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पंच तत्व में विलीन हुए पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल, बेलहा बथनाहा गांव में हुआ अंतिम संस्कार - Etv BharatNews

समाजवादी चिंतक हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल (Former Governor Dhanik Lal Mandal)मंडल का मंगलवार अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव घोघरदीहा प्रखंड के बेलहा बथनाहा गांव में किया गया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

लाल धनिक लाल मंडल
लाल धनिक लाल मंडल
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Published : Nov 15, 2022, 10:30 PM IST

मधुबनी : समाजवादी चिंतक हरियाणा के पूर्व राज्यपाल व मिथिला के लाल धनिक लाल मंडल का मंगलवार को उनके पैतृक गांव बेलहा बथनाहा गांव में अंतिम संस्कार किया गया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार (funeral with state honors in madhubani) किया गया. मुखाग्नि उनके जेष्ठ पुत्र विधायक भारत भूषण मंडल ने दी. पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन करने के लिए उनके गांव बिल्हा में रखा गया था. जहां लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.

ये भी पढ़ें : बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष का निधन, सीएम नीतीश ने व्यक्त की शोक संवेदना

मिथिलांचल में शोक की लहर है: मिथिला के लाल धनिक लाल मंडल के अंतिम दर्शन करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव, बिहार सरकार के परिवहन मंत्री शीला मंडल, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, पूर्व विधायक जगत नारायण सिंह, पूर्व विधायक राम कुमार यादव, पूर्व विधायक सतीश कुमार साह, मधुबनी डीएम अमित कुमार वर्मा, एसपी सुशील कुमार सहित गणमान्य लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

धनिक लाल कुशल प्रशासक एवं मृदुभाषी विद्वान नेता थे: विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने धनिक लाल मंडल के कृतित्व एवं व्यक्तित्व के सम्बंध में कहा कि धनिक लाल मंडल मधुबनी जिला के बेलहा गांव के रहने वाले थे. जेपी आंदोलन के दौरान उनके साथ जेल यात्रा करने वाले पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष एवं हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल के निधन से देश ने एक कुशल राजनेता को खो दिया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार मिथिला के लाल धनिक लाल कुशल प्रशासक एवं मृदुभाषी विद्वान नेता थे.

मधुबनी के बेलहा में धनिक लाल का हुआ था जन्म : बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि धनिक लाल मंडल का जन्म 30 मार्च 1932 को बिहार के मधुबनी के बेलहा में हुआ था. मंडल 1967, 1969 और 1972 में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए. वह 1967 में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहे. धनिक लाल मंडल 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए और जनवरी 1980 तक गृह राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने सेवाएं दी. वे 1980 में दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. जबकि आचार्य सोमदेव ने अपने जीवन काल में मैथिली साहित्य के क्षेत्र में, जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय है.

मधुबनी : समाजवादी चिंतक हरियाणा के पूर्व राज्यपाल व मिथिला के लाल धनिक लाल मंडल का मंगलवार को उनके पैतृक गांव बेलहा बथनाहा गांव में अंतिम संस्कार किया गया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार (funeral with state honors in madhubani) किया गया. मुखाग्नि उनके जेष्ठ पुत्र विधायक भारत भूषण मंडल ने दी. पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन करने के लिए उनके गांव बिल्हा में रखा गया था. जहां लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.

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मिथिलांचल में शोक की लहर है: मिथिला के लाल धनिक लाल मंडल के अंतिम दर्शन करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव, बिहार सरकार के परिवहन मंत्री शीला मंडल, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, पूर्व विधायक जगत नारायण सिंह, पूर्व विधायक राम कुमार यादव, पूर्व विधायक सतीश कुमार साह, मधुबनी डीएम अमित कुमार वर्मा, एसपी सुशील कुमार सहित गणमान्य लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

धनिक लाल कुशल प्रशासक एवं मृदुभाषी विद्वान नेता थे: विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने धनिक लाल मंडल के कृतित्व एवं व्यक्तित्व के सम्बंध में कहा कि धनिक लाल मंडल मधुबनी जिला के बेलहा गांव के रहने वाले थे. जेपी आंदोलन के दौरान उनके साथ जेल यात्रा करने वाले पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष एवं हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल के निधन से देश ने एक कुशल राजनेता को खो दिया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार मिथिला के लाल धनिक लाल कुशल प्रशासक एवं मृदुभाषी विद्वान नेता थे.

मधुबनी के बेलहा में धनिक लाल का हुआ था जन्म : बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि धनिक लाल मंडल का जन्म 30 मार्च 1932 को बिहार के मधुबनी के बेलहा में हुआ था. मंडल 1967, 1969 और 1972 में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए. वह 1967 में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहे. धनिक लाल मंडल 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए और जनवरी 1980 तक गृह राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने सेवाएं दी. वे 1980 में दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. जबकि आचार्य सोमदेव ने अपने जीवन काल में मैथिली साहित्य के क्षेत्र में, जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय है.

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