्तारी, 5.63 करोड़ वसूली, सितंबर 20,690 गिरफ्तारी, 5.03 करोड़ वसूली की गई है. इसके अलावा संशोधन कानून से पहले दर्ज मामलों में 3559 अभियुक्तों को भी धारा 37 के तहत दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है.
बिहार में शराबबंदी कानून: बता दें कि 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून (Bihar Prohibition and Excise Act 2016) लागू है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.