मधुबनी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर, नल से जल' योजना जिले में सफेद हाथी साबित हो रहा है. महीनाथपुर पंचायत के कई वार्डों में नल लगने के बावजूद उससे पानी की एक बूंद भी नहीं निकल सकी. अब ऐसे में आलम यह है कि जिन घरों में पानी के लिए नल लगा हुआ है, लोग उसका इस्तेमाल जानवरों को बांधने के लिए खूंटे के रूप में कर रहे हैं.
बिछ चुका है पाइपलाइन
बताया जाता है कि पंचायत के गांवों में 8 महीनों पहले नल-जल योजना के तहत हर घर में पाइप लाइन और नल लगा दी गई. लेकिन फिर लोगों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हुआ. इस मामले पर ग्रामीणों का आरोप है कि नल-जल योजना में भारी लूट मची है. सरकार के लाखों रुपये का बंदरबांट किया जा रहा है. घरों में जलापूर्ति के लिए जो पाइप बिछाये जा रहे हैं, वह घटिया क्वालिटी के हैं.
मानक के अनुरूप नहीं हो रहा काम
ग्रामीणों का कहना है कि योजना में मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है. जो पाइप बिछाये गए हैं, वह घटिया क्वालिटी के हैं. मात्र 10 इंच से एक फुट गढ्ढा काट कर ही पाइप डाले गए हैं. जबकि प्रावधान के अनुसार तीन फुट गड्ढा काट कर पाइप बिछाना है. इस योजना में एक घर में तीन नल बैठाने की योजना है. जबकि ऐसा नहीं किया गया है. लोगों के मुताबिक मार्च में ही ठेकेदार भुगतान लेकर काम की खानापूर्ति कर चला गया और दोबारा वापस नहीं आया. इस योजना में राशि का दुरुपयोग कर लूट खसोट की गई है.
संवेदक पर की जाएगी कार्रवाई- एसडीएम
वहीं, इस मामले पर झंझारपुर एसडीएम अंसुल अग्रवाल का कहना है कि इस योजना में काफी शिकायत मिल रही है. अब तक काम पूरा हो जाना चाहिए था, जो नहीं हुआ है. संबंधित संवेदक पर जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी, साथ ही इसमें संलिप्त प्राधिकारी के ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी. अगर काम सही से नहीं हुआ होगा तो नए सिरे से इस योजना के कार्य को संपन्न किया जाएगा.