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मधुबनीः ग्रीन जोन में उपलब्ध होंगी मातृ, शिशु और किशोरी से जुड़ी सेवाएं

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार मातृ, शिशु और किशोरी से जुडी स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं फिर से बहाल होंगी. कंटेनमेंट और बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सेवाएं उपलब्ध कराईं जाएंगी.

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Published : May 29, 2020, 9:00 AM IST

मधुबनी
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मधुबनीः कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन ने कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. लेकिन अब सरकार ने प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु, किशोरी स्वास्थ्य और पोषण (आरएमएनसीएच प्लस एन) सेवाओं को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. इसे लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पत्र जारी कर दिशा निर्देश दिया है.

दिशा निर्देश के अनुसार आरएमएनसीएच प्लस एन की सेवाएं बफर जोन को छोड़कर ग्रीन जोन में सुलभ होंगी. जबकि प्रसव संबंधी सेवाएं ग्रीन जोन के साथ-साथ कांटेनमेंट और बफर जोन में भी सामान रूप से उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा महिलाएं, बच्चे और किशोरों के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को उनकी कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किए प्रदान की जाएगी.

डोर-टू-डोर उपलब्ध होंगी सेवाएं
गाइडलाइन्स के अनुसार कैंपेन मोड की सेवाओं को वैकल्पिक माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सेवाओं की डोर-टू-डोर उपलब्ध कराने पर बल दिया जाएगा. जिसमें विटामिन ए, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा, राष्ट्रीय डीवर्मिंग डे एवं टेस्ट ट्रीट और टॉक कैंप फॉर एनीमिया जैसे कैंपेन मोड की सेवाएं शामिल होंगी.

प्रसव संबंधी सेवाओं को लेकर निर्देश
कंटेनमेंट और बफर जोन के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव संबंधी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी. प्रसव पूर्व सेवाओं के तहत प्रसव पूर्व जांच, सशर्त वीएचएसएनडी ( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) और पीएमएसएमए (प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) की सुविधा बफर जोन को छोड़कर सभी ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कंटेनमेंट और बफर जोन में वीएचएसएनडी और पीएमएसएमए का आयोजन नहीं होगा. प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाना होगा.

प्रसव उपरांत देखभाल की सेवाएं बिना किसी अवरोध की बफर जोन को छोड़कर ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कंटेनमेंट और बफर जोन में प्रसव उपरांत देखभाल सेवाएं टेलीकंसल्टेशन के जरिए दी जाएगी.

नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी किया जाएगा नियमित
नवजात एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदान की जाने सेवाएं जैसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू), गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी), गृह आधारित बड़े बच्चों की देखभाल(एचबीवाईसी), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) और पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी) बफर जोन से परे ग्रीन जोन में पहले की तरह शुरू की जाएगी. जबकि कांटेनमेंट और बफर जोन में ये सेवाएं कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान की जाएगी. जिसमें कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किये बीमार बच्चों को नजदीकी एसएनसीयू में सुविधा मिलेगी एवं एचबीएनसी/एचबीवाईसी सेवाओं को टेलीकंसल्टेशन के जरिए उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच केवल अस्पताल में होगी, जहां प्रसव संबधी सेवाएं दी जा रही है. वहीं कांटेनमेंट और बफर जोन में उचित रेफरल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अति-कुपोषित बच्चों को नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा.

प्रजनन स्वास्थ्य सेवा को लेकर निर्देश
प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत नसबंदी, कॉपर-टी और प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा बफर जोन के बाहर एवं ग्रीन ज़ोन में पहले की तरह प्रदान की जाएगी. लेकिन कांटेनमेंट और बफर जोन में सशर्त सेवाएं प्रदान की जाएगी. फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी जहां प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी. प्रसव उपरांत या गर्भपात उपरांत नसबंदी सेवा उन्हीं महिलाओं को मिल सकेगी जो अस्पताल में पहले से होंगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी.

किशोरी स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ख्याल
किशोरी के लिए वितरित की जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट और सेनेटरी पैड का वितरण बफर जोन के आलवा ग्रीन जोन में पहले की तरह प्रदान करायी जाएगी. यहां एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक (एएफएचसी) खुली रहेंगी. लेकिन कंटेनमेंट और बफर जोन में एएफएचसी का संचालन टेलीकंसल्टेशन के जरिए होगा.

मधुबनीः कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन ने कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. लेकिन अब सरकार ने प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु, किशोरी स्वास्थ्य और पोषण (आरएमएनसीएच प्लस एन) सेवाओं को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. इसे लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पत्र जारी कर दिशा निर्देश दिया है.

दिशा निर्देश के अनुसार आरएमएनसीएच प्लस एन की सेवाएं बफर जोन को छोड़कर ग्रीन जोन में सुलभ होंगी. जबकि प्रसव संबंधी सेवाएं ग्रीन जोन के साथ-साथ कांटेनमेंट और बफर जोन में भी सामान रूप से उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा महिलाएं, बच्चे और किशोरों के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को उनकी कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किए प्रदान की जाएगी.

डोर-टू-डोर उपलब्ध होंगी सेवाएं
गाइडलाइन्स के अनुसार कैंपेन मोड की सेवाओं को वैकल्पिक माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सेवाओं की डोर-टू-डोर उपलब्ध कराने पर बल दिया जाएगा. जिसमें विटामिन ए, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा, राष्ट्रीय डीवर्मिंग डे एवं टेस्ट ट्रीट और टॉक कैंप फॉर एनीमिया जैसे कैंपेन मोड की सेवाएं शामिल होंगी.

प्रसव संबंधी सेवाओं को लेकर निर्देश
कंटेनमेंट और बफर जोन के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव संबंधी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी. प्रसव पूर्व सेवाओं के तहत प्रसव पूर्व जांच, सशर्त वीएचएसएनडी ( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) और पीएमएसएमए (प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) की सुविधा बफर जोन को छोड़कर सभी ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कंटेनमेंट और बफर जोन में वीएचएसएनडी और पीएमएसएमए का आयोजन नहीं होगा. प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाना होगा.

प्रसव उपरांत देखभाल की सेवाएं बिना किसी अवरोध की बफर जोन को छोड़कर ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कंटेनमेंट और बफर जोन में प्रसव उपरांत देखभाल सेवाएं टेलीकंसल्टेशन के जरिए दी जाएगी.

नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी किया जाएगा नियमित
नवजात एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदान की जाने सेवाएं जैसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू), गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी), गृह आधारित बड़े बच्चों की देखभाल(एचबीवाईसी), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) और पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी) बफर जोन से परे ग्रीन जोन में पहले की तरह शुरू की जाएगी. जबकि कांटेनमेंट और बफर जोन में ये सेवाएं कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान की जाएगी. जिसमें कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किये बीमार बच्चों को नजदीकी एसएनसीयू में सुविधा मिलेगी एवं एचबीएनसी/एचबीवाईसी सेवाओं को टेलीकंसल्टेशन के जरिए उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच केवल अस्पताल में होगी, जहां प्रसव संबधी सेवाएं दी जा रही है. वहीं कांटेनमेंट और बफर जोन में उचित रेफरल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अति-कुपोषित बच्चों को नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा.

प्रजनन स्वास्थ्य सेवा को लेकर निर्देश
प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत नसबंदी, कॉपर-टी और प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा बफर जोन के बाहर एवं ग्रीन ज़ोन में पहले की तरह प्रदान की जाएगी. लेकिन कांटेनमेंट और बफर जोन में सशर्त सेवाएं प्रदान की जाएगी. फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी जहां प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी. प्रसव उपरांत या गर्भपात उपरांत नसबंदी सेवा उन्हीं महिलाओं को मिल सकेगी जो अस्पताल में पहले से होंगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी.

किशोरी स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ख्याल
किशोरी के लिए वितरित की जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट और सेनेटरी पैड का वितरण बफर जोन के आलवा ग्रीन जोन में पहले की तरह प्रदान करायी जाएगी. यहां एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक (एएफएचसी) खुली रहेंगी. लेकिन कंटेनमेंट और बफर जोन में एएफएचसी का संचालन टेलीकंसल्टेशन के जरिए होगा.

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